अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) लगातार एक मुद्दे पर काफी मुखर रहे हैं. ये मुद्दा है अमेरिका के इमिग्रेशन (US Immigration) और अवैध रूप से अमेरिका आने वालों का. इसी दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने नए बॉर्डर रेगुलेशन जारी किए हैं, जिनके तहत सभी गैर-अमेरिकी नागरिकों को देश में एंट्री करते और बाहर निकलते समय फोटो खिंचवाना होगा. इनमें वो लोग भी शामिल होंगे जिनके पास अमेरिका का ग्रीन कार्ड है.
अमेरिका आने-जाने वाले हर शख्स का खींचा जाएगा फोटो, अब ये नया सिस्टम लागू होने जा रहा
अब सभी गैर-अमेरिकी नागरिकों को देश में एंट्री करते और बाहर निकलते समय फोटो खिंचवाना होगा. इनमें वो लोग भी शामिल होंगे जिनके पास अमेरिका का ग्रीन कार्ड है.
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यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (US Customs and Border Protection- CBP), नेशनल सिक्योरिटी को मजबूत करने और जाली ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स के इस्तेमाल से लड़ने के लिए जमीन, समुद्र और एयरपोर्ट; यानी अमेरिका में एंट्री के हर रास्ते पर फोटो और बायोमेट्रिक डेटा इकट्ठा करेगा. इस नियम को 26 दिसंबर, 2025 से लागू किया जाएगा.
कैसे काम करेगा नया सिस्टम?नए सिस्टम के तहत, CBP अधिकारी अमेरिका आने-जाने वाले सभी गैर-अमेरिकियों की तस्वीरें और दूसरी बायोमेट्रिक जानकारी इकट्ठा करेंगे. यह नियम 14 साल से कम और 79 साल से ज्यादा उम्र के यात्रियों के लिए पहले मिली छूट को खत्म कर देगा. पहले 14 साल से कम और 79 साल से अधिक उम्र के लोगों को फोटोग्राफी और बायोमेट्रिक जांच से छूट थी. लेकिन अब इस उम्र के लोगों का भी बायोमेट्रिक डेटा लिया जाएगा.
CBP पहले से ही कई बड़े अमेरिकी एयरपोर्ट्स पर इंटरनेशनल फ्लाइट्स में यात्रियों को वेरिफाई करने के लिए 'फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी' का इस्तेमाल करता है. लेकिन नया नियम सभी एंट्री पॉइंट्स पर इस प्रक्रिया को अनिवार्य बना देगा. DHS ने कहा कि इस नए नियम के लागू होने से आइडेंटिटी फ्रॉड का पता लगाने, वीजा ओवरस्टे को ट्रैक करने और बॉर्डर पर सिक्योरिटी को मजबूत करने में मदद मिलेगी.
अधिकारियों का कहना है कि इन उपायों से वीजा ओवरस्टे की समस्याओं को हल करने में मदद मिलेगी. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 की कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि उस समय अमेरिका में लगभग 11 मिलियन गैर-कानूनी अप्रवासियों में से 42% लोग वीजा ओवरस्टे वाले थे. रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिकी कांग्रेस ने 1996 में एक कानून पास किया था जिसमें एक ऑटोमेटेड एंट्री-एग्जिट सिस्टम बनाने का आदेश दिया गया था, लेकिन इसे कभी भी पूरी तरह से लागू नहीं किया गया. फिलहाल CBP का अनुमान है कि अगले पांच सालों के भीतर हर एंट्री-एग्जिट पॉइंट पर इस नियम को पुख्ता तौर लागू कर दिया जाएगा.
CBP हर यात्री से जुड़े इमेज (तस्वीर) का डेटाबेस बनाएगा, जिसमें पासपोर्ट, ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स और बॉर्डर अधिकारियों द्वारा ली गई फोटो शामिल होंगी. फिर इन इमेज को एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर ली गई रियल-टाइम फोटो से मिलाया जाएगा.
वीडियो: दुनियादारी: डॉनल्ड ट्रंप क्यों बेच रहे अमेरिका की नागरिकता? ग्रीन कार्ड से कितना अलग है अमेरिकन गोल्ड कार्ड?











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