ये जो 10 अक्टूबर आ रहा है, इसके बाद उत्तर प्रदेश की सड़कों पर एक झटका नहीं लगेगा. गाड़ी के डैशबोर्ड पर चाय रखे पूरा बनारस घूम लें, तब भी एक बूंद चाय नहीं छलकेगी. बशर्ते सूबे के अधिकारी योगी आदित्यनाथ का आदेश मान लें. यूपी के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि नवरात्रि, दशहरे और दिवाली से पहले राज्य में एक गड्ढा भी नहीं छूटना चाहिए. पिछले साल भी उन्होंने इसी समय ऐसा ही एक निर्देश दिया था. गड्ढा-मुक्त प्रदेश की उनकी मुहिम पुरानी है, मगर संभवतः इस लक्ष्य के रास्ते में भी गड्ढे हैं.
इस तारीख के बाद यूपी की सड़कों पर एक भी गड्ढा नहीं मिलेगा? CM योगी का बड़ा आदेश
पिछले साल भी CM Yogi Adityanath ने इसी समय ऐसा ही एक निर्देश दिया था. गड्ढा-मुक्त प्रदेश की उनकी मुहिम पुरानी है, मगर संभवतः इस लक्ष्य के रास्ते में भी गड्ढे हैं.

मंगलवार, 24 सितंबर को अलग-अलग विभागों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक थी. इसी दौरान उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान लोगों की आवाजाही काफ़ी बढ़ जाती है, क्योंकि राज्य में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं. इसीलिए उनके बकौल, ये एक सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि सड़कों पर चलते समय हर व्यक्ति को सुखद अनुभव मिले. उन्होंने गड्ढों की मरम्मत और सड़कों के रखरखाव के लिए विशेष कैम्पेन चलाने के लिए कहा है.
मंडी परिषद को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि किसानों को सड़क का बहुत काम पड़ता है, इसीलिए उनकी सुविधा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. निर्देश दिया कि सड़कों का निर्माण FDR मेथड से किया जाए.
फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (FDR) माने पुरानी, क्षतिग्रस्त सड़कों को पूरी तरह से तोड़े बिना मरम्मत करने का एक तेज़ और किफ़ायती तरीक़ा है. इसमें मशीनों की बदौलत पुरानी सड़क की सतह को खोदा जाता है. फिर ऊपरी परत और बेस को पीसकर इसे सीमेंट या चूने जैसी नई सामग्री के साथ मिलाया जाता है. इस नए मिश्रण को मज़बूत और स्थिर बनाने के लिए कॉम्पैक्ट किया जाता है. मज़बूद और टिकाऊ सतह तैयार करने के बाद डामर या कंक्रीट की एक नई परत ऊपर रखी जाती है.
मुख्यमंत्री योगी ने नैशनल हाई-वे अधिकारियों (NHAI) को कहा कि जब तक हाई-वे का निर्माण पूरी तरह से पूरा नहीं हो जाता, तब तक टोल टैक्स नहीं लिया जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें - सूरज पर दिखा धब्बा कोई 'गड्ढा' नहीं था, धरती पर क्या मुसीबतें ला सकता है कोरोनल होल?
अलग-अलग विभागों की ये शिकायत भी थी कि सड़क प्रोजेक्ट्स के लिए फ़ंड की कमी है. मुख्यमंत्री ने इनकार कर दिया और विभागों को बेहतर नियोजन करने के लिए कहा. सभी विभागों को सुनिश्चित करना होगा कि सड़क निर्माण एजेंसी या ठेकेदार सड़क के पूरा होने के बाद अगले पांच वर्षों तक रखरखाव की ज़िम्मेदारी ले. इस संबंध में स्पष्ट नियम और शर्तें निर्धारित की जानी चाहिए.
इसके अलावा उन्होंने कहा:
- सभी नई सड़कों पर 5 साल की गारंटी शामिल होनी चाहिए. अगर टूटेगी, तो बनाने वाले ठेकेदार या एजेंसी ही इसके पुनर्निर्माण के लिए ज़िम्मेदार होगी.
- गड्ढा मुक्त और नव-निर्माण अभियान के लिए जियो-टैगिंग लागू करें, इसे PM गतिशक्ति पोर्टल से जोड़ें.
- मज़दूरों के बजाय मशीनों से सड़क मरम्मत को प्राथमिकता देनी चाहिए.
- ग्राम सचिवालयों की तर्ज़ पर गन्ना समिति कार्यालयों को अपग्रेड किया जाए.
इसके अलावा उनका कहना है कि प्रदेश के सभी ज़िला मुख्यालयों में स्थित मंडी समितियों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में पेयजल, शौचालय और कैंटीन जैसी ज़रूरी सुविधाएं भी होनी चाहिए. इसके लिए प्रस्ताव बनाया जाए.
वीडियो: Bahraich: रात में फिर से भेड़िये का हमला, दहशत में गांववाले