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'Delhi के उप राज्यपाल को लगता है वो खुद ही कोर्ट हैं... ' सुप्रीम कोर्ट ने वीके सक्सेना को इतना क्यों सुना दिया?

Supreme Court ने एक मामले में LG VK Saxena की भूमिका को छिपाने की कोशिशों पर भी नाराजगी जताई. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि LG के निर्देश पर DDA ने दक्षिणी रिज क्षेत्र में लगभग 1,100 पेड़ काटे हैं. जानिए क्या है पूरा मामला.

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दिल्ली के उपराज्यपाल VK सक्सेना (फाइल फोटो- आजतक)

कोर्ट से परमिशन लिए बिना पेड़ काटने को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है (Supreme Court Raps Delhi LG Tree Cutting). खबर है कि पेड़ काटने को लेकर दिल्ली विकास प्राधिकरण DDA का आवेदन कोर्ट में पेंडिंग था, लेकिन इस बीच ही LG की तरफ से पेड़ काटने की अनुमति दे दी गई. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि LG के निर्देश पर DDA ने दक्षिणी रिज क्षेत्र में लगभग 1,100 पेड़ काटे हैं. ये अदालत के पूर्व आदेशों का उल्लंघन है क्योंकि ऐसी कार्रवाई से पहले अदालत से परमिशन लेना जरूरी होता है. 

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12 जुलाई को जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने अदालत की पूर्व अनुमति के बिना पेड़ों की कटाई पर नाराजगी जताई. मामले में LG की भूमिका को छिपाने की कोशिशों की भी निंदा की. कहा कि सुनवाई के पहले दिन ही कोर्ट को बताया जाना चाहिए था कि LG ने पेड़ काटने के निर्देश जारी किए हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा,

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उपराज्यपाल ने अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया है. उन्होंने मान लिया कि दिल्ली सरकार के पास वृक्ष अधिकारी की भी पॉवर है. ये एक खेदजनक स्थिति है. हमें पहले दिन ही बताया जाना चाहिए था कि उपराज्यपाल ने निर्देश दिए थे.

VK सक्सेना से पूछा गया कि क्या वो खुद को अदालत मानते हैं और क्या DDA अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया था कि पेड़ों को काटने के लिए शीर्ष अदालत से अनुमति जरूरी होती है. कोर्ट ने कहा,

हमें लगता है कि उपराज्यपाल सोच रहे हैं कि वो ही अदालत हैं. क्या कोई अधिकारी LG के पास ये बताने के लिए गया था कि हमें आगे बढ़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति की आवश्यकता है? वीके सक्सेना समेत सभी पक्षों ने गलतियां की हैं.

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स्पष्टीकरण के साथ अदालत में आने के बजाय इन गलतियों को कवर करने के लिए कोर्ट ने उनकी आलोचना की. DDA से भी पूछा गया कि उसने पेड़ों को काटने का फैसला उपराज्यपाल की अनुमति के आधार पर लिया था या क्या कोई स्वतंत्र निर्णय भी लिया गया था.

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पेड़ काटने का काम करने वाले ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है. उनसे अदालत को ये बताने को कहा गया है कि किसके निर्देश पर ये कार्रवाई की गई थी?

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