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घर से कुछ दूर जाने पर देना पड़ता था टोल? सरकार आपके लिए लाई खुशखबरी, जानिए नए नियम के बारे में

Highway और Expressway पर अपनी कार से यात्रा करने वाले वाहन चालकों को 20 किलोमीटर तक टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा. सरकार ने इस संदर्भ में एक नोटिफिकेशन जारी किया है.

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टोल टैक्स को लेकर सरकार की तरफ से मिली बड़ी राहत (फोटो: PTI)

रोजाना अगर आप अपनी कार से 20 किलोमीटर या उससे कम ट्रैवल करते हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है. हाईवे (Highway) और एक्‍सप्रेस-वे (Expressway) पर अपनी कार से यात्रा करने वाले लोगों को इसका फायदा मिलने वाला है. दरअसल, इन सड़कों पर वाहन चालकों को 20 किलोमीटर तक (No toll tax under 20KMS) टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा.

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस संदर्भ में 10 सितंबर को एक नोटिफिकेशन जारी की है. नोटिफिकेशन के मुताबिक नेशनल परमिट रखने वाले वाहनों को छोड़कर यदि कोई अन्य वाहन चालक नेशनल हाईवे, स्थायी पुल, बाईपास या सुरंग के रूट का उपयोग करता है, तो उस एक दिन में प्रत्येक दिशा में 20 किलोमीटर की यात्रा तक कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. लेकिन शर्त ये है कि उस गाड़ी में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट स‍िस्‍टम (GNSS) लगा हो. ये GNSS क्या है, इसके बारे में हम नीचे बताने वाले हैं.

नोटिफिकेशन के मुताबिक, इस सुविधा का लाभ टैक्सी व्हीकल को नहीं मिलने वाला है. सरकार की तरफ से राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 में संशोधन किया गया है. अब इसे राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) संशोधन नियम 2024 के नाम से जाना जाएगा.  नोटिफिकेशन में ये भी बताया गया है कि यदि कोई वाहन चालक 20 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करता है तो उससे केवल 20 किलोमीटर से अधिक की वास्तविक यात्रा दूरी पर ही टोल लिया जाएगा. इस बदलाव का उद्देश्य छोटी दूरी की यात्रा करने वाले वाहन चालकों पर टोल का बोझ कम करना है.

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GNSS क्या है?

अब  ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट स‍िस्‍टम यानी GNSS के बारे में भी जान लीजिए. ये एक तरह का  सैटेलाइट-आधारित सिस्टम है, जो गाड़ियों की गतिविधि को ट्रैक करती है और उसमें लगे ऑन बोर्ड यूनिट (OBU) की मदद से पैसों के बारे में बताता है. नोटिफिकेशन के मुताबिक GNSS वाले वाहनों के लिए टोल प्लाजा पर स्पेशल लेन बनाई जाएगी. इससे उन्हें टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी, जिससे समय की काफी बचत होगी. 

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OBU कैसे काम करेगा?

अब ऊपर जिस ऑन बोर्ड यूनिट यानी OBU का जिक्र आया, वो कैसे काम करता है, ये भी जानते हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक FASTag की तरह ही वाहनों में ऑन बोर्ड यूनिट लगाई जाएंगी. ये यूनिट ट्रैकिंग डिवाइस की तरह काम करेंगी और गाड़ी की लोकेशन की जानकारी सैटेलाइट को भेजते रहेंगी. सैटेलाइट फिर इस जानकारी को इकट्ठा कर गाड़ी की तय की गई दूरी को कैलकुलेट करेंगे. दूरी का सही कैलकुलेशन के लिए GPS और GNSS तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक OBU को FASTag की तरह ही सरकारी पोर्टल से खरीदा जा सकेगा. जिसे गाड़ी में बाहर से लगाना होगा.

फिलहाल टोल किसी भी टोल प्लाजा पर  FASTag या कैश के जरिए वसूला जाता है. इसमें समस्या होती है कि गाड़ियों को कुछ समय के लिए वहां रुकना पड़ता है और उसी वजह से वहां जाम लग जाता है. लेकिन नई तकनीक के आने के बाद टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत खत्म हो जाएगी. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कुछ महीनों पहले ही नए सिस्टम का ब्योरा दिया था. उन्होंने बताया था कि नए सिस्टम में सैटलाइट नापेगी कि आप कितनी दूर चले हैं और दूरी के आधार पर आपके बैंक खाते से पैसा डायरेक्ट कट जाएगा. 

उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI को बताया था,

“टोल खत्म कर रहे हैं. सैटेलाइट आधारित इस नए सिस्टम से समय, तेल और पैसा बचेगा. 2024 के अंत तक देश बदल जाएगा. ऐसा इसलिए कि राष्ट्रीय राजमार्गों का रोड नेटवर्क अमेरिका के बराबर का होगा. यही मेरा लक्ष्य है. मुझे यकीन है कि मुझे इसमें जरूर सफलता मिलेगी.”

बताते चलें कि GNSS बेस्‍ड टोल कलेक्शन स‍िस्‍टम के बारे में एक पायलट प्रोजेक्ट कर्नाटक में NH-275 के बेंगलुरु-मैसूर रोड और हरियाणा में NH-709  पानीपत-हिसार रोड पर किया गया है. जल्द ही इसे देशभर के एक्सप्रेस वे और नेशनल हाइवे पर लागू किया जा सकता है.

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वीडियो: नितिन गडकरी ने कहा है कि अब टोल सिस्टम खत्म हो जाएगा

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