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UPSC टॉपर शक्ति दुबे का मॉक इंटरव्यू वायरल, बुलडोजर, महाकुंभ, ट्रंप पर क्या बोल गईं?

UPSC 2024 की सिविल सर्विस परीक्षा में प्रयागराज की शक्ति दुबे की पहली रैंक आई है. अब उनके मॉक इंटरव्यू के वीडियोज़ वायरल हो रहे हैं.

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शक्ति दुबे. (Aaj Tak)

UPSC सिविल सर्विस परीक्षा 2024 में इलाहाबाद की शक्ति दुबे ने टॉप किया है. कुल 1009 कैंडिडेट्स इस परीक्षा में चयनित हुए हैं, जो अब देश की ब्यूरोक्रेसी का हिस्सा होंगे. इनमें शक्ति दुबे ने पहली रैंक हासिल की है. हर UPSC टॉपर की तरह उनके भी मॉक इंटरव्यू वायरल हो रहे हैं. शक्ति दुबे ने ‘वाजीराव एंड रेड्डी’ को भी मॉक दिया था. इस इंटरव्यू में उन्होंने कई दिलचस्प जवाब दिए. एक नज़र डालते हैं शक्ति सिंह के जवाबों पर और समझने की कोशिश करते हैं उनके नज़रिये को.

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सवाल- क्या आप महाकुंभ जाएंगी? महाकुंभ का क्या महत्व है?
शक्ति- जी, मैं महाकुंभ जाऊंगी. महाकुंभ का पौराणिक महत्व है. कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने जब समुद्र मंथन किया था और वह उसे लेकर जा रहे थे, उस दौरान धरती पर चार जगहों पर अमृत की बूंदें गिरीं. इनमें से एक प्रयागराज था. इसके अलावा ब्रह्मा ने सृष्टि की संरचना से पहले प्रयाग में आकर ही यज्ञ किया था. इसलिए प्रयागराज का विशेष महत्व है.

सवाल- डॉनल्ड ट्रंप के चुनाव को आप कैसे देखती हैं? उनके चुनाव से अमेरिका और पूरा विश्व किन बातों को लेकर चिंतित हैं. क्या अमेरिका में सोसाइटी के स्तर पर भी बदलाव हो रहे हैं? क्या अमेरिका अब पहले की तुलना में कम समावेशी और ज्यादा असहिष्णु दिखता है?
शक्ति- डॉनल्ड ट्रंप ने चुनाव के बाद टैरिफ्स को लेकर सख्त बयान दिए हैं. इसके अलावा अमेरिका ने प्रवासियों को लेकर भी कई क़ड़े कदम उठाए हैं. इनको देखकर लगता है कि ट्रंप के आने के बाद अमेरिका कम समावेशी दिखाई पड़ता है.

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सवाल- भारत 'नेबरहुड फर्स्ट' की बात करता है. पाकिस्तान, चीन, नेपाल, बांग्लादेश जैसे पड़ोसियों के साथ हमारे संबंध अच्छे नहीं हैं. क्या वजह है इसकी? क्या बदला पिछले 5-10 साल में?
शक्ति- भारत के नज़रिये से देखें तो पड़ोसी मुल्क हमको एक खतरे या 'बिग ब्रदर' के तौर पर देखते हैं. अगर हम और सूक्ष्म तरीके से देखेंगे तो पाएंगे कि दुनिया मल्टीपोलर वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ रही है. और इसमें चीन एक अहम भूमिका निभा रहा है. पड़ोसी मुल्क भी भारत के बदले में चीन को आगे रख रहे हैं, क्योंकि उनके पास विकल्प हैं और वो फायदा उठाना चाहते हैं.

सवाल- हाल ही में बुलडोजर एक्शन और एनकाउंटर्स की संख्या बढ़ती दिखती है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा. आप इसके लीगल पहलुओं को समझाइए.
शक्ति- बुलडोजर एक्शन की बात करें तो यह कार्रवाई सिर्फ अवैध निर्माण पर की जा सकती है. जब यह केस सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में सभी वैधानिक नियमों का पालन किया जाना चाहिए. कोर्ट ने यह भी दिशा-निर्देश दिए कि जिस पर कार्रवाई की जाए उसे 15 दिन पहले सूचित किया जाए. और जब भी कार्रवाई हो उसकी वीडियोग्राफी की जाए. इसके अलावा नियम और कानून के तहत ही कार्रवाई की जाए.

अगर एनकाउंटर्स की बात करें तो यह कार्रवाई तभी होनी चाहिए जब कोई दूसरा विकल्प ना मौजूद हो. अगर एनकाउंटर होता भी है तो उसके बाद पूरी कानूनी जांच की जानी चाहिए. और किसी भी परिस्थिति में जबरदस्ती एनकाउंटर नहीं होना चाहिए. इससे बचने के लिए आरोपियों को उच्च स्तर की सिक्योरिटी में लाने-ले जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए.

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सवाल- इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज क्यों किया गया? और बावजूद इसके इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का नाम क्यों नहीं बदला जा सका?
शक्ति- अगर हम ऐतिहासिक महत्व की बात करें तो जितने भी पौराणिक ग्रंथ हैं उनमें प्रयाग का ही जिक्र मिलता है. अभी इसलिए नाम बदला गया क्योंकि इससे इस शहर की एक ब्रैंडिंग की जा सकती हैं. जिससे टूरिज्म में मदद मिल सकेगी. लेकिन इलाबाद यूनिवर्सिटी की बात करें तो वह एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना एक एक्ट के जरिए हुई है. यूनिवर्सिटी का नाम बदलने के लिए हमें एक्ट में बदलाव करने होंगे.

सवाल- आने वाले समय में आप पुलिस के सामने क्या चैलेंज देखती हैं?
शक्ति- पहली बात तो ये कि पुलिस अभी भी औपनिवेशिक मानसिकता के साथ काम कर रही है. दूसरी बात, पुलिस के कामकाज में राजनैतिक दखल एक बड़ी समस्या है. साइबर क्राइम की बात करें तो टेक्नॉलजी आगे बढ़ रही है, लेकिन पुलिस को उस स्तर पर मॉडर्नाइज़ नहीं किया गया है. इसकी वजह से साइबर क्राइम बढ़ रहे हैं और उन पर नकेल कसने में दिक्कतें पैदा हो रही हैं.

वीडियो: UPSC में होंगे ये बदलाव, धोखाधड़ी की गुंजाइश ही नहीं रहेगी!

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