The Lallantop

आत्महत्या से पहले IPS ऑफिसर ने जो सुसाइड नोट लिखा, वो डरा देने वाला है

मरने वाले ऑफिसर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया है.

Advertisement
post-main-image
रिटायर्ड IPS गौरव दत्त (बाएं) ने खुदकुशी से पहले 8 पन्ने का लेटर लिखा और खुदकुशी के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया.
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता का साल्टलेक इलाका. इसके एफडी ब्लाक में 19 फरवरी, 2019 की रात को पश्चिम बंगाल के एक रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर गौरव चंद्र दत्त ने खुदकुशी कर ली. उन्होंने बाएं हाथ की न स काटकर खुदकुशी की थी. मौके पर पहुंची विधाननगर थाने की पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला. और जब इस सुसाइड नोट की बातें बाहर आईं तो पूरे राज्य की सियासत में हंगामा मच गया.
इस सुसाइड नोट में रिटायर्ड ऑफिसर गौरव चंद्र दत्त ने अपनी खुदकुशी के लिए सीधे तौर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम लिया है. उन्होंने लिखा है कि ममता बनर्जी ने उन्हें पहले तो कंपलसरी वेटिंग पर रखा औ फिर 31 दिसंबर, 2018 को रिटायर होने के बाद उनकी बकाया राशि रोककर खुदकुशी के लिए मज़बूर कर दिया. सुसाइड नोट में ममता बनर्जी का नाम सामने आने के बाद सियासत शुरू हो गई. कभी ममता बनर्जी के खास सिपहसालार रहे और अब बीजेपी के नेता मुकुल रॉय ने कहा कि वो इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मामले की सीबीआई जांच के लिए मांग करेंगे. मुकुल रॉय ने कहा कि पश्चिम बंगाल के इतिहास में ये पहला मौका है, जब किसी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने खुदकुशी की है और इसका आरोप सीधे तौर पर राज्य सरकार और सत्ताधारी पार्टी पर लगा है.
कौन थे गौरव चंद्र दत्त?

गौरव चंद्र दत्त 1986 बैच के ऑफिसर थे.

गौरव चंद्र दत्त 1986 बैच के आईपीएस थे. उनके पिता गोपाल दत्त भी एक आईपीएस ऑफिसर थे और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सुरक्षा में तैनात थे. उनके पिता को पद्मश्री सम्मान भी मिला हुआ है. फरवरी 2010 में जब राज्य में सीपीएम की सरकार थी और बुद्धदेव भट्टाचार्य मुख्यमंत्री थे, तो गौरव दत्त को 9 महीने के लिए सस्पेंड किया गया था. एक सिपाही की पत्नी ने गौरव दत्त पर सेक्शुअल फेवर मांगने के आरोप लगाए थे, जिसके बाद उन्हें 9 महीने के लिए सस्पेंड किया गया था. इसके अलावा 2012 में भी गौरव दत्त पर पैसे के हेरफेर का आरोप लगा था, जिसके बाद उनपर ऐक्शन लिया गया था और उसी के बाद से उन्हें वेटिंग में डाल दिया गया था. 31 दिसंबर, 2018 को गौरव दत्त रिटायर हो गए थे. हालांकि गौरव दत्त ने कहा था कि 2010 में उन्हों भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐक्शन लिया था, तो उनपर आरोप लगाए गए थे.
क्या है सुसाइड नोट में?
सुसाइड नोट कुल 8 पन्नो का है. इसमें गौरव दत्त ने पश्चिम बंगाल सरकार, पश्चिम बंगाल की पुलिस और ममता बनर्जी को कटघरे में खड़ा किया है. सुसाइड नोट में गौरव दत्त ने लिखा है कि उनके खिलाफ दो मामले चल रहे थे. उन्होंने डीजीपी से दोनों केस बंद करने की मांग की थी और ऐसा इसलिए था क्योंकि एक केस की फाइल गुम हो गई थी और दूसरा केस जो भ्रष्टाचार का था, वो साबित नहीं हो पाया था. डीजी ने मुख्यमंत्री से रिक्वेस्ट की थी, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं मानीं. मुझे विभाग में अलग-थलग कर दिया गया था. मुझे छुट्टी नहीं दी जाती थी, मुझे न तो कहीं डेप्युटेशन पर भेजा जा रहा था और न ही मुझे अपना पासपोर्ट रिन्यू करने दिया गया और ये सब मुख्यमंत्री की वजह से हुआ.
IPS गौरव दत्त ने 8 पन्ने का सुसाइड लेटर लिखा है.
IPS गौरव दत्त ने 8 पन्ने का सुसाइड लेटर लिखा है.

