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UPTET पेपर लीक होने के बाद परीक्षा रद्द, सोशल मीडिया पर लोग क्या बोले?

वॉट्सऐप पर पेपर लीक, 21 लाख कैंडिडेट्स परीक्षा में शामिल होने वाले थे.

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UPTET से जुड़ी कुछ इस तरह की मीम्स ट्विटर पर शेयर की जा रही हैं (सोर्स: ट्विटर)
उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में रविवार, 28 नवंबर को UPTET की परीक्षा होनी थी. लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर वॉट्सऐप पर लीक हो गया. इसके बाद ये परीक्षा रद्द कर दी गई. पेपर लीक होने और परीक्षा रद्द होने के बाद सोशल मीडिया पर #UPTET ट्रेंड कर रहा है. कई लोग इस मुद्दे पर मीम्स शेयर कर रहें है वहीं कई लोग प्रदेश सरकार को कोस रहे हैं. UPTET की इस परीक्षा में 21 लाख अभ्यर्थी बैठने वाले थे. ये परीक्षा दो पालियों में आयोजित होने वाली थी. सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है? ट्विटर पर तमाम रिएक्शन आ रहे हैं. कुछ ट्वीट देखिए,               वहीं हर्षदेव नाम के एक  ट्विटर यूजर ने प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए ट्वीट किया,
नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश इतना गरीब है कि उनको #UPTET का पेपर बेचना पड़ रहा है.
कई ट्विटर यूजर्स ने तो योगी सरकार को इस मामले में घेरा. लिखा कि UP TET परीक्षा रद्द होना पूरी तरह से सरकार की विफलता है. वही एक अन्य यूजर ने लिखा कि यह निराश करने वाला है. यह बिल्कुल स्वीकार करने वाली बात नहीं है. युवा ही ताकत है. अगर भर्ती नहीं होगी तो बेरोजगारी बढ़ेगी. और दूसरी समस्याएं पैदा होंगी. पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं अभिषेक नाम के एक यूजर ने लिखा, पेपर लीक की खबर सामने आने के बाद यूपी की STF ने पूरे राज्य में छापेमारी कर इस मामले से जुड़े 23 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. प्रयागराज, मेरठ और लखनऊ जिलों में से कई आरोपी दबोचे गए हैं. जिनमें मेरठ से 3, लखनऊ से 4, शामली से 3, अयोध्या से 2, कौशांबी से 1 और प्रयागराज से 13 लोग गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है. पहली पाली का पेपर सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित किया जाना था, दूसरी पाली का पेपर दोपहर  2:30 से 5 बजे तक आयोजित होना था. इस परीक्षा में राज्‍य के 21 लाख कैंडिडेट शामिल होने वाले थे. परीक्षा रद्द होने से कैंडिडेट्स निराश हैं. वहीं सरकार की ओर से कहा गया है कि परीक्षा एक महीने के अंदर दोबारा आयोजित कराई जाएगी. परीक्षा में दोबारा शामिल होने वाले उम्‍मीदवारों को कोई फीस नहीं देनी होगी. भले ही सरकार एक महीने में दोबारा परीक्षा कराने की बात कह रही है लेकिन विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है. अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने इसे सरकार की असफलता बताया है.

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