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चुनाव हारकर भी सबकुछ 'जीतने' वाले को उपेंद्र कुशवाहा कहते हैं!

लोकसभा चुनाव हारने के बाद उपेद्र कुशवाहा खाली थे. आज वह राज्यसभा सांसद हैं, उनका बेटे दीपक प्रकाश बिहार सरकार में मंत्री हैं और पत्नी स्नेहलता विधायक हैं.

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अमित शाह के साथ उपेंद्र कुशवाहा (बाएं) और शपथ लेते उनके बेटे दीपक प्रकाश. (फोटोट- X/India Today)

14 अक्टूबर, 2025. बिहार में NDA के सीट बंटवारे के अगले दिन बीजेपी ने अपने दूत डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय को उपेंद्र कुशवाहा को मनाने भेजा. कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को 6 सीटें दी गई थीं. कुशवाहा ज्यादा मांग रहे थे. मान मन्नौव्वल तो बहुत हुआ, पर वो टस से मस ना हुए. उल्टा कुशवाहा ने तो मीडिया के सामने ही भद्द पीट दी. देर रात, सम्राट चौधरी और नित्यानंद राय के साथ मीटिंग खत्म होने के बाद कुशवाहा ने कहा- "नथिंग इज वेल इन NDA."

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15 अक्टूबर, 2025. कुशवाहा नहीं माने तो उन्हें दिल्ली बुलाया गया. वे नित्यानंद राय के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली पहुंचे. शाह से बातचीत के उपेंद्र कुशवाहा बाहर निकले. मीडिया ने घेर लिया. इस बार कुशवाहा ने कहा- "NDA की सरकार बिहार में निश्चित रूप से बनेगी."

रात तक 'नथिंग इज वेल इन NDA' कहने वाले कुशवाहा अगले दिन मीटिंग दिन के बाद 'एवरीथिंग इज़ वेल' पर लौट आए थे. 

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कट टू 20 नवंबर, 2025. भारी बहुमत के साथ मंच पर नीतीश कुमार के नेतृत्व NDA सरकार का शपथ ग्रहण चल रहा था. नीतीश के बाद बीजेपी और जेडीयू के कोटे से वरिष्ठ मंत्री शपथ ले रहे थे. इतने में नीली जीन्स और थोड़ी ढीली शर्ट में माथे पर लाल टीका लगाए एक साधारण सा युवक मंच पर आता है और नीतीश सरकार का हिस्सा बन जाता है. इस युवा मंत्री का नाम- दीपक प्रकाश. और उनके पिता का नाम- उपेंद्र कुशवाहा.

कल सुबह तक 36 साल के दीपक बिहार के एक आम नागरिक थे. विधायक छोड़िए, वह MLC भी नहीं थे. लेकिन आज वह बिहार सरकार में मंत्री हैं. सूत्र बताते हैं कि इसकी पृष्ठभूमि 15 अक्टूबर को अमित शाह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच हुई मीटिंग के दौरान ही लिख दी गई थी. जब रात तक नाराज़ कुशवाहा अगले दिन शाह से मिलकर निश्चिंत नज़र आ रहे थे.

दरअसल, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान आवाम पार्टी और कुशवाहा की पार्टी दोनों को 6-6 सीटें मिली थीं. साथ में दोनों की पार्टी से एक-एक मंत्री बनाने का भी वादा किया गया था. लेकिन कुशवाहा के दिमाग में प्लान कुछ और चल रहा था. सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह के साथ कुशवाहा की जो मीटिंग हुई, उसमें गृह मंत्री ने RLM प्रमुख से एक MLC पद का भी वादा कर दिया था. कुशवाहा इस पर मान गए. उनके बेटे ने चुनाव नहीं लड़ा. लेकिन वह मंत्री बनाने में कामयाब रहे. क्योंकि उनके पास MLC सीट है. इसी के दम पर अब दीपक प्रकाश विधानमंडल के ऊपरी सदन में पहुंचेंगे और मंत्री बने रहेंगे.

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बहरहाल, 2024 लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा काराकाट की सीट पर चुनाव हार गए थे. इस हार के साथ कुशवाहा खाली हाथ थे. लेकिन नवंबर 2024 में NDA ने उन्हें राज्यसभा भेजा. इस विधासभा चुनाव में उनकी पत्नी स्नेहलता ने सासाराम सीट से चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बन गईं. बीते कल से उनके बेटे दीपक प्रकाश भी राज्य सरकार में मंत्री बन गए थे.

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