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सलमान खान की Battle of Galwan का टीजर चीनी मीडिया को चुभ गया, बड़ा आरोप लगाया

Battle of Galwan के टीजर के आखिर में लाठी लिए Salman Khan जिस तरह चीनी सैनिकों पर वार करते हैं, China के सोशल मीडिया यूजर्स उस सीन को 'Game of Thrones' की कॉपी बता रहे हैं. एक्टर और बाकी कास्ट की ड्रेस और हेयर स्टाइल पर भी बात कर रहे हैं.

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'बैटल ऑफ गलवान' फिल्म के टीजर का स्क्रीनग्रैब. (Salman Khan Films)

'बैटल ऑफ गलवान' फिल्म का टीजर क्या आया, चीन तिलमिलाया फिर रहा है. बॉलीवुड स्टार सलमान खान की यह फिल्म 15 जून 2020 को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के गलवान इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों की भिड़ंत पर बनी है. टीजर आने के 3 दिन बाद ही चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में एक आर्टिकल आ गया है. उसने 'बैटल ऑफ गलवान' के लिए लिखा कि इसमें ‘तथ्यों के साथ छेड़छाड़’ की गई है.

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ग्लोबल टाइम्स के इस आर्टिकल की हेडलाइन है- 'Bollywood film 'Battle of Galwan' sparks controversy for distorting facts; expert says no 'over-the-top' drama can affect a nation's sacred territory', माने, 'बॉलीवुड फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने के कारण विवादों में घिर गई है; एक्सपर्ट का कहना है कि कोई भी 'अति नाटकीय' ड्रामा किसी देश के अटूट हिस्से को प्रभावित नहीं कर सकता'.

फिल्म में सलमान खान 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बिकुमल्ला संतोष बाबू का किरदार निभा रहे हैं, जो घुसपैठ करने वाले चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे. यह फिल्म अप्रैल 2026 में रिलीज होगी.

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आर्टिकल में चीन के सोशल मीडिया के कुछ कॉमेंट शामिल कर ये साबित करने की कोशिश की गई है कि ये 'ओवर-द-टॉप' फिल्म है, यानी जो हुआ उससे कहीं ज्यादा, बहुत बढ़ाकर-चढ़ाकर चीजें दिखाई गई हैं. एक वीबो यूजर Situka 98 का कॉमेंट लिखा गया है,

"जब इतिहास में कुछ कमी रह जाती है, तो बॉलीवुड की एंट्री होती है."

टीजर के आखिर में लाठी लिए सलमान जिस तरह चीनी सैनिकों पर वार करते हैं, चीनी उस सीन को 'Game of Thrones' की कॉपी बता रहे हैं. एक्टर और बाकी कास्ट की ड्रेस और हेयर स्टाइल पर भी बात कर रहे हैं.

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गलवान की जिस झड़प को केंद्र में रखकर 'बैटल ऑफ गलवान' बनाई गई है, उसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे. चीन ने पहले तो अपने शहीद सैनिकों का आंकड़ा नहीं बताया, लेकिन जब बताए भी तो सिर्फ 4 चीनी सैनिकों की मौत की बात कबूल की.

आर्टिकल में 2021 में दिए तब के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल रेन गुओकियांग के बयान का जिक्र किया गया है. गलवान झड़प पर उन्होंने कहा था,

"भारत ने मृतकों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर बताया था, तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा था और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने और चीनी सेना को बदनाम करने की कोशिश की थी."

गुओकियांग ने दावा किया था कि गलवान घाटी चीन-भारत सीमा के पश्चिमी हिस्से में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के चीन की तरफ मौजूद है. जबकि गलवान घाटी LAC पर भारत की तरफ है और पूर्वी लद्दाख में स्थित है.

ग्लोबल टाइम्स के आर्टिकल में चीन के मिलिट्री एक्सपोर्ट सॉन्ग झोंगपिंग को कोट किया गया है. वे कहते हैं कि भारत में राष्ट्रवाद की भावना को भड़काने के लिए फिल्मों का इस्तेमाल होता है. सॉन्ग कहते हैं,

“फिल्में घटनाओं को कितना भी नाटकीय या बढ़ा-चढ़ाकर पेश करें, वे गलवान घाटी मामले की असली सच्चाई को नहीं बदल सकतीं. भारत ने पहले बॉर्डर पार किया था और PLA (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) ने कानून के मुताबिक चीन के इलाके की रक्षा की थी.”

सॉन्ग ने आगे कहा कि कोई ड्रामा कितना भी बढ़ा-चढ़ाकर क्यों ना हो, किसी देश के अटूट इलाके पर किसी फिल्म का कोई असर नहीं पड़ेगा.

वहीं, भारत सरकार ने चीन की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए 'बैटल ऑफ गलवान' का बचाव किया है. इंडिया टुडे से जुड़े प्रणय उपाध्याय ने विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि 'भारत में अभिव्यक्ति की आजादी है' और फिल्म बनाने वालों को अपने विषय चुनने का अधिकार है.

उन्होंने बताया कि यह भारत-चीन सीमा विवादों पर पहली फिल्म नहीं है. क्लासिक बॉलीवुड फिल्म 'हकीकत' और हाल ही में '120 बहादुर' का उदाहरण भी दिया गया, जो रेजांग ला की लड़ाई पर आधारित हैं.

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