यूपी के बांदा की रहने वाली वैष्णवी के चयन पर परिवार में खुशी का माहौल है. बांदा के महाराणा प्रताप चौक से पुलिसलाइन की ओर जाने वाली रोड पर शहीद सीओ का मकान है, जहां उनके दोनों छोटे भाई और उनका परिवार रहता है. शहीद की दो बेटिया हैं जिनमें से बड़ी बेटी का चयन OSD के रूप में हुआ है वहीं वैष्णवी की छोटी बहन वैशाली कानपुर से बीएससी की पढ़ाई कर रही है.

सिविल सर्विस की तैयारी करना चाहती हैं वैष्णवी शहीद CO के छोटे भाई राजीव मिश्र ने कहा कि देवेंद्र अपनी बड़ी बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन उनके शहीद होने के बाद वैष्णवी ने पुलिस में ही सेवाएं देने का फैसला किया. अब वह पुलिस विभाग में OSD बन गई है. परिवार काफी खुश है. वैष्णवी की चाची पुष्पा ने कहा कि 13 जुलाई को वैष्णवी ने DGP ऑफिस में ज्वाइन किया था. यहां से वैष्णवी को कानपुर में पोस्टिंग दी गई. एक साल तक चली प्रक्रिया के बाद वैष्णवी को ये नौकरी मिली है.

वैष्णवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह अपनी नई नौकरी से काफी उत्साहित है. उन्होंने कहा कि,
"बहुत अच्छा लग रहा है. मैं अपने पिता की तरह ही हार्ड वर्क करूंगी. जो काम दिया जाएगा उसे पूरा करूंगी. आगे चलकर सिविल सर्विसेज की भी तैयारी करनी है."मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिकरू कांड में शहीद हुई सिपाही बबलू कुमार के भाई उमेश को भी सिपाही के पद पर नौकरी मिल गई है. उनको भी कानपुर पुलिस कमिश्नरी में ही तैनाती मिली है. फिलहाल उन्हें पुलिस लाइन में तैनात किया गया है. अऩ्य तीन शहीदों के परिजनों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी जारी है. वहीं तीन शहीदों के परिवार से किसी ने अभी तक नौकरी के लिए आवेदन नहीं किया है
कानपुर के बिकरू में 2 जुलाई 2020 को विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्र समेत 8 पुलिसवालों की हत्या कर दी थी. सीओ तीन थानों की पुलिस के साथ हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर दबिश के लिए गए थे. लेकिन अपराधियों ने पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी जिसमें 8 पुलिसवाले शहीद हो गए थे. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने विकास दुबे को एनकाउंटर में मार गिराने का दावा किया था.