
गोविंद सिंह कुंजवाल जागेश्वर विधानसभा सीट से कांग्रेस के MLA हैं. उनका कहना है कि वो हल्द्वानी की तरफ जा रहे थे. रास्ते में चौराहे पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सब-इंस्पेक्टर श्वेता नेगी से बहस हो रही थी. कार्यकर्ताओं को शांत करवाने के लिए वो वहां गए. हालांकि विडियो में वो खुद भी स्कूल-कॉलेजों समेत सारी चीजों को बंद करवाने पर जमीन-आसमान एक करते दिखते हैं.
'बच्चों की पढ़ाई को राजनीति से दूर रखिए' कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि श्वेता नेगी ने बदतमीजी की. उनके मुताबिक, उनसे कहा गया- विपक्ष में हैं, औकात में रहिए. हालांकि जो विडियो वायरल हो रहा है, उसमें श्वेता ये कहते हुए सुनाई नहीं देती हैं. हां, कांग्रेसी नेताओं की तरफ से इसका जिक्र जरूर है. जवाब में श्वेता आरोप को खारिज करते हुए कहती हैं कि उन्होंने कोई अपशब्द नहीं कहा है. कांग्रेस की तरफ के लोगों का दावा है कि विडियो श्वेता नेगी के साथ के लोगों ने रेकॉर्ड किया. इसमें झगड़े की शुरुआत का हिस्सा नहीं है. ये आरोप एक तरफ हैं और दूसरी तरफ विडियो है. इसमें कुंजवाल और उनके साथ के लोग जन-प्रतिनिधि होने के नाते छूट चाहते हैं. वो सब-इंस्पेक्टर को याद दिलाते हैं कि वो कौन हैं. उनका कहना है कि बंद है, तो सब बंद होगा. दुकानें भी, कार्यालय भी और स्कूल-कॉलेज भी. वो ऐसा करके रहेंगे और कोई भी उन्हें ऐसा करने से नहीं रोक सकता. दूसरी तरफ सब-इंस्पेक्टर नेगी बार-बार कह रही हैं कि बंद का मतलब ये नहीं कि स्कूलों-कॉलेजों को इसमें घसीटा जाए. वो बच्चों की पढ़ाई-लिखाई को राजनीति से दूर रखने की अपील करती हैं.

विडियो में कुछ जगहों पर कुंजवाल सब-इंस्पेक्टर नेगी को अपनी पोजिशन याद दिलाने की कोशिश करते नजर आते हैं. उनका आरोप है कि पुलिस उन लोगों को पॉलिटिकली टारगेट कर रही थी.
बहस का सैंपल दोनों तरफ में जो बातें हुईं, वो बहस की शक्ल में हैं. हर लाइन बताएंगे, तो बड़ा लंबा खिंच जाएगा. इसीलिए दोनों तरफ से जो बातें कही गईं, उसका कुछ हिस्सा बताते हैं.
सब इंस्पेक्टर नेगी- बच्चों को क्यों खड़ा किया हुआ है. आप स्कूलों-कॉलेजों को बंद नहीं करवा सकते हैं.इसके बाद श्वेता कहती हैं कि बंद की आड़ में कुछ लोग महिला कॉलेज के आगे जमा हो गए हैं. वो लड़कियों के साथ छेड़खानी कर रहे हैं. इसपर कुंजवाल और उनके साथ के लोग कहते हैं कि ऐसा कुछ नहीं हो रहा है. कोई छेड़खानी नहीं हो रही है. कुछ दूर पर एक लड़की खड़ी है. वो बीच में बोलते हुए कुंजवाल और उनके साथियों से कहती है-
कुंजवाल- हां, हम जीजीआईसी भी बंद करवाएंगे. हमने तहसील बंद करवाई. हमने बैंक भी बंद करवाए. हमारा अधिकार है. आपको राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए.
सब इंस्पेक्टर नेगी- मैं न्यूट्रल पब्लिक सर्वेंट हूं. मैं राजनीति में नहीं पड़ रही हूं. मैं अपना काम कर रही हूं. आप दुकान बंद करवाइए, हमें कोई दिक्कत नहीं है. मैं बस इतना कह रही हूं कि आप बच्चों को राजनीति से दूर रखिए.
कुंजवाल- हम कॉलेज भी बंद करवाएंगे. बैंक भी बंद करवाएंगे. दफ्तर वगैरह सब बंद कराएंगे. आप उत्तेजना फैला रही हैं. कोई गड़बड़ होगी, तो इसकी जिम्मेदार आप होंगी. एक राष्ट्रीय दल का भारत बंद है. पूरा भारत बंद है. और आप जैती जैसी छोटी जगह पर हमारे कार्यकर्ताओं से बहस कर रही हैं.
सब इंस्पेक्टर नेगी- मैंने आपसे एक भी अपशब्द नहीं बोला है. आप मुझे मेरी ड्यूटी करने से नहीं रोक सकते हैं. आप किसी भी पार्टी के हों, मुझे मतलब नहीं है. मैं किसी पार्टी की नहीं हूं.
कुंजवाल- हमें हमारा काम करने दीजिए. आप अपना काम कीजिए.
सब इंस्पेक्टर नेगी- ये मेरा ही काम है. मैं अपना ही काम कर रही हूं. मैं इस चौकी की इन-चार्ज हूं. मेरी जिम्मेदारी है ये. मैं आपके काम में दखलंदाजी नहीं कर रही.
छेड़खानी हो रही है. ये लड़के ऐसे कर रहे हैं. धक्का मार रहे हैं, ये कोई अच्छी बात थोड़े न हैं. आप बंद कीजिए. शांत तरीके से कीजिए. लेकिन धक्का मार कर जा रहे हैं, ये तो अच्छी बात नहीं है.

