तुर्की में भूकंप के बाद मलबे में फंसे एक युवक ने वॉट्सएप स्टेटस के जरिए अपनी और अपनी मां की जान बचाई (Turkey Student used Whatsapp to sought help). 20 साल के बोरान कुबत ने अपना एड्रेस बताते हुए एक वीडियो वॉट्सएप स्टेटस पर लगाया. दोस्तों ने वीडियो देखा और बोरान की लोकेशन ट्रेज करते हुए वहां पहुंच गए जहां वो अपनी मां के साथ मलबे में दबे थे. कई घंटों की मशक्कत के बाद बोरान और उनकी मां को रेस्क्यू किया गया. बोरान ने बताया कि उनके एक अंकल और दादी अब भी मलबे में फंसे हैं.
तुर्की भूकंप: मलबे में दबे युवक ने वॉट्सएप स्टेटस लगाकर बचाई अपनी और मां की जान
लोकेशन की जानकारी के साथ वीडियो स्टेटस पर लगाया था. जानकार और दोस्त वहां पहुंचे और दोनों को निकाल लिया.

वॉट्सएप के जरिये मांगी मदद वाले वीडियो में बोरान कह रहे हैं,
जो कोई भी ये वॉट्सएप स्टेटस देख रहा है, कृपया आकर मदद करें. कृपया सभी लोग आएं और हमें बचाएं. मेरी मां की हालत ठीक है. हम एफ्रुज अपार्टमेंट की दूसरी मंजिल पर मलबे में फंसे हुए हैं.
बोरान का वीडियो उनके जानने वालों तक पहुंचने के बाद उन्हें और उनकी मां को सही सलामत मलबे से निकाल लिया गया. बाद में एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में बोरान ने कहा,
मेरे पास फोन था. मैंने सोचा कि अगर मैं सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करूंगा तो मेरे दोस्त वो देखकर मेरे पास पहुंच सकते हैं. इस तरह उन्होंने हमें ढूंढ निकाला.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बोरान अपनी मां के साथ इस्तांबुल से तुर्की के मालट्या में अपने परिवार से मिलने आए थे. 6 फरवरी को सुबह सबसे पहले जो भूकंप आया उसमें परिवार बच गया था. वो लोग फिर इमारत में वापस चले गए. कुछ देर बाद 7.5 तीव्रता के साथ दोबारा भूकंप आया. इस बार बोरान का अपार्टमेंट ढह गया और वो अपने रिश्तेदारों के साथ मलबे के नीचे फंस गए.
इससे पहले भी कई लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए मदद मांगी और उन्हें रेस्क्यू भी किया गया. अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इंस्टाग्राम स्टोरी पर अपने पते का एक वीडियो शेयर करने वाले यूट्यूबर फिरत यायला को रेस्क्यू किया गया था. उन्होंने बाद में बताया कि उनकी मां अभी भी कंक्रीट के ढेर के नीचे फंसी हुई हैं.
बता दें कि तुर्की और सीरिया में भूकंप से हुई मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. इस आपदा में मरने वालों की कुल संख्या 21 हजार के पार चली गई है. रिपोर्टों के मुताबिक अब तक अकेले तुर्की में लगभग 17500 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 72 हजार 800 लोग घायल हैं. वहीं सीरिया में मरने वालों की संख्या बढ़कर 3300 के करीब पहुंच गई है. दोनों देशों में मौत का कुल आंकड़ा 2011 के जापान भूकंप और सूनामी से भी ज्यादा हो गया है. उस तबाही में 18 हजार 400 लोगों की जान गई थी.
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