वंदे भारत एक्सप्रेस में सफर करने वाले एक यात्री ने ट्रेन के खाने में मरा हुआ कॉकरोच मिलने का आरोप लगाया है. यात्री ने इसकी जानकारी X पर दी है. शुभेन्दु केसरी नाम के इस यात्री ने नॉन वेज थाली ऑर्डर की थी. शुभेन्दु ने खाने की फ़ोटो शेयर करते हुए बताया कि 1 फ़रवरी को वो वंदे भारत एक्सप्रेस में रानी कमलापति से जबलपुर स्टेशन तक यात्रा कर रहे थे. उन्होंने टिकट के पैसे में खाने का पैसा भी दिया था. जब खाने के पैकेट खोले तो एक में 'मरा हुआ कॉकरोच’ निकला. उन्होंने नॉन वेज थाली और शिकायत की फ़ोटोज़ भी शेयर करते हुए लिखा,
वंदे भारत एक्सप्रेस की थाली में कॉकरोच होने का आरोप, लोगों का तंज- 'देश के लिए खा नहीं सकता'
वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रा करने गए एक शख्स ने X पर एक फोटो शेयर कर बताया कि ट्रेन में उन्हें खाने की जो थाली दी गई, उसमें मरा हुआ कॉकरोच मिला. इसके बाद IRCTC ने यात्री से माफी मांगी.

"खाने के पैकेट में मरा हुआ कॉकरोच देखकर मैं सदमे में आ गया."
डॉ. शुभेन्दु के पोस्ट पर IRCTC ने माफ़ी मांगी. लिखा,
“इस मामले को गंभीरता से लिया गया है. सर्विस प्रोवाइडर पर भारी जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा उन पर निगरानी रखी जा रही है.”
इधर यूजर्स ने रेलवे और IRCTC को आड़े हाथ ले लिया. नवीन नाम के यूजर ने लिखा,
“अरे यार, उन्हें (IRCTC) मत बताओ, वो कॉकरोच के लिए भी आपसे पैसा लेंगे.”
आशीष गुप्ता नाम के यूजर ने लिखा,
"यह बहुत बुरा है. मरा हुआ कॉकरोच. X पर पहले की गई शिकायतों में मैंने ज़िंदा कॉकरोच देखा है."
ख़ालिद नजीब नाम के यूजर ने लिखा,
“मुझे तो लहसुन लग रहा है. बेकार में कॉकरोच बोल रहे हो.”
नतिहिन सतीश नाम के यूजर ने लिखा,
“आप भाग्यशाली हैं, जो छिपकली नहीं मिली.”
भारत विजय नाम के यूजर ने लिखा,
“देश के लिए एक कीड़ा नहीं खा सकता?”
शबीह हैदर नाम के यूजर ने लिखा,
“कॉकरोच ही तो है, उससे टेस्ट और बढ़ता होगा शायद?”
एक यूजर ने मज़ाक में लिखा,
“ये चिकन रेसिपी थी, एक चुटकी कॉकरोच के साथ.”
ओम पाटिल नाम के यूजर ने लिखा,
“कुछ नहीं होता भाई 2 ग्राम प्रोटीन और मिल जाएगा.”
वैसे ऐसा मामला पहली बार नहीं आया है. कभी ट्रेन में मिलने वाले खाने में कीड़े निकलते हैं तो कभी उसकी मेस में बड़े-बड़े चूहे घूमते और खाने का मजा लेते दिखते हैं.
ये भी पढ़ें: वंदे भारत: खाने में पराठा दिया, उसमें कॉकरोच निकला
वीडियो: Viral Video: वंदे भारत के खाने का ऐसा हाल कि खुद रेलवे प्रशासन को जवाब देना पड़ गया!