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क्या जापान का ये आर्क ऐटम बम और सुनामी झेलने के बाद भी जस का तस खड़ा है?

क्या ये आर्क परमाणु बम, भूकंप और विशाल समुद्री लहरें झेल गया है?

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इन दोनों आर्कों को जापना के नागासाकी का सेम आर्क बताया जा रहा है, जो कई विपदाएं झेलने के बाद भी जस का तस खड़ा है.
जापान, 6,852 द्वीपों से मिलकर बना एक देश. दो बड़ी आपदाओं के बाद भी फिर से उठ खड़ा होने वाला देश जो टेक्नॉलोजी में सबसे आगे रहने वाले देशों में से एक है. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इस देश के हिरोशिमा शहर पर अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 को दुनिया का पहला परमाणु हमला किया. जापान कुछ समझ पाता उससे पहले ही 9 अगस्त को दूसरे शहर नागासाकी पर परमाणु हमला हुआ. लाखों लोग मारे गए. बावजूद इस त्रासदी के उगते सूरज का देश कहा जाने वाला जापान फिर से खड़ा हो गया. करीब 66 साल बाद 11 मार्च, 2011 को एक भंयकर भूकंप के बाद सुनामी आई. पूरा देश फिर से अस्त-व्यस्त हो गया. लेकिन, सोशल मीडिया के मुताबिक इन दोनों घटनाओं में कुछ ऐसा भी था जो ये देश दोनों बार सही-सलामत खड़ा रहा. यह था- नागासाकी का एक आर्क. अब ये आर्क क्या है? जापान में जो धार्मिक स्थल होते हैं उनके गेट को जापानी भाषा में टोरी कहते हैं. यह आर्क मतलब चाप की शेप का होता है इसलिए दूसरे देशों में इस आर्क कहते हैं. नीचे दोनों फोटोज देखिए- 1)  Hiroshima arch 2.)  Hiroshima arch (1) इन दोनों फोटोज में जो चीजें कॉमन दिख रही हैं वो हैं बर्बादी के निशान और दूसरा एक आर्क. सोशल मीडिया पर इन दोनों तस्वीरों के साथ मेसेज चलाया जाने लगा कि यह आर्क नागासाकी की दोनों घटनाओं के बाद भी ऐसे खड़ा है. आखिर यह बना किस चीज से है? इस आर्क की सच्चाई क्या है? सच्चाई यह है कि ये दोनों फोटो अगल-अगल आर्क की तस्वीरें हैं. पहली यानी ब्लैक एंड वाइट फोटो नागासाकी की है. 10 अगस्त, 1945 को जापानी आर्मी के फोटोग्राफर योसुके यमाहता ने परमाणु हमले के बाद यह फोटो क्लिक किया था. आर्क की दूसरी यानी कलर्ड फोटो नागासाकी की है ही नहीं. यह तस्वीर जापान के ऑटसुकी (ऑटसुची, Ōtsuchi ) शहर की है. ऑटसुकी शहर के कोज़ुकी (Kozuchi) श्राइन (धार्मिक स्थल) के बाहर का है. कोज़ुकी वहां का मशहूर टूरिस्ट स्पॉट है. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के कैमरामैन ने ये फोटो क्लिक की है. इसके अलावा एक बड़ी बात ये भी कि 2011 की सुनामी नागासाकी में नहीं आई थी. जापान के जिन शहरों में सुनामी ने तांडव मचाया था, उनमें नागासाकी का नाम है ही नहीं. जिन दो अलग-अलग जगहों पर ये आर्क हैं वो जापान के दो बिल्कुल अलग छोर पर हैं. दोनों के बीच लगभग 1800 किलोमीटर की दूरी है. कुल मिलाकर बात ये कि एक और बार फर्जी खबर मार्केट में है. भरोसा न कीजिए.
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