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पुलवामा से गोरखनाथ तक: आतंकियों ने Amazon, PayPal और VPN का ऐसे किया इस्तेमाल, FATF का खुलासा!

FATF की रिपोर्ट में किसी देश का नाम लिए बिना कहा गया है कि उस देश की सरकार ने Terror Funding में मदद की है. रिपोर्ट में पब्लिक डोमेन में मौजूद सूचना के स्रोतों और FATF प्रतिनिधिमंडलों के इनपुट्स के आधार पर बताया गया है कि आतंकियों ने Pulwama Attack के लिए Amazon से सामान खरीदा था.

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पुलवामा हमला (PHOTO-AajTak)

फरवरी 2019 में पुलवामा (Pulwama Attack) और अप्रैल 2022 में गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Mandir Attack) में हुए आतंकी हमलों ने देश को झकझोर कर रख दिया था. अब पता चला है कि इन आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने ऑनलाइन पेमेंट सर्विस, वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (E-Commerce Platforms) का इस्तेमाल किया था. और ये खुलासा हुआ है फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में. FATF रिपोर्ट की मानें तो सोशल मीडिया, मैसेजिंग एप्लिकेशन और क्राउडफंडिंग साइट्स जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर आतंकी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है. यानी जैसे-जैसे आतंकियों को रोकने वाली एजेंसियां नए तरीके तलाशती रहती हैं, उसी तरह आतंकी भी बचने के लिए इंटरनेट, VPN जैसी सर्विसेज़ का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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FATF की रिपोर्ट में किसी देश का नाम लिए बगैर कहा गया है कि उस देश की सरकार ने आतंकी फंडिंग (Terror Funding) में मदद की है. रिपोर्ट में पब्लिक डोमेन में मौजूद सूचना के स्रोतों और FATF प्रतिनिधिमंडलों के इनपुट्स से संकेत मिला है कि 

कुछ आतंकवादी संगठन कई राष्ट्रीय सरकारों से वित्तीय और अन्य प्रकार का समर्थन प्राप्त करते रहे हैं. कई तरह के समर्थन की सूचना मिली है, जिसमें प्रत्यक्ष तौर पर वित्तीय सहायता, रसद और सामग्री सहायता या प्रशिक्षण का प्रावधान शामिल है.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि टेरर फंडिंग में कई वस्तुओं से जुड़ी योजनाओं की भी सूचना मिली है. उदाहरण के लिए, एक मध्यस्थ देश को सोने में बेचने के लिए तेल भेजा जाता है, जिसे बाद में नकदी में बदल दिया जाता है. FATF ने आतंकवादी कार्रवाइयों के डिसेंट्रलाइज होने यानी और ज्यादा लोवर लेवल पर ऑपरेट करने पर भी चिंता व्यक्त की है. FATF ने आतंकियों के क्षेत्रीय फाइनेंशियल हब, सेल्फ-फाइनेंस सेल्स पर भी चिंता जाहिर की है. कहा जा रहा है कि फंडिंग के स्रोत इतने बढ़ चुके हैं कि अब वो लोकल से लेकर बड़े, हर स्तर पर काम कर रहे हैं. वो बिजनेस में भी इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं. ये एक नया तरीका है जिसपर ध्यान देने की जरूरत है.

ई-कॉमर्स साइट्स का इस्तेमाल

FATF के मुताबिक आतंकी हमलों में अब एक नया पैटर्न सामने आया है. बीते कुछ सालों से आतंकी और उनके संगठन में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म्स का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी 2019 में पुलवामा में एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए हमले में इस्तेमाल किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का एक जरूरी हिस्सा एल्युमिनियम पाउडर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन मार्केटप्लेस (E-commerce प्लेटफॉर्म) अमेज़न से खरीदा गया था. रिपोर्ट में कहा गया कि

भारत के अधिकारियों के मुताबिक यह हमला जैश-ए-मोहम्मद का था. जांच से पता चला कि भारत में भारी मात्रा में विस्फोटकों की सीमा पार से आवाजाही हुई थी. हमले में इस्तेमाल किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस का एल्युमिनियम पाउडर EPOM Amazon से खरीदा गया था. इसका उपयोग विस्फोट के प्रभाव यानी ब्लास्ट इंटेंसिटी को बढ़ाने के लिए किया गया था.

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FATF ने अप्रैल 2022 में गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हमले के मामले में ऑनलाइन पेमेंट सर्विस और वीपीएन के इस्तेमाल का भी विवरण दिया है. इस हमले में Islamic State की विचारधारा से प्रभावित एक व्यक्ति ने सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया था. वित्तीय जांच से पता चला कि व्यक्ति ने आईएसआईएल के समर्थन में विदेशी देशों में पेपाल (PayPal) के माध्यम से 6 लाख 69 हजार 841 रुपये ट्रांसफर किए थे. 

(यह भी पढ़ें: 'बिना फंडिंग के ऐसा हमला संभव नहीं', पहलगाम हमले पर FATF की पाकिस्तान को खरी-खरी)

पेमेंट करने के लिए थर्ड पार्टी का उपयोग किया और आईपी एड्रेस को छुपाने के लिए VPN सेवाओं का उपयोग किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे एक विदेशी स्रोत से करीब 10 हजार रुपये भी मिले थे. फोरेंसिक रिपोर्ट से पता चला है कि आरोपी पहचान से बचने के लिए कॉलिंग, चैट और डाउनलोडिंग के लिए भी वीपीएन (VPN) का इस्तेमाल कर रहा था. 

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