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विदेश में फर्ज़ी केस में फंसाने की धमकी दे लूटते हैं, फिर करते हैं वर्चुअल किडनैपिंग

वर्चुअल उद्घाटन के बाद पेश है, वर्चुअल किडनैपिंग. पहली बार घर से निकले छात्र अतिरिक्त सतर्क रहें.

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वर्चुअल किडनैपिंग का नया स्कैम (फोटो- आजतक/पेक्सेल)

एक नए स्कैम के बारे में जानकारी मिली है. वर्चुअल किडनैपिंग. किसी शख्स से पैसे निकलवाने के लिए उसके किसी करीबी की फेक किडनैपिंग होती है. हाथ-पैर बंधे हुए फोटो-वीडियो से बिल्कुल रीयल सीन क्रिएट किया जाता है. फिर होती है फिरौती की डिमांड. बाद में पता चलता है कि किडनैपिंग हुई ही नहीं थी. बस नाटक हुआ था.

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ताजा मामले ऑस्ट्रेलिया से सामने आ रहे हैं, जहां एक के बाद एक कई चीनी छात्र इस स्कैम का शिकार हुए हैं. एक महीने में वर्चुअल किडनैपिंग की चार घटनाएं सामने आ चुकी हैं. 

कैसे फंसा रहे स्कैमर्स?

निशाना बने छात्रों की उम्र 17 से 23 साल के बीच है. पहले इन्हें आता है एक अनजान फोन कॉल. बात करने वाला खुद को चीनी दूतावास या चीनी पुलिस बताता है. और छात्रों से कहता है कि वो किसी क्राइम में फंस गए हैं. इसीलिए उन्हें अपने देश वापस लौटना होगा और फिर गिरफ्तारी होगी. घबराकर छात्र पूछते हैं कि कोई रास्ता है क्या. बात करते करते ठग फोन से वॉट्सएप और वीचैट पर आ जाते हैं. और तब मांगते हैं पैसे, ताकि मामला रफा-दफा हो सके.

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ठग उन्हें एक बैंक अकाउंट में पैसे भेजने को मजबूर करते हैं. फिर और पैसों की डिमांड करते हैं. पैसे खत्म होने पर करवाई जाती है वर्चुअल किडनैपिंग. स्कैमर्स छात्रों से ऐसी तस्वीरें मांगते हैं, जिनमें उनके हाथ-पैर बंधे हों. फिर ये तस्वीरें छात्रों के घर वालों को भेजकर फिरौती की रकम मांगी जाती है.

जैसे एक 17 साल के लड़के को पोस्ट ऑफिस कर्मचारी बनकर एक ठग ने फोन किया. और कहा कि उसके नाम के एक पैकेज में ऐसा सामान मिला है, जो बैन है. अब जांच के लिए चीनी पुलिस को भेजा गया है. बेगुनाही साबित करने के लिए उसे 20,000 USD (करीब 16 लाख रुपये) भरने होंगे. जब इतने पैसे छात्र खुद नहीं दे पाया. तब परिवार से पैसे निकलवाने के लिए उसी छात्र की वर्चुअल किडनैपिंग की गई. 

ऑस्ट्रेलिया की वेबसाइट News.com.au के मुताबिक, स्कैमर्स अब तक लगभग USD 750,000 (करीब 6 करोड़ रुपये) हड़प चुके हैं. रॉबरी एंड सीरियस क्राइम स्क्वाड कमांडर, डिटेक्टिव सुपरिटेंडेंट जो डौइही ने बताया कि स्कैम करने वाले उन विदेशी छात्रों को निशाना बना रहे हैं, जो पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया आए हैं. ये लोग पहली बार अपने घर से दूर, नए देश में रह रहे हैं.

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छात्रों के लिए चेतावनी जारी की गई है कि इस तरह के फोन आए तो तुरंत अधिकारियों को सूचना दें. चीनी प्रतिनिधियों ने भी आश्वासन दिया है कि उनका कोई अधिकारी कभी किसी चीनी छात्र से संपर्क नहीं करेगा. ना उनसे या उनके परिवारों से पैसे की मांग करेगा.

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