"UPTET की परीक्षा के पेपर लीक होने की सूचना मिली है, इसलिए दोनों पालियों की परीक्षा तत्काल प्रभाव से निरस्त की जा रही है. एक महीने बाद फिर से परीक्षा कराई जाएगी. अभ्यर्थियों से कोई अतिरिक्त फीस नहीं ली जाएगी. मामले की जांच UP STF को सौंपी जा रही है ताकि दोषियों के ऊपर कार्रवाई की जा सके."वहीं यूपी लॉ एंड ऑर्डर एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि इस पूरे मामले में प्रदेश भर से 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उनके पास पेपर की फोटो कॉपी मिली हैं. एक महीने के भीतर दोबारा से पेपर कराया जाएगा.
इस बीच मायूस अभ्यर्थी सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. प्रवीण कुमार सिंह नाम के एक अभ्यर्थी ने ट्वीट किया,
"यह काफी शर्मनाक है कि सरकार पारदर्शी तरीके से एक एग्जाम भी नहीं करवा पा रही है."
बुलंदशहर में परीक्षा देने आए गिरीश शर्मा नाम के अभ्यर्थी ने बताया कि वो पेपर देने आए थे और पेपर काफी सरल था, लेकिन तभी जिलाधिकारी ने पेपर रद्द होने की सूचना दी. शर्मा ने यह भी बताया कि पेपर रद्द होने से निराशा हुई है, लेकिन वो एक महीने बाद फिर पूरे मन से ये एग्जाम देंगे. विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा,
"UPTET 2021 की परीक्षा का पेपर लीक होने की वजह से रद्द होना बीसों लाख बेरोजगार अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. बीजेपी सरकार में पेपर लीक होना, परीक्षा और परिणाम रद्द होना आम बात है. उत्तर प्रदेश में शैक्षिक भ्रष्टाचार चरम पर है."
"भर्तियों में भ्रष्टाचार, पेपर आउट ही बीजेपी सरकार की पहचान बन चुका है. आज यूपी टेट का पेपर आउट होने की वजह से लाखों युवाओं की मेहनत पर पानी फिर गया. हर बार पेपर आउट होने पर योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने भ्रष्टाचार में शामिल बड़ी मछलियों को बचाया है, इसलिए भ्रष्टाचार चरम पर है."
समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह ने यूपी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा,
"यूपी सरकार को शर्म आनी चाहिए. परीक्षार्थी ठंड में लेटे हुए थे. परीक्षा देने की तैयारी कर रहे थे और पेपर सोशल मीडिया पर लीक हो गया. सरकार की काबिलियत और मंशा पर ये बड़ा सवाल है कि कैसे पेपर लीक हो जाते हैं और कैसै परीक्षार्थी तैयारी करने के बाद भी पेपर नहीं दे पाते हैं. ऐसी सरकार की जरूरत ही क्या है. सरकार बस मंचों से विपक्ष को अपशब्द ही कह पाती है. युवा परीक्षा दे सकें, नौकरी पा सकें, सरकार की ये मंशा नहीं है."
समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह.
कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि जब से प्रदेश में बीजेपी सरकार बनी है, तब से पेपर लीक हो रहे हैं. अवस्थी ने यह भी आरोप लगाया कि योगी सरकार केवल सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति करती है, उसे प्रदेश के युवाकों की फिक्र नहीं है.
इस बीच UPTET की परीक्षा देने आए कई परीक्षार्थियों ने अपनी दूसरी समस्या का समाधान करने की भी मांग की है. दरअसल, UPTET की परीक्षा वाले दिन ही UPSI की भी परीक्षा हो रही है. कई अभ्यर्थियों ने UPSI के ऊपर UPTET को प्राथमिकता दी थी. अब UPTET परीक्षा रद्द होने से वो अभ्यर्थी UPSI की परीक्षा भी नहीं दे पा रहे हैं. UPSI उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद पर भर्ती के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा है. क्या होता है UPTET? उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड की तरफ से आयोजित की जाने वाली परीक्षा है. उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए इस परीक्षा को पास करना जरूरी है. यह परीक्षा साल में एक बार होती है. एक बार पास होने पर इसका सर्टिफिकेट हमेशा के लिए मान्य होता है.