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बदायूं: जावेद की गिरफ्तारी से पहले मृतक बच्चों के पिता ने कहा था कि उसका एनकाउंटर ना करें

Budaun में मारे गए बच्चों के पिता इस बात को स्वीकार करने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके बच्चे अब मारे जा चुके हैं.

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आरोपी साजिद पुलिस एनकाउंटर में मारा गया. (तस्वीर: इंडिया टुडे)

उत्तर प्रदेश के बदायूं (Budaun Murder Case) में दो बच्चों की हत्या मामले में मृतक बच्चों के पिता ने पुलिस से एक गुहार लगाई है. उन्होंने पुलिस से आग्रह किया है कि मामले के दूसरे आरोपी जावेद का एनकाउंटर न किया जाए. इससे पहले इस मामले का एक आरोपी साजिद पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था.

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13 साल के आयुष प्रताप और 6 साल के अहान प्रताप की हत्या 19 मार्च की शाम को कर दी गई थी. पुलिस ने बताया कि दूसरा आरोपी जावेद एनकाउंटर में मारे गए आरोपी साजिद का भाई है. जो फिलहाल फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है. इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े धीरज मिश्रा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक बच्चों के पिता विनोद कुमार ने कहा है कि जावेद का एनकाउंटर नहीं किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि जावेद को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उससे पूछा जाना चाहिए कि उसने ऐसा क्यों किया? इसका कारण क्या था? छोटे बच्चों ने उसका क्या बिगाड़ा था. विनोद कुमार ने कहा कि बच्चे तो बस खेलना-कूदना और स्कूल जाना जानते हैं. जो कुछ हुआ उसके बाद विनोद असहाय महसूस करते हैं और इस बात को स्वीकार करने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके बच्चें मारे जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि इन सवालों के जवाब के बाद पुलिस उसके साथ जो चाहे वो कर सकती है.

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क्या है पूरा मामला?

मामले में दर्ज FIR के अनुसार,  19 मार्च की शाम को आरोपी साजिद पीड़ित परिवार के घर गया था. साजिद ने बच्चों की मां संगीता से 5 हजार रुपये मांगे थे. इस बीच उसने संगीता के बीच वाले बेटे को पान-मसाला लाने के लिए बाहर भेज दिया. उसने संगीता से कहा कि उसका मन घबरा रहा है, इसलिए छत पर जाना चाहता है. बड़े बेटे आयुष को पानी लाने के लिए कहा. इस बीच साजिद ने बाहर खड़े अपने भाई जावेद को भी घर के अंदर बुला लिया.

इसके बाद साजिद, जावेद और दोनों बच्चें आयुष और अहान छत पर चले गए. संगीता पैसे लेने चली गई थीं. जब पैसे लेकर निकलीं तो साजिद और जावेद सीढ़ियों से उतर रहे थे. उनके पास छुरी थी, जिस पर खून लगा हुआ था. FIR के मुताबिक जावेद ने पान-मसाला लेकर वापस आए पीयूष पर छुरी से वार किया था. लेकिन वो किसी तरह अपनी जान बचा पाया. वहीं संगीता ने छत पर जाकर देखा तो उनके दोनों बेटे खून से लथपथ थे. उनकी मौत हो चुकी थी. 

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हालांकि, खबर लिखे जाने तक पुलिस हत्या का स्पष्ट कारण नहीं बता पाई है.

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