
फिल्म का नया पोस्टर.
फरवरी में बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में इसका पहला प्रदर्शन हुआ और लोगों ने खड़े होकर अभिवादन किया. फिल्म ने यहां आर्ट सिनेमा प्राइज़ भी जीता. फिर ये फिल्म एक और महत्वपूर्ण फिल्म मेले ट्रिबेका फिल्म फेस्टिवल-2017 के इंटरनेशनल नैरेटिव कंपीटिशन में चुनी गई. 24 से 27 अप्रैल के बीच नॉर्थ अमेरिका में होने वाले इस फेस्ट में भी फिल्म दिखाई गई.

एक दृश्य में लड़की देखने पहुंचा राजकुमार राव का कैरेक्टर.
राजकुमार राव के अलावा भी फिल्म में ऐसे एक्टर्स हैं जिनको देखकर चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी. जैसे रघुबीर यादव (लगान, सलाम बॉम्बे पीपली लाइव), पंकज त्रिपाठी (मसान, निल बटे सन्नाटा, गैंग्स ऑफ वासेपुर), संजय मिश्रा (आंखों देखी, मसान) और अंजलि त्रिपाठी (मिर्जया).
'सुलेमानी कीड़ा' (2014) जैसी आकर्षक कॉमेडी बनाने वाले अमित मासुरकर ने 'न्यूटन' को डायरेक्ट किया है.

डायरेक्टर अमित.
इसकी कहानी चुनाव के एक दिन की है. जिसमें एक जिद्दी और आदर्शवादी सरकारी अधिकारी निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए छत्तीसगढ़ के जंगल में भेजा गया है. गांव में मुट्ठी भर लोग हैं जो सुरक्षा बलों औऱ नक्सलवादियों के बीच फंसे हुए हैं. एक मिलिट्री कमांडेंट भी है जो इस एक्सरसाइज को लेकर बहुत पॉजिटिव नहीं है. लेकिन न्यूटन की जिद है कि वो अपना फर्ज निभाकर रहेगा. आगे इस ब्लैक कॉमेडी में उसे और दर्शकों, दोनों को बहुत कुछ रियलाइज़ होता है.

एक सीन में वोटिंग मशीन लेकर दौड़ता राजकुमार राव का कैरेक्टर.
नक्सलवाद और चुनावी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को लेकर बनने वाली 'न्यूटन' पहली फिल्म लगती है. बताया जाता है कि डायरेक्टर अमित ने फिल्म को लेकर जो रिसर्च की उसमें एक्टिविस्टों से लेकर शिक्षाविदों और पत्रकारों तक से काफी बातें कीं और सही मायनों में इस समस्या को समझने की कोशिश की. अगर ऐसा सही रूप में है तो ये प्रोजेक्ट उत्साह जगाता है.
इंडिया में फिल्म का पहला टीज़र हाल में आयाः
इससे काफी पहले हमने फिल्म का ट्रेलर आपको दिखाया था. बर्लिन फिल्म फेस्ट में भी इसकी फुटेज दिखाई गई थी जिसे यहां
देख सकते हैं .
भारतीय ट्रेलर मंगलवार को रिलीज किया गया है. देखेंः
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