अर्जुन बताते हैं कि जब वो ऑडिशन के लिए बी.आर. चोपड़ा के ऑफिस पहुंचे, तो वहां उन्हें दीपक पराशर, राज बब्बर और गोविंदा जैसे एक्टर्स दिखाई दिए. गोविंदा के कहने पर उन्होंने 'महाभारत' का ऑडिशन दिया. उन्हें हिंदी में दो पन्ने की स्क्रिप्ट दी गई थी. लेकिन हिंदी में हाथ तंग होने की वजह से उन्होंने गोविंदा से उन लाइनों को पढ़ने के लिए कहा और अपनी सहूलियत के लिए अंग्रेज़ी में नोटडाउन कर लिया. अर्जुन को लगता है कि अर्जुन का किरदार निभाना उनकी किस्मत में लिखा हुआ था. जबकि रोल पहले जैकी श्रॉफ करने वाले थे. अर्जुन बताते हैं-
''उनके (बी.आर.चोपड़ा) जाने के एक हफ्ते बाद तक जब मुझे फोन नहीं आया, तो मैं वापस उनके ऑफिस पहुंच गया. वहां मुझे किरदार का कॉस्ट्यूम पहनने और मूंछें लगाने को कहा गया. ये सब करने के बाद मैं पहले माले पर चोपड़ा साहब के केबिन में पहुंचा. वहां वो शो के राइटर्स राही मासूम रज़ा और पंडित नरेंद्र शर्मा के साथ बैठे हुए थे. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं अर्जुन के रोल के लिए चुन लिया गया हूं.''

फिरोज़ खान को महाभारत में ट्राय करने के लिए गोविंद ने कहा था.
अर्जुन बताते हैं कि 'महाभारत' ने प्रोफेशनली उनके लिए कई दरवाज़े खोल दिए. वो जब भी किसी प्रोड्यूसर को फोन करके अपना नाम बताते, तो सबको लगता कि 'कुर्बानी' वाले फिरोज़ खान ने फोन किया है. लेकिन मामला समझने के बाद वो दोबारा फोन करने को कहते. इस चीज़ से अर्जुन बड़ा अपमानित महसूस करते. बी.आर. चोपड़ा और राही मासूम रज़ा ने उन्हें ये सुझाव दिया कि उन्हें अपना नाम फिरोज़ से बदलकर अर्जुन ही रख लेना चाहिए. अर्जुन कहते हैं-
''इस नाम (अर्जुन) ने मुझे वो सबकुछ दिया, जो मैंने कभी सपने में देखा था. और कमाल की बात ये कि मेरी मां भी मुझे अर्जुन के नाम से ही बुलाने लगीं.''

महाभारत के पोस्टर पर युधिष्ठिर और द्रौपदी के साथ अर्जुन.
'महाभारत' जैसे पौराणिक शो में काम करने के अलावा अर्जुन 50 से ज़्यादा हिंदी फिल्मों में नज़र आए. इसमें 'क़यामत से कयामत तक', 'करण अर्जुन' और 'साजन चले ससुराल' जैसी फिल्में भी शामिल हैं.
वीडियो देखें: 'रामायण' की टीआरपी से खुश होने वाले 'महाभारत' के बारे में जानकर हिल जाएंगे