बहस बीच चौराहे पर हो रही थी. काफी भीड़ जमा थी. कुंजवाल के सपोर्टर्स श्वेता नेगी को याद दिलाते हैं वो उनका विडियो बना रहे हैं. इस पर श्वेता कहती हैं कि वो भी विडियो बना रही हैं.
पुलिस ने सवाल सुनकर फोन काट दिया हमने पुलिस से उसका पक्ष जानने की कोशिश की. मगर वो बात नहीं कर रही. हम पूछना चाहते थे कि कांग्रेस सब-इंस्पेक्टर नेगी पर गलत भाषा का इस्तेमाल करने का जो आरोप लगा रही है, उस पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है. लेकिन लमगड़ा पुलिस ने सवाल सुनकर फोन काट दिया. दूसरी तरफ कुंजवाल का कहना है कि सब-इंस्पेक्टर राजनीतिक प्रेरणा से काम कर रही थीं. 'आज तक' के स्थानीय पत्रकार गिरीश त्रिपाठी ने बताया कि श्वेता नेगी का तबादला करवाने की मांग लेकर कांग्रेसी नेता अल्मोड़ा की एसपी पी रेणुका से मिले थे. मांग नहीं माने जाने पर उन्होंने एसपी ऑफिस का घेराव किया. फिलहाल उन्हें SP की तरफ से आश्वासन मिला है. कहा गया है कि जांच करवाई जा रही है. अगर श्वेता नेगी दोषी पाई जाती हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

कांग्रेस के स्थानीय नेता श्वेता के ऊपर बदतमीजी करने का आरोप लगाकर उनका तबादला किए जाने की मांग कर रहे हैं.
सेल्समैन की ही तरह बंद के दौरान नेता भी अपना टारगेट पूरा करते हैं सब-इंस्पेक्टर नेगी ने 'औकात' वाली बात कही या नहीं, अभी पक्के से नहीं मालूम. लेकिन बाकी जो भी बातें उन्होंने कहीं और जो भी हमने वायरल विडियो में सुनीं, वो बिल्कुल सही थीं. 'भारत बंद' के नाम पर स्कूल-कॉलेज बंद करवाने का क्या तुक? 'सब बंद करवाना' असल में नेताओं का अपना टारगेट होता है. ये ऊपर बता पाते हैं कि देखिए, हमारे इलाके में बंद एकदम सफल रहा. हमने कुछ नहीं चलने दिया. पार्टियां भी टारगेट देती हैं अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को. कि अपने इलाके में बंद कामयाब बनाने की जिम्मेदारी तुम्हारी. बंद कामयाब होना यानी हर चीज का ठप हो जाना. बंद के नाम पर पूरे सिस्टम को हॉल्ट कर देना बेहद स्वार्थी कदम है.