कई दफा लोग मरने के कुछ समय बाद भी जिंदा हो उठते हैं. मसलन इसी साल जनवरी में हरियाणा से एक खबर आई कि ‘एंबुलेंस से अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा शव गड्ढे में झटके लगने की वजह से जिंदा हो उठा.’ लेकिन मध्यप्रदेश के श्योपुर से एक अनोखी खबर समाने आई. जिस व्यक्ति को मृत समझ कर परिवार वालों ने उसका अंतिम संस्कार तक कर डाला था. वही शख्स अपनी तेरहवