The Lallantop

जब गुस्साए योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था!

उत्तर प्रदेश बीेजेपी में इन दिनों आपसी अनबन की खबरें चल रही हैं. इस दौरान Yogi Adityanath का एक ऐसा किस्सा सामने आया है, जिनमें उन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत के सुर अख्तियार कर लिए थे.

Advertisement
post-main-image
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फोटो-आजतक)

बीते कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश बीजेपी में आपसी अनबन की खबरें आ रही हैं. लखनऊ से दिल्ली तक बैठकों का दौर चल रहा है. लल्लनटॉप के स्पेेशल शो नेतानगरी में इसी विषय पर चर्चा हुई. इस दौरान आजतक के वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु मिश्रा ने एक किस्सा सुनाया जब योगी आदित्यनाथ ने भाजपा को बगावती सुर दिखाए. ये किस्सा 2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान का है. उन्होंने बताया कि टिकट बंटवारे को लेकर योगी बीजेपी से नाराज़ हो गए थे. हिमांशु बताते हैं, 

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

‘2007 के विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ का हिन्दू युवा वाहिनी संगठन अपने उम्मीदवारों के लिए टिकट चाहता था. योगी ने अपने संगठन के लोगों को बीजेपी के टिकट पर एडजस्ट करने की मांग की थी. पर ऐसा नहीं हुआ. इस पर योगी ने भाजपा से इस्तीफा देने तक की बात कह दी थी. गोरखपुर के गोलघर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर योगी आदित्यनाथ ने ये घोषणा की थी कि ‘मैं पार्टी से रिजाइन कर रहा हूं.’ फिर भाजपा की ओर से मुख्तार अब्बास नक़वी और वेंकैया नायडू ने इस मामले में हस्तक्षेप किया. योगी आदित्यनाथ से बातचीत के बाद हिन्दू युवा वाहिनी के 16 लोगों को विधानसभा का टिकट दिया गया. हालांकि, योगी आदित्यनाथ ने 32 टिकट की मांग की थी.’

ऐसे ही एक और घटना साल 2012 में हुई. जब योगी और भाजपा में विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे को लेकर दरार दिखाई दी. हिमांशु इस वाकये के बारे में बताते हैं, 

Advertisement

‘2012 के समय बासगांव से वर्त्तमान में मंत्री कमलेश पासवान की माताजी को बासगांव से विधानसभा टिकट दिए जाने पर योगी आदित्यनाथ नाराज थे. वहीं, भाजपा का आलाकमान उक्त उम्मीदवार को टिकट देने के पक्ष में थे. इसको लेकर योगी और भाजपा में अनबन का दौर चल रहा था. इस मसले पर बहुत मुश्किल से योगी को मनाया गया था. तबके बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी, योगी आदित्यनाथ से बातचीत करने उनके गोरखपुर स्थित मठ गए थे. इस बातचीत में गडकरी ने कहा था कि कुछ सर्वे के आधार पर पार्टी आलाकमान इस पक्ष में है कि बासगांव से कमलेश पासवान की माताजी को टिकट दिया जाए. तब योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि वो चुनाव हार जाएंगी, और चुनाव परिणामों में बासगांव सीट भाजपा हार गई थी.’

हिमांशु ने 2002 का भी एक ऐसा ही किस्सा सुनाया. जब राधामोहन दास अग्रवाल ने गोरखपुर में बीजेपी शिव प्रताप शुक्ल को हराया था. हिमांशु बताते हैं कि अग्रवाल को योगी का समर्थन था. बाद में राधामोहन बीजेपी में शामिल हो गए और फिलहाल पार्टी में जनरल सेक्रेटरी के पद पर हैं. और शिव प्रताप शुक्ल हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल हैं.


 

Advertisement

वीडियो: नेता नगरी: PM मोदी और BJP पर मोहन भागवत क्यों बयान दे रहे? अंदर की कहानी नेतानगरी में खुली!

Advertisement