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रूस के एयरबेस पर यूक्रेन का सबसे बड़ा ड्रोन हमला, 40 से ज्यादा लड़ाकू विमान बर्बाद

यूक्रेन ने रूस में 4 हजार किलोमीटर अंदर स्थित एयरबेस को निशाना बनाया है. इस हमले में रूस के 40 से ज्यादा लड़ाकू विमान पूरी तरह नष्ट हो गए.

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यूक्रेन ने रूस पर रविवार, 1 जून को बड़ा हमला किया है. (तस्वीर-X)

यूक्रेन ने रूस पर रविवार, 1 जून को बड़ा अटैक किया है. यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस (SBU) ने इस हमले में रूस के मरमंस्क ओब्लास्ट में ओलेन्या एयरबेस, रियाजान ओब्लास्ट में डायगिलेव एयरबेस, इवानोवो ओब्लास्ट में इवानोवो एयरबेस को भी निशाना बनाया गया. यूक्रेन के हमले में 40 से ज्यादा रूसी लड़ाकू विमान पूरी तरह नष्ट हो गए. हमले के बाद इन एयरबेस से भारी धुआं उठता हुआ दिखाई दिया.

कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन ने रूस में 4 हजार किलोमीटर अंदर स्थित एयरबेस को निशाना बनाया है. रूस के इरकुत्स्क क्षेत्र के गवर्नर इगोर कोब्जेव ने बताया कि यूक्रेन ने एक गांव स्थित सेना के बेस पर हमला किया, जो कि इस इलाके में यूक्रेन का पहला हमला है. वहीं यूक्रेन का दावा है कि इन लड़ाकू विमान का इस्तेमाल रूस बमबारी के लिए करता था.

रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में रूस के A-50, Tu-95 और Tu-22 M3 जैसे लंबी दूरी के बमवर्षक विमानों को निशाना बनाया गया. रूस के लिए ये विमान बहुत अहम हैं. हालांकि, रूस की तरफ से अभी तक इस हमले की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि यूक्रेन का रूस पर यह अब तक का सबसे बड़ा हमला है.

रूस के खतरनाक लड़ाकू विमान

A-50 एक महंगा जासूसी विमान है. रूस के पास ऐसे 10 से कम विमान हैं. एक A-50 की अनुमानित कीमत लगभग 350 मिलियन डॉलर यानी करीब 2,994 करोड़ रुपये है.

TU-95 को सोवियत यूनियन के समय 1952 में पहली बार उड़ाया गया. इसे खासतौर पर परमाणु बम ले जाने के लिए के लिए तैयार किया गया था. हालांकि, अब यह विमान क्रूज मिसाइल से हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इनमें जेट इंजन की जगह टर्बोप्रॉप इंजन लगे हैं. कोल्ड वॉर के समय ये बिना बीच में तेल भरवाए अमेरिका तक उड़ान भर सकते थे.

TU-22 एक हाई-स्पीड प्लेन है. इनका इस्तेमाल खास मिसाइलों को कैरी करने में किया जाता है. यह प्लेन करीब चार हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. इन विमानों के हमलों को रोकना यूक्रेन के लिए आसान नहीं होता था, जब तक कि वे अमेरिका के पैट्रियट या इटली-फ्रांस के SAMP-T डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल ना करें.

TU-160 दुनिया का सबसे बड़ा बमवर्षक विमान है. इसे 1987 में पहली बार सेवा में शामिल किया गया था. यह आज भी रूस की वायु सेना का सबसे खतरनाक विमान माना जाता है. यह एक साथ कई शक्तिशाली मिसाइलें ले जाने में सक्षम है.

 

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