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'पहले भी तो सुसाइड कर सकता था... ', बस कंडक्टर की मौत पर यूपी के मंत्री ये सब बोलेंगे सोचा न होगा

इस मामले में कांग्रेस और सपा ने मिलकर BJP को घेरा है, मोहित यादव के परिवार के लिए मुआवजे की मांग की है. इस पर यूपी सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा है कि मामले की जांच करवाएंगे.

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बस कंडक्टर की मौत पर राजनीति शुरू, मंत्री दयाशंकर सिंह (सबसे दाएं) का बयान आया (फोटो- आजतक/ट्विटर)

उत्तर प्रदेश में बस कंडक्टर (Upsrtc Bus Conductor) की मौत को लेकर विवाद शुरू हो गया है. यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा है कि अगर कंडक्टर मोहित यादव (Mohit Yadav) नौकरी जाने से इतना नाराज होता तो पहले आत्महत्या कर सकता था. उन्होंने कहा कि मोहित पर कार्रवाई नियमों के तहत हुई थी (UP Minister Daya Shankar Singh). इस मामले पर विपक्षी पार्टियां UP सरकार को घेरने में जुट गई हैं. मामले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ये सब देखकर लगता है कि देश में सद्भावना के लिए अब कोई जगह नहीं बची है. वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार का डर समाज के हर वर्ग में कहीं ना कहीं मानवता को शर्मसार कर रहा है.

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रविवार, 27 अगस्त को देर रात यूपी रोडवेज में बस कंडक्टर रहे मोहित यादव ने कथित तौर पर अपनी जान दे दी. कुछ समय पहले उन्हें बरेली में नमाज पढ़वाने के आरोप में नौकरी से निकाला गया था. 32 साल के मोहित यादव रविवार रात से लापता थे. उनका शव अगली सुबह मैनपुरी में उनके घर के पास रेलवे की पटरियों पर मिला.

मामले पर अखिलेश यादव ने ट्वीट किया,

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यूपी परिवहन निगम के दो कर्मचारियों को केवल इस बात के लिए निलंबित किया जाना कि उन्होंने किसी की धार्मिक प्रार्थना के लिए सिर्फ दो मिनट की देरी कर दी. ये कहां का इंसाफ है. इस प्रताड़ना से दुखी होकर एक ने आत्महत्या कर ली. भावपूर्ण श्रद्धांजलि! दुर्भाग्यपूर्ण, निंदनीय, शर्मनाक!

उन्होंने आगे लिखा कि इस सरकार से पीड़ित के परिवार के लिए मुआवजे की मांग UP परिवहन के हर एक कर्मचारी को करनी चाहिए.

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सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने सरकार से मृतक के परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की. खबर है कि समाजवादी पार्टी अपनी तरफ से मृतक के परिजन को दो लाख रुपये की मदद दे रही है.

कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि अगर किसी ने गाड़ी रोककर किसी के धर्म की प्रार्थना करा दी तो उसका वीडियो वायरल करना और फिर उसे नौकरी से निकाल देना, ये कहां का न्याय है. ऐसी घटनाएं मानवता और सरकार को शर्मशार कर रही हैं.

परिवहन मंत्री के अजीब बोल भी सुन लीजिए

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि इस मामले में कार्रवाई सरकारी नियमों के हिसाब से की गई. उन्होंने कहा,

कंडक्टर मोहित यादव के खिलाफ एक्शन लोगों की शिकायत पर लिया गया था और ये कार्रवाई तीन महीने पहले की गई थी… लोग बता रहे हैं कि मोहित कुछ नशा करने लगा था और अगर वो इतना ही नाराज था तो वो उस वक्त जब उस पर कार्रवाई हुई थी यानी जून 2023 में भी खुदकुशी कर सकता था… किसी का भी खुदकुशी करना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन तीन महीने बाद हुई इस मौत की जांच होनी चाहिए, हम इस मामले की जांच करवाएंगे.

उन्होंने आगे कहा,

संविदा पर तैनात कर्मियों के लिए अलग नियम है और ये सुप्रीम कोर्ट से मान्य है. अगर किसी को हटाया जाता है तो वो कानूनी तरीके से ही होता है. अब तक 10 हजार लोगों को अलग-अलग विभागों में संविदा कर्मियों के पद से हटाया जा चुका है.

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बरेली से निकली बस में क्या हुआ था?

मोहित 3 जून को बरेली से दिल्‍ली बॉर्डर पर स्थित कौशांबी जा रही बस में कंडक्‍टर थे. आरोप लगा कि उन्होंने कुछ यात्रियों के नमाज पढ़ने के लिए बस एक जगह पर रोक दी थी. हालांकि, मोहित का कहना था कि बस में सवार कुछ लोगों को टॉयलेट जाना था तो उन्होंने बस को दो मिनट के लिए बरेली-दिल्‍ली हाइवे पर रुकवा दिया था. उनके मुताबिक इसी दौरान दो लोगों ने उनसे नमाज पढ़ने की बात कही और उनके हामी भरने पर वो लोग दो मिनट में ही नमाज पढ़कर वापस आ गए. इस घटना के सामने के बाद मोह‍ित और बस के ड्राइवर दोनों को सस्‍पेंड कर दिया गया था.

वीडियो: नमाज़ के लिए ड्राइवर ने रोकी यूपी रोडवेज बस, दो को नौकरी से निकाला, बस कंडक्टर ने क्या बताया?

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