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फेफड़ों की इस बीमारी से लोग मर रहे हैं पर उनको इसका नाम तक नहीं पता!

क्या है ये COPD?

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COPD के मरीजों को इनहेलर्स लंबे समय तक लेना पड़ सकता है
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो भी सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछ लें. लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

निशि लखनऊ की रहने वाली हैं. 27 साल की हैं. उनकी मम्मी को मार्च के महीने में कोविड हुआ था. वो बच नहीं पाईं. हमें निशि का मेल आया. मेरी उनसे बात भी हुई. निशि ने बताया उनकी मम्मी को COPD था. COPD का मतलब होता है Chronic obstructive pulmonary disease. आसान भाषा में समझें तो लंग्स की बीमारी जो सांस लेने में परेशानी पैदा करती हैं. अब ऐसी हालत में जब निशि की मम्मी को कोविड हुआ तो उनकी हालत और सीरियस हो गई. आप सबने सुना ही होगा कि कोविड से बहुत लोगों के लंग्स खराब हो रहे हैं. और अगर ऐसे में पहले से ही कोई दिक्कत है तो बात और बिगड़ जाती है. निशि की बात सुनकर जब मैनें COPD के बारे में और पढ़ना शुरू किया तो मुझे धक्का लगा.
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Economic Times में छपी ख़बर के मुताबिक, हिंदुस्तान COPD के मामले में दुनिया की राजधानी है. World's Capital. हमारे देश में AIDS, TB, मलेरिया और डायबिटीज से जितनी मौतें होती हैं, उन सबको मिलाकर उससे ज़्यादा COPD से होती हैं. और डरावनी बात पता है क्या है? 99. 15 प्रतिशत लोगों ने COPD का नाम भी नहीं सुना है. सोचिए. इसलिए हमने सोचा लोगों तक इसके बारे में जानकारी पहुंचाना बेहद ज़रूरी है. ताकि अगर आपको इसके लक्षण महसूस हों तो कम से कम आपको पता तो हो आपको हो क्या रहा है. इसलिए सबसे पहले जानते हैं COPD क्या होता है, क्यों होता है और कोविड में ये और ख़तरनाक क्यों है. क्या होता है COPD? ये हमें बताया डॉक्टर दीपक ने.
डॉक्टर दीपक शुक्ला, एमबीबीएस, एमडी पल्मनोलॉजी, गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, उदयपुर
डॉक्टर दीपक शुक्ला, एमबीबीएस, एमडी पल्मनोलॉजी, गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, उदयपुर


-COPD जिसे हम Chronic Obstructive Pulmonary Disease भी कहते हैं
-यह एक ऐसी बीमारी है जिसे हम प्रिवेंट तो कर सकते हैं
-लेकिन ये इरिवर्सिबल डैमेज करती है
-इरिवर्सिबल डैमेज यानी अगर एक बार डैमेज हो चुका है फेफड़े को तो दोबारा उसे ठीक नहीं किया जा सकता
-उसके लिए फिर आपको दवाई ही लेनी पड़ेगी क्यों होता है COPD? -फेफड़े में जब लंबे समय तक कोई भी हानिकारक गैसेस रहती हैं, जैसे स्मोक
-चिमनी में कोई काम करता है या चूल्हे पर लंबे समय तक काम करता है
-अगर कोई स्मोकिंग कर रहा है
-ऐसे मरीजों में फेफड़े तक सांस पहुंचाने वाली ट्यूब जिन्हें हम ब्रोन्कियल ट्यूब कहते हैं, वो क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और सूजन आ जाती है
-जिसके कारण फेफड़े तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचती है
-इसी बीमारी को COPD यानी Chronic obstructive pulmonary disease कहते हैं लक्षण -लक्षण जो देखने में आते हैं वो खांसी होती है
-खांसी के साथ बलगम होता है और सांस लेने में तकलीफ होती है
-ये बीमारी आमतौर पर सालभर लगातार बनी रहती है
4 Biggest Myths About Your COPD — and How to Cope – Health Essentials from Cleveland Clinic COPD जिसे हम Chronic Obstructive Pulmonary Disease भी कहते हैं


-कम-ज्यादा होती है लेकिन इसमें सालभर में आराम का कोई एपिसोड नहीं होता है
-ये बीमारी साल भर में कम-ज्यादा होती रहेगी लेकिन बनी रहेगी इलाज -अगर लक्षण देखने को मिल रहे हैं तो तुरंत पल्मनोलॉजिस्ट के पास जाएं
-जो कि आपको सटीक इलाज देंगे
-इसका जो इलाज होता है सिंपल इन्हेलर थेरेपी दी जाएगी
-पंप दिये जाते हैं
-जो पंप दिये जाते हैं, इसमें दवाई की मात्रा बहुत कम होती है
-सीधे फेफड़े तक जाती है तो इसके साइड इफेक्ट न के बराबर होते हैं और एक्शन तुरंत होता है
-इसीलिए इनहेलर्स COPD के मरीजों के लिए बेस्ट है
-COPD के मरीजों को इनहेलर्स लंबे समय तक लेना पड़ सकता है
-क्योंकि ये बीमारी इरिवर्सिबल है तो लंग्स को बचाने के लिए ये दवाइयां लेती रहनी पड़ेंगी
-कोविड की वैक्सीन लें
-निमोनिया, फ्लू का वैक्सीन लेना पड़ेगा. ये हर साल लगते हैं
-नयूमोकोकल वैक्सीन 65 साल के बाद लगती है
COPD: n overview of progressive lung disease | Health Europa COPD के मरीजों को इनहेलर्स लंबे समय तक लेना पड़ सकता है


-पर जिन लोगों के लंग्स डैमेज हो चुके हैं उन्हें डॉक्टर से संपर्क करके ये वैक्सीन लगवानी चाहिए कोविड के दौरान COPD के मरीज़ ज़्यादा रिस्क पर क्यों? -COPD ऑलरेडी फेफड़े की बीमारी है, इसमें फेफड़ा क्षतिग्रस्त हो चुका है
-इम्युनिटी पहले से कम है
-COPD में कोविड होने पर तकलीफें और ज्यादा बढ़कर आती हैं
-सांस लेने में तकलीफ और ज्यादा होगी
-बलगम और ज्यादा बनने लगेगा
-इसके कारण खांसी बढ़ जाएगी
-इससे मरीज कमजोर हो जाएगा
-हो सकता है ज्यादा दिक्कत के कारण लंग्स काम न कर पाएं
-इसलिए कोविड के दौरान हैंड सैनिटाइजेशन, कोविड एटिकेट्स का पूरी तरह से पालन करें
-हमें ये नहीं सोचना है कि कोविड चला गया है क्योंकि हमारे फेफड़े कमजोर है
-हमारी इम्युनिटी पहले से कम है
-जब इम्युनिटी कम है तो कोई भी ऐसा इंफेक्शन पकड़ लेने पर हमारे लंग्स डैमेज हो जाते हैं
-लंग का इंफेक्शन एक बार होने पर लंग का इरिवर्सिबल डैमेज होता है
-इसके लिए हमें कोशिश करनी है कि इंफेक्शन न हो
-ज़रूरी वैक्सीन लगवानी चाहिए
-दवाइयां टाइम पर लेनी होती हैं और डॉक्टर से लगातार मिलना होता है
आपने डॉक्टर साहब की बातें आपने जान लीं. ये कितना ख़तरनाक है आपको पता ही चल गया होगा. इसलिए अगर आपको सांस लेने में परेशानी रहती है तो अपने डॉक्टर से ज़रूर मिलें. इसका इलाज शुरू करवा दें.


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