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ट्रंप को भाव नहीं दे रहीं कंपनियां? H-1B वीजा पर बहस के बीच ये दो भारतीय अमेरिकी बने CEO

डॉनल्ड ट्रंप H-1B वीजा की फीस बढ़ाकर विदेश के लोगों के लिए अमेरिका में नौकरी कम करना चाहते हैं. वहीं कंपनियां यह संकेत दे रही हैं कि वह टैलेंट से समझौता नहीं करेंगी, चाहे वह किसी भी देश का है. हाल ही में दो अमेरिकी कंपनियों ने भारतीय मूल के लोगों को अपना CEO बनाने की घोषणा की है.

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दो प्रमुख अमेरिकी कंपनियों ने भारतीय मूल के लोगों को CEO बनाया है. (Photo: ITG)

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप एक तरफ H-1B वीजा की फीस बढ़ा रहे हैं, ताकि दूसरे देशों से आने वाले लोग अमेरिकी नागरिकों की नौकरियां न ले पाएं. वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी कंपनियां भारतीय मूल के लोगों को कंपनी की कमान सौंप रही हैं. H-1B वीजा की फीस बढ़ने के बाद से कम से कम दो प्रमुख अमेरिकी कंपनियों ने भारतीय मूल के लोगों को अपना CEO बनाया है. यह कंपनियां हैं टी-मोबाइल और मोल्सन कूर्स. टी-मोबाइल ने कंपनी के वर्तमान COO श्रीनिवास गोपालन को नया CEO बनाने की घोषणा की है. वह एक नवंबर से यह पद संभालेंगे.

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IIM अहमदाबाद से पढ़े हैं श्रीनिवास 

आजतक की रिपोर्ट के अनुसार श्रीनिवास IIM अहमदाबाद के पूर्व छात्र हैं. वह माइक सीवर्ट की जगह लेंगे, जो कि 2020 से कंपनी के सीईओ हैं. अब सीवर्ट कंपनी के वाइस प्रसिडेंट का पद संभालेंगे. श्रीनिवास गोपालन ने हिंदुस्तान यूनिलीवर में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी. वह भारती एयरटेल, वोडाफोन, कैपिटल वन और डॉयचे टेलीकॉम जैसी कंपनियों में सीनियर पदों पर काम कर चुके हैं. अपने हालिया प्रमोशन को लेकर उन्होंने लिंक्डइन पर पोस्ट करते हुए कहा,

टी-मोबाइल के अगले CEO की भूमिका मिलने पर मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं. मैं लंबे समय से इस कंपनी की उपलब्धियों से बेहद खुश हूं. ये कंपनी वायरलेस तकनीक को नए सिरे से बनाकर कस्टमर्स को ऐसी सर्विस दे रही है, जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था.

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मोल्सन कूर्स ने राहुल गोयल को बनाया CEO 

वहीं शिकागो स्थित Beverage (पेय पदार्थ) बनाने वाली दिग्गज कंपनी मोल्सन कूर्स ने भारतीय मूल के राहुल गोयल को नया CEO बनाया है. राहुल 1 अक्टूबर से यह पद संभालेंगे. राहुल पिछले 24 साल से कंपनी से जुड़े हुए हैं. उन्होंने मैसूर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.

मोल्सन कूर्स के बोर्ड के चेयरमैन डेविड कूर्स ने राहुल की नई नियुक्ति पर कहा कि अगला CEO चुनने के प्रोसेस के बाद यह स्पष्ट था कि कंपनी के विकास को तेजी देने के लिए राहुल सही अनुभव और दूरदर्शिता लेकर आते हैं. राहुल ने भी इस पर कहा कि वह चुनौतियों का सामना करने और कंपनी की लेगेसी को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं.

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दिग्गज कंपनियों के CEO भारतीय

गौरतलब है कि भारतीय मूल के कई लोग इस समय अमेरिका की प्रमुख कंपनियों का नेतृत्व संभाल रहे हैं. माइक्रोसॉफ्ट, गूगल जैसी कंपनियों के सीईओ भी भारतीय मूल के ही हैं. इसके अलावा फॉर्च्यून 500 में शामिल कई कंपनियों के सीईओ भारतीय हैं.

वीडियो: आखिर राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने H1B US visa वाला फैसला क्यों लिया? शेयर मार्केट पर क्या असर होगा?

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