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सर्फ एक्सल ग़लत कहता है

होली पर बनाए विज्ञापन के बाद तमाम लोग सर्फ एक्सल का विरोध कर रहे हैं.

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ये सर्फ एक्सल के होली वाले ऐड के स्क्रीनशॉट हैं.
सर्फ एक्सल ग़लत कहता है. दाग अच्छे नहीं हैं. सारे दाग तो कतई अच्छे नहीं हैं. 
कितना कुछ अविष्कार हुआ दुनिया में. किसी ने भाप से रेल चला दी. किसी ने रॉकेट बना दिया. इतना कुछ किया साइंस ने, मगर फिर भी उसे धिक्कार है. क्योंकि वो दुनिया के लिए बेहद ज़रूरी एक चीज नहीं बना सका. और इसका नतीजा हमें भुगतना पड़ रहा है. कुछ बेहूदे लोगों ने हमारे आस-पास नरक मचा दिया है.
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शायद सर्फ एक्सल के बायकॉट वाला मेसेज आप तक पहुंचा हो. मुमकिन है कि आपने ये मेसेज पहले पढ़ा हो. और फिर वो ऐड देखा हो, जिस पर बवाल हुआ पड़ा है. मेरे साथ उल्टा हुआ. मैंने ऐड पहले देखा. बाद में मुझे पता लगा कि कइयों ने इस ऐड में 'लव-जिहाद' खोज लिया है. उन्हें ये ऐड हिंदू धर्म पर हमला लग रहा है. जब से मुझे ये पता लगा है, तब से मैं विज्ञान को कोस रही हूं. कि क्यों फिनाइल टाइप कोई चीज नहीं बन सकी, जो ऐसे लोगों के दिमाग का गंद साफ कर सके!
ये स्टोरी लिखते वक़्त मैंने कई बार कुछ लिखा, फिर उसे डिलीट किया. क्या लिखूं, समझ ही नहीं आ रहा था. मतलब बच्चों के अंदर, उनके खेल उनकी दोस्ती में किसी को लव जिहाद दिख जा रहा है, इसपर क्या ही लिख देंगे आप.
ये स्टोरी लिखते वक़्त मैंने कई बार कुछ लिखा, फिर उसे डिलीट किया. क्या लिखूं, समझ ही नहीं आ रहा था. मतलब बच्चों के अंदर, उनके खेल उनकी दोस्ती में किसी को लव जिहाद दिख जा रहा है, इसपर क्या ही लिख देंगे आप. ऐड का मेसेज था टॉलरेंस और भाईचारा. मूर्खों ने इसे क्या बना दिया. 

ऐड की कहानी. उनके लिए जिन्होंने इसे अब तक नहीं देखा कुछ छोटे-छोटे बच्चे. होली खेल रहे हैं. बालकनी में खड़े होकर आते-जाते लोगों पर बलून फेंक रहे हैं. एक 'मुसलमान' बच्चा नमाज पढ़ने को जाना चाहता है. मगर रंगों से डरकर घर में दुबका हुआ है. एक 'हिंदू' बच्ची उसकी मदद करती है. साइकल से घूम-घूमकर सारे बच्चों के रंग अपने ऊपर खत्म करवा देती है. फिर उस 'मुसलमान' बच्चे को अपनी साइकल पर बिठाकर मस्जिद तक छोड़ आती है. ताकि वो नमाज पढ़ सके. सफेद कुर्ता-पजामा पहने वो बच्चा मस्जिद की सीढ़ियां चढ़ता हुआ उससे कहता है- नमाज पढ़कर आता हूं.
वो बच्ची उसकी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए कहती है- बाद में रंग पड़ेगा. वो बच्चा बड़े प्यार से मुस्कुरा कर हामी भरने की अदा से सिर हिलाता है और सीढ़ियां चढ़ने लगता है.

अगर आपको पंच बनाए कोई और पूछे. बताओ, इस कहानी में 'लव जिहाद' कहां नज़र आता है? कहां से ये ऐड हिंदुओं का मज़ाक उड़ाता है? कहां से ये होली का अपमान करता है? तो आपका क्या जवाब होगा? इस ऐड में ये सारी चीजें खोज पाने का मतलब है कि आप अंदर से सड़ गए हैं. एकदम बर्बाद हो गए हैं. आपका सिस्टम इतना ज्यादा धर्मांध हो जाए, इतना करप्ट हो जाए कि हर बात में धर्म घुसा दे, हर चीज को अपने धर्म पर हमला समझने लगे, केवल तभी आपको इस ऐड में 'लव जिहाद' नज़र आएगा. और अगर आप इतना बर्बाद हो गए हैं, इतने होपलेस हो गए हैं, तो आप धरती पर बोझ के अलावा कुछ और नहीं हो सकते.
छोटे बच्चे हैं. सुंदर सा ऐड है. असली दुनिया के बच्चे भी ऐसी सुंदर-सुंदर चीजें करते होंगे. दोस्ती करते होंगे. दोस्ती निभाते होंगे. उनको बने रहने दीजिए इतना ही सुंदर. इतना ही प्यारा. बाकी सर्फ एक्सल तो ईद-रमज़ान पर भी ऐड लाता है. तब भी कहता है- दाग अच्छे हैं. ऐसे दाग हमेशा अच्छे होते हैं. बाकी जो इंसानियत पर दाग हैं, उनको साफ करने वाला कोई डिटर्जेंट बने इसका इंतज़ार है.


 
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