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उत्तराखंड UCC: लिव-इन कपल की उम्र 21 साल से कम है तो मां-बाप को बताना होगा

उत्तराखंड सरकार UCC के प्रावधानों के तहत लिव-इन कपल्स में यदि एक पार्टनर की उम्र 21 साल से कम है, तो रजिस्ट्रार को अनिवार्य रूप से पुलिस को सूचित करना होगा.

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UCC के प्रावधानों के तहत कपल्स को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा.(सांकेतिक तस्वीर- इंडिया टुडे)

इस साल के अंत तक उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने की उम्मीद है. इसमें लिव इन कपल्स और विवाह के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सुविधा शुरू की जा रही है. सरकार ने पहली बार ये खुलासा किया है कि लिव इन का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन संभव होगा. UCC के प्रावधानों के तहत कपल्स को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा. और सरकार द्वारा जांच का सामना करना पड़ेगा.

नियम के अनुसार, यदि एक पार्टनर की उम्र 21 साल से कम है, तो रजिस्ट्रार को अनिवार्य रूप से पुलिस को सूचित करना होगा और बयान प्राप्त करने पर माता-पिता को सूचित करना होगा. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बताया, 

हम लिव-इन रिलेशनशिप के खिलाफ या किसी तरह के पाबंदी के पक्ष में नहीं हैं. 18 से 21 वर्ष की उम्र के कपल्स के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है.  इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि  पैरेंट्स को उनके बच्चों के रिलेशन के बारे में जानकारी रहे.

उत्तराखंड के UCC में लिव-इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन के सख्त नियम हैं. कपल्स को एक महीने के भीतर अपने लिव-इन स्टेट्स को रजिस्टर्ड कराना होगा. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें तीन महीने की जेल या 10 हजार रुपये का फाइन हो सकता है. अगर तीन महीने के आगे रजिस्ट्रेशन नहीं होता है, तो अधिकतम छह महीने की जेल या 25 हजार का फाइन या फिर दोनों का सामना करना पड़ सकता है.

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इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लिव-इन यूनियन से पैदा हुए बच्चों को कानूनी तौर पर कपल्स की वैध संतान के रूप में मान्यता दी जाएगी. उनको विवाह के भीतर पैदा हुए बच्चों की तरह सभी अधिकार मिलेंगे.

यह मुद्दा लोकसभा चुनावों के बीच युवाओं के बीच चर्चा का विषय रहा है. पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह के नेतृत्व में नौ सदस्यीय पैनल जरूरी नियमों का मसौदा तैयार करने पर काम कर रहा है, जिसके जून के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है.

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