केरल के एर्नाकुलम से दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन जाने वाली ट्रेन में 15 जून को एक हादसा हो गया. इसमें लोअर बर्थ पर बैठा एक पैसेंजर अपने ऊपर की सीट से घायल हो गया. ट्रेन रोककर घायल पैसेंजर को तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन बाद में उस पैसेंजर की मौत हो गई. ये दुर्घटना मिलेनियम एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12645) में हुई. दक्षिण रेलवे की ओर से पैसेंजर की मौत पर खेद जताया गया है. साथ ही, ये भी सफाई दी गई है कि ट्रेन की बर्थ ‘गिरी’ नहीं थी, बल्कि मिडिल बर्थ खुल गई थी. रेल मंत्रालय ने भी कहा है कि बर्थ को ठीक तरह से चेन से फिट नहीं किया गया था, इसीलिए ये हादसा हुआ.
ट्रेन की मिडिल बर्थ 'खुलने' से यात्री की मौत, गर्दन 3 जगहों से टूटी, रेल मंत्रालय ने जारी किया बयान
घटना केरल के एर्नाकुलम और दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन के बीच चलने वाली मिलेनियम एक्सप्रेस (नंबर 12645) में हुई. ट्रेन जब तेलंगाना से गुजर रही थी, उसी दौरान S6 कोच में मिडिल बर्थ के खुलने से लोअर बर्थ पर बैठा पैसेंजर घायल हो गया. तीन दिन बाद घायल पैसेंजर की मौत हो गई.

मृतक पैसेंजर का नाम अली खान था. वो 60 साल के थे. 15 जून को ट्रेन नंबर 12645 एर्नाकुलम से रवाना हुई. अली खान S6 कोच में लोअर बर्थ (सीट नंबर 57) पर बैठे थे. बताया गया है कि ट्रेन जब तेलंगाना से गुजर रही थी, उसी दौरान उनके बर्थ के ऊपर की मिडिल बर्थ खुल गई और इससे अली खान घायल हो गए.
घायल पैसेंजर के गर्दन की तीन हड्डियां टूट गई थींघटना के वक्त ट्रेन तेलंगाना के रामागुंडम स्टेशन के पास पहुंच रही थी. रेलवे स्टाफ ने रामागुंडम स्टेशन के ऑन-ड्यूटी स्टेशन मास्टर को सूचना दी. ट्रेन रोक कर पैसेंजर अली खान को तुरंत नजदीकी हॉस्पिटल ले जाया गया. साउदर्न रेलवे के मुताबिक इसके 3 दिन बाद 18 जून, 2024 को अली खान की मौत हो गई. Onmanorama न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक घायल अली खान के गर्दन की तीन हड्डियां टूट गई थीं और वो पैरलाइज्ड हो गए थे. उनकी तीन इमरजेंसी सर्जरी की गईं, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.
केरल कांग्रेस ने इस खबर पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और PM मोदी को X पर टैग करते हुए लिखा,
रेल मंत्रालय ने क्या सफाई दी?"अश्विनी वैष्णव और नरेंद्र मोदी के शासनकाल में रेलवे की स्थिति:
-पर्याप्त ट्रेनें या सीटें नहीं
-आप सुरक्षित तरीके से ट्रेन पर चढ़ नहीं सकते
-अगर आप ट्रेन पर चढ़ भी गए तो सीट नहीं
-अगर आपको सीट मिल भी जाए तो ट्रेन दुर्घटना, 'बर्थ गिरने' या गंदगी के कारण आपकी जान जा सकती है."
रेल मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि ऊपरी बर्थ की सीट की चेन ठीक से न लगाए जाने के कारण ये हादसा हुआ. ट्रेन की सीट में कोई खराबी नहीं थी. मंत्रालय का दावा है कि दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर सीट की जांच की गई थी और वह ठीक पाई गई.
रेल मंत्रालय ने X पर लिखा,
"- एर्नाकुलम से हजरत निजामुद्दीन जाने वाली ट्रेन 12645 तारीख 15.6.2024 को एर्नाकुलम स्टेशन से रवाना हुई और 17.6.2024 को समय से पहले हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर पहुंच गई.
- संबंधित पैसेंजर S/6 कोच की सीट नंबर 57 (लोअर बर्थ) पर यात्रा कर रहा था. पैसेंजर द्वारा अपर बर्थ की सीट पर चेन ठीक से न लगाने के कारण सीट नीचे आई.
- ये साफ है कि सीट क्षतिग्रस्त स्थिति में नहीं थी.
- दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर सीट की जांच की गई और वह ठीक पाई गई."
साउदर्न रेलवे की ओर से भी ये स्पष्टीकरण दिया गया है कि अपर बर्थ के साथ मिडिल बर्थ की ठीक तरीके से चेनिंग नहीं हुई थी. ठीक से चेन फिट नहीं किए जाने के कारण ये हादसा हुआ.
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