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अमेरिका ने बंद किए दरवाजे, चीन ने खोल दिए... H-1B वीजा की टक्कर में लॉन्च हुआ चीन का K-वीजा

China ने एक नई 'K-Visa' कैटेगरी शुरू करने का एलान कर दिया है. एक्सपर्ट्स इसे अमेरिकी H-1B वीजा का चीनी विकल्प मान रहे हैं. इस वीजा प्रोग्राम की क्या खासियत है और कौन इसके लिए अप्लाई कर सकता है?

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China launches 'K-Visa' to compete with H-1B visa
‘K वीजा’ 1 अक्टूबर 2025 से लागू होने जा रहा है. (फोटो: आजतक)
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अर्पित कटियार
22 सितंबर 2025 (Updated: 22 सितंबर 2025, 09:16 AM IST)
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अमेरिका के H-1B वीजा प्रोग्राम पर चर्चा अभी खत्म भी नहीं हुई है कि चीन ने एक नई ‘K वीजा’ कैटेगरी (China launches 'K-Visa') शुरू करने का एलान कर दिया है. इसका मकसद भी H-1B वीजा की तरह ही होगा. यानी दुनिया भर से स्किल्ड और वर्किंग प्रोफेशनल्स को अपने देश बुलाना. एक्सपर्ट्स इसे अमेरिकी H-1B वीजा का चीनी विकल्प मान रहे हैं. ‘K वीजा’ 1 अक्टूबर 2025 से लागू होने जा रहा है. 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने यह कदम ऐसे वक्त में उठाया है जब कई देश अपने वर्क वीजा को लेकर नियम सख्त कर रहे हैं. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा के लिए 100,000 डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) का आवेदन शुल्क लगाने का एलान किया था. इस फैसले के बाद अमेरिका में काम कर रहे भारतीय कर्मचारियों के बीच घबराहट बढ़ गई. 

ऐसे में चीन का यह नया और आसान वीजा विकल्प खासकर दक्षिण एशियाई देशों के लिए एक आकर्षक अवसर माना जा रहा है. ‘K वीजा’ का मकसद दुनिया भर के स्किल्ड और वर्किंग प्रोफेशनल्स को चीन की तरफ आकर्षित करना है. खासकर STEM यानी साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ की फील्ड से जुड़े प्रोफेशनल्स. यह नियम अगस्त में मंजूर किया गया था और 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा. 

कौन कर सकता है अप्लाई?

चीनी न्याय मंत्रालय के मुताबिक, K वीजा उन विदेशी युवा प्रतिभाओं के लिए होगा, जिन्होंने चीन या विदेश के किसी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय या रिसर्च इंस्टीट्यूट से STEM क्षेत्र में ग्रेजुएशन की डिग्री या उससे ज्यादा की डिग्री हासिल की हो. यह ऐसे इंस्टीट्यूट्स में टीचिंग या रिसर्च कर रहे युवा प्रोफेशनल्स के लिए भी उपलब्ध होगा.

आवेदकों को चीन की तय योग्यताएं और जरूरतें पूरी करनी होंगी. साथ ही दस्तावेज भी उपलब्ध कराने होंगे, जिनमें एजुकेशनल क्वॉलिफिकेशन का सर्टिफिकेट और रिसर्च/प्रोफेशनल कार्य का सर्टिफिकेट शामिल होगा.

ये भी पढ़ें: H-1B वीजा पर इन लोगों को नहीं देने होंगे 88 लाख रुपये, नए नियम पर एक बड़ा 'कन्फ्यूजन' दूर हुआ

‘K वीजा’ की खासियत

चीन की मौजूदा 12 सामान्य वीजा कैटेगरी की तुलना में K वीजा कई फायदे देगा: 

- मल्टीपल एंट्री, लंबी वैधता और लंबे वक्त तक ठहरने की सुविधा. 

- K वीजा धारक चीन में आने के बाद पढ़ाई, संस्कृति, विज्ञान और तकनीक के कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं, साथ ही व्यापार और उद्यमिता से जुड़े काम भी कर सकते हैं.

- ज्यादातर वर्क वीजा की तरह इस वीजा के लिए किसी चीन के किसी घरेलू नियोक्ता (Employer) या संस्था से इनविटेशन जारी करने की जरूरत नहीं होगी. 

अमेरिका के H-1B वीजा पर भारी-भरकम फीस लगाने के फैसले के बीच, एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन का यह फैसला उन स्किल्ड प्रोफेशनल्स के लिए एक नया रास्ता खोल सकता है जो बिना किसी ज्यादा लागत या लंबी प्रक्रिया के विदेश में अवसर तलाश रहे हैं.

वीडियो: दुनियादारी: अमेरिका जाने के लिए भारतीयों का फ़ेवरेट H1B वीजा बंद होने वाला है?

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