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उमा भारती के खिलाफ फर्जी वीडियो पोस्ट करने के आरोप में यू-ट्यूबर पर FIR, भ्रष्टाचार के लगाए थे आरोप

Uma Bharti, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री हैं. एक Youtuber ने उनके कार्यकाल के दौरान कथित रूप से ठेकेदारों से पैसे लेने का आरोप लगाया था. अब Crime Branch में यू-ट्यूबर के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज हुई है.

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यू-ट्यूबर पर FIR दर्ज की गई है. (फ़ोटो - PTI)

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के ख़िलाफ़ ग़लत ख़बर और अपमानजनक कॉन्टेंट फैलाने के आरोप में एक यू-ट्यूबर के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई है. शिकायत में कहा गया है कि उमा भारती पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी पोस्ट की गई. दरअसल, एक यू-ट्यूबर ने रील बनाकर उमा भारती के कार्यकाल के दौरान कथित रूप से ठेकेदारों से पैसे लेने का आरोप लगाया था. उमा भारती के निजी सचिव उमेश गर्ग ने क्राइम ब्रांच में इसे लेकर शिकायत दर्ज कराई है.

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टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के मुताबिक़, उमेश गर्ग ने बताया कि 28 अक्टूबर को वो अपना स्मार्टफ़ोन स्क्रॉल कर रहे थे. उसी समय उन्हें एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक अपमानजनक वीडियो मिला. उनके मुताबिक़, इसमें पूर्व सीएम के बारे में ग़लत जानकारी फैलाई गई थी और इसका उद्देश्य उनकी रेपुटेशन को नुक़सान पहुंचाना था. फ़र्ज़ी वीडियो में, उमा भारती और IPS अधिकारी रूपा दिवाकर मौदगिल की एडिटेड तस्वीरों का इस्तेमाल वॉयस ओवर में मनगढ़ंत कहानी के साथ किया गया था.

उमेश का कहना है कि वीडियो में पूर्व सीएम के बारे में कई झूठे आरोप लगाए गए थे. मसलन, IPS रूपा ने डोमेस्टिक हेल्प के रूप में पूर्व सीएम उमा भारती के आवास पर काम किया और उन्हें गिरफ़्तार कर लिया. वीडियो में आरोपी यू-ट्यूबर बता रहा था कि IPS अधिकारी ने ये सब उनके भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए किया. उमेश ने इसे राज्य की राजनीति में उमा की प्रमुख भूमिका के कारण उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश बताया है.

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क्राइम ब्रांच ने शिकायत पर कार्रवाई की है और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. आजतक की ख़बर के मुताबिक़, BNS की धारा 336(4) (जालसाजी करके किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के तहत अपराध), 356(2) (मानहानी का अपराध) समेत कई अन्य धाराओं में FIR दर्ज की गई है. बताते चलें, उमा भारती ने 8 दिसंबर 2003 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उमा महज 8 महीने मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर रह सकी थीं. 21 अगस्त 2004 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था.

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