टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक दाहोड़ डिस्ट्रिक्ट में बसे इस गांव के सभी लोगों ने मिलकर इन्हें कन्विंस किया है कि 18वां बच्चा न करें. गांव वाले चाहते हैं कि राम अब अपने होने वाले बच्चों पर फुल स्टॉप लगा दें. क्योंकि राम सिंह के पास जो जमीन है, वो छोटी सी है. उनके लिए मुमकिन ही नहीं है कि 18 बच्चों को पालकर बड़ा करें.इतने सारे बच्चे पैदा करना सुनने में बड़ा ही हास्यास्पद लगता है. हम सोचते हैं कि इन लोगों का सेक्स करने का स्टैमिना तो देखो. और हंस पड़ते हैं. मगर असल में ये हमारे समाज की नंगी सच्चाई है. कि लोग आज भी लड़की को बोझ समझते हैं. और उस बोझ को हल्का करने के लिए लड़कों की चाह में दर्जन से ज्यादा बच्चे पैदा कर ले जाते हैं. इतना ही नहीं, कभी उन औरतों के बारे में सोचती हूं जो इतने सारे बच्चे डिलीवर करती हैं, तो रूह कांप उठती है. कब होगा हमारा मानसिक विकास?
इस कपल के 17 बच्चे हैं, 18वां करने से रोक रहे हैं गांव वाले
सुनने में हंसी आती है. लेकिन असल में ये हमारे समाज की गंदी सच्चाई है.

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44 साल के राम सिंह और उनकी 40 साल की पत्नी कनु की कई बेटियां हैं. 16 बेटियां, to be exact. और एक बेटा है. लेकिन घर वाले एक और बेटा चाहते हैं. इसलिए 18वें बच्चे की तैयारी में जुटे हुए हैं. राम सिंह का कहना है कि दो बेटे होंगे तो पहले बुढ़ापे में उनका ध्यान रखेंगे. फिर उनकी मौत के बाद उनकी बेटियों का ध्यान रखेंगे. इसलिए दोनों मियां-बीवी 18वें बच्चे की कोशिश में लगे हुए हैं. और गांव वाले ये सोच-सोचकर परेशान हैं कि ये खाएंगे क्या, बच्चों को खिलाएंगे क्या.