कासगंज (Kasganj) के सदर कोतवाली के पुलिस लॉकअप में एक 22 वर्षीय युवक अल्ताफ़ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है. अल्ताफ़ के परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़, युवक ने लॉकअप के टॉयलेट में फांसी लगाई, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया. चंद मिनट चले प्राथमिक उपचार के बाद अल्ताफ़ की मौत हो गई.
मामला क्या है?
अल्ताफ़ नगला सैय्यद का रहने वाला था. ख़बरों के मुताबिक़, अल्ताफ़ फ़र्श पर टाइल लगाने का काम करता था. अमर उजाला में छपी ख़बर के हवाले से बात करें तो अल्ताफ़ ने किसी घर में टाइल लगाने का काम किया. उस घर की लड़की लापता हो गयी. परिजनों ने आरोप लगाया अल्ताफ़ पर. कहा कि अल्ताफ़ उनकी लड़की को भगा ले गया. पुलिस में शिकायत हुई. पुलिस ने 8 नवंबर की शाम 8 बजे बजे के आसपास अल्ताफ़ को हिरासत में ले लिया. अब तक अल्ताफ़ पुलिस हिरासत में ही था. फिर 9 नवंबर की दोपहर-शाम के आसपास अल्ताफ़ की मौत की ख़बर आई.
"पुलिस वालों ने मेरे बेटे को मार डाला"
पुलिस लॉकअप में मरने वाले अल्ताफ के पिता चाहत मियां ने कासगंज पुलिस पर बेटे की हत्या करने का आरोप लगाया है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा,
"मैंने 8 नवंबर को आठ बजे अपने बेटे को घर से खुद पुलिसवालों के हवाले किया. उस पर लड़की को भगाने का आरोप था. जब मैं चौकी आया तो मुझे भगा दिया गया. आज मुझे 24 घंटे बाद मुझे पता चला कि मेरे बेटे को हवालात में फांसी लगा दी गयी है. बड़े थाने (कासगंज सदर कोतवाली) में यह घटना हुई है. मैंने पुलिसवालों को अपने बेटे को सौंपा था, इसलिए उम्मीद है कि पुलिसवालों ने ही ये फांसी लगाई है."
पुलिस का तर्क क्या है?
पुलिस ने 8 नवंबर को 22 वर्षीय अलताफ को एक लड़की को भगा ले जाने के आरोप में हिरासत में लिया था. इस मामले की जानकारी देते हुए रोहन प्रमोद बोत्रे ने कहा,
"कोतवाली कासगंज में 363 और 366 IPC के एक प्रकरण के संदर्भ में अल्ताफ पुत्र चाहत मियां को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन लाया गया था. उसने टॉयलेट जाने का अनुरोध किया जिसके बाद उसे हवालात में बने टॉयलेट में भेजा गया. अल्ताफ ने टॉयलेट के अंदर लगे नल में अपने जैकेट के हुड में लगी डोरी को फंसाकर गला घोंटने की कोशिश की. काफी देर तक वह बाहर नहीं निकला तो पुलिसकर्मी अंदर गए और बेहोशी की हालत में उसे सीएचसी अशोक नगर कासगंज में उसे पहुंचाया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई."
फिर से दुहरा दें, पुलिस ने कहा है कि जैकेट के हुड में लगी डोरी से अल्ताफ़ ने ख़ुद का गला घोंटने की कोशिश की थी. रोहन प्रमोद बोत्रे ने यह भी बताया कि प्रथम दृष्टया लापरवाही बरतने के आरोप में सदर कोतवाली के प्रभारी इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह इंदौलिया, उपनिरीक्षक चंद्रेश गौतम, उपनिरीक्षक विकास कुमार, हैड मोहर्रेर घनेंद्र सिंह एवं कांस्टेबल सौरभ सोलंकी को निलंबित कर दिया गया है. एसपी ने मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं.
नवभारत टाइम्स की ख़बर के मुताबिक़, परिजनों ने पुलिस पर ये भी आरोप लगाए हैं कि अल्ताफ़ की मौत की सूचना मौत के 1 घंटे बाद परिवार को दी गयी थी. और बिना परिवार की जानकारी के क़ानूनी कार्रवाई जारी रखी गयी थी. फ़िलहाल, पुलिस की ओर से इन आरोपों पर कोई सफ़ाई नहीं आई है.