गौरव दत्त के मुताबिक, मुझे हैदराबाद में होने वाले मिड कैरियर ट्रेनिंग प्रोग्राम में नहीं भेजा गया, जबकि 2015 में मैं एलिजिबल था. वर्तमान मुख्यमंत्री ने मुझे 10 सालों तक राजनैतिक कारणों से प्रताड़ित किया. मैंने कई बार उनके सेक्रेटरी गौतम सान्याल से मुख्यमंत्री से मिलने के लिए वक्त मांगा, लेकिन गौतम सान्याल ने मिलने के लिए वक्त नहीं दिया. मुख्यमंत्री को पता था कि अगर मेरे खिलाफ केस बंद नहीं किया गया, तो मेरी कमाई, बचत और बकाए पैसे को हमेशा के लिए रोका जा सकता है, इसलिए उन्होंने केस बंद नहीं किया. मुख्यमंत्री ने मेरे ग्रेच्युटी के 30 लाख रुपये, बकाए के 25 लाख रुपये और बची हुई सैलरी के 17 लाख रुपये रोक दिए.
गौरव दत्त के मुताबिक पिछले कई सालों से वो हर साल नॉर्थ ब्लॉक के गृह मंत्रालय के गृह सचिव के दफ्तर जाते रहे हैं. वहां आईएएस आरके सिंह से लेकर आईएएस आर गौबा तक आ गए, लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं सुनी और मैं हर वक्त खाली हाथ लौटता रहा. गौरव दत्त ने लिखा है कि मैंने पिछले 20 साल लेफ्ट सरकार के साथ काम किया है. मैं उनके कई बड़े नेताओं को निजी स्तर पर जानता हूं. इनमें सीताराम येचुरी, बिनॉय कृष्ण चौधरी, ज्योति बसु, बुद्धदेव भट्टाचार्य और नज़रुल इस्लाम हैं. गौरव दत्त ने लिखा है कि पश्चिम बंगाल में कोई भी अधिकारी मुख्यमंत्री के खिलाफ मुंह नहीं खोल सकता है. जो मुख्यमंत्री के पसंदीदा अधिकारी हैं, उन्हें बंगला और एसयूवी दी जाती है. कोलकाता के कमिश्नर पर हुए सीबीआई के साथ टकराव को भी गौरव दत्त ने नौटंकी करार दिया है. गौरव दत्त के मुताबिक फंड रोके जाने की वजह से उनके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वो अपनी पत्नी का इलाज करवा सकें. अगर मैं सम्मान से जी नहीं सकता, तो सम्मान से मर जाना ही बेहतर है. आत्महत्या के बाद सरकार उनका फंड जारी करने के लिए बाध्य हो जाएगी और इसकी वजह से उनका परिवार सम्मान के साथ जी सकेगा.
अपने दोस्त के साथ गौरव दत्त.
अपने दोस्त के साथ गौरव दत्त.

गौरव दत्त का ये सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इसके बाद से पूरा विपक्ष ममता बनर्जी पर हमलावर है. स घटना के एक हफ्ते बीत जाने के बाद भी ममता बनर्जी, उनकी पार्टी या बंगाल पुलिस की ओर से इस मामले में कोई बयान नहीं आया है. हां, गौरव दत्त की पत्नी श्रेयसी दत्त ने कहा है कि उन्होंने ये लेटर अपने कई दोस्तों को भी भेजा था.
लेकिन ये बंगाल है, जहां सत्ता में ममताा बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस है. बीजेपी चौथे नंबर से खिसककर दूसरे पर पहुंच गई है और पहले पर पहुंचने की कोशिश कर रही है. 34 साल तक सत्ता में रहे वाम दल अपनी पुरानी ज़मीन तलाश रहे हैं और कांग्रेस तो बस गठबंधन के सहारे नैया पार करने की कोशिश कर रही है. और विपक्ष की इन सभी पार्टियों को ममता बनर्जी पर हमला करने के लिए मुफीद मौका मिल गया है, क्योंकि ये साल 2019 है. और ये चुनाव का साल है.


 

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement