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उन्नाव: सपा सरकार में मंत्री रहे फतेह बहादुर के प्लॉट में मिला लड़की का शव, बेटा गिरफ्तार

पुलिस ने खुदाई कर निकाला शव. मृतका की मां ने किया था आत्मदाह का प्रयास.

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Unnao Police का कहना है कि उसे 8 दिसंबर को लड़की के लापता होने की सूचना मिली थी. (फोटो: इंडिया टुडे)
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में दो महीने से लापता एक लड़की का शव पुलिस ने खुदाई कर बरामद किया है. जहां से शव को बरामद किया गया, वो प्लॉट अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री रहे फतेह बहादुर सिंह का है. इस मामले में आरोपी भी फतेह बहादुर सिंह का बेटा रजोल सिंह है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर ही शव को बरामद किया है. कुछ महीने पहले मृतका की मां ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की गाड़ी के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था. क्या है मामला? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूरा मामला उन्नाव सिटी कोतवाली क्षेत्र का है. उन्नाव के एएसपी के मुताबिक, जिस लड़की का शव बरामद किया गया है, वो पिछले साल 8 दिसंबर से लापता थी. उसकी मां ने आरोप लगाया था कि रजोल सिंह उसे किडनैप किया था. रिपोर्टों के मुताबिक जब मृतका की मां ने आत्मदाह का प्रयास किया, तब जाकर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था. बीती 24 जनवरी को गिरफ्तारी के बाद उन्नाव एएसपी का बयान भी आया था. उन्होंने कहा था,
"उन्नाव के थाना कोतवाली में एक 22 साल की लड़की के अपहरण के संबंध में केस दर्ज किया गया है. इस मामले में आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. पीड़िता की सकुशल बरामदगी के लिए पुलिस की दो टीमें लगाई गई हैं."
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस को शक था कि लड़की की हत्या कर दी गई है. इस आधार पर आरोपी से कड़ाई से पूछताछ की गई. बाद में उसकी निशानदेही पर खुदाई की गई. शव बरामदगी के बाद एक बार फिर से उन्नाव एसपी ने मीडिया को बयान दिया. उन्होंने बताया,
"8 दिसंबर को लड़की की गुमशुदगी की सूचना प्राप्त हुई थी. जिसके आधार पर FIR दर्ज की गई. आरोपी से पूछताछ हुई. जांच के क्रम में आज ये शव मिला. शव के पोस्टमार्टम की तैयारी हो रही है. जांच जारी है. जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी."
पुलिस पर लापरवाही का आरोप इस मामले में मृतका के परिजनों ने पुलिस के ऊपर लापरवाही का भी आरोप लगाया गया. मृतका के पिता ने मीडिया को बताया कि उनकी बेटी 62 दिन से गायब थी. उन्होंने दरोगा प्रेम नारायण दीक्षित और आरोपी रजोल सिंह पर बेटी की हत्या का आरोप लगाया है. इसी तरह से मृतका की मां ने भी दरोगा सहित पूरे पुलिस महमके पर आरोप लगाए हैं. मृतका की मां ने कहा कि दरोगा ने जानबूझकर उस इमारत की तलाशी नहीं ली, जहां पर कथित तौर पर उनकी बेटी को बंधक बनाकर रखा गया था. मृतका की मां ने ये भी आरोप लगाया कि दरोगा ने उन्हें उच्च पुलिस अधिकारियों से नहीं मिलने दिया. यही नहीं, पुलिस के लोग उनकी बेटी का चरित्र हनन भी करते रहे. इन आरोपों पर एएसपी ने कहा,
"ये आरोप पूरी तरह से सही नहीं हैं. पहले गुमशुदगी दर्ज की गई थी क्योंकि युवती बालिग थी. नियम के मुताबिक जांच की गई. फिर जांच अधिकारी ने हत्या की आशंका जताई. उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की गई."
उन्होंने ये भी बताया कि अभी तक इस मामले में केवल रजोल सिंह को ही जेल भेजा गया है. एएसपी का कहना है कि घटना में शामिल आरोपी के दूसरे साथियों को जल्द ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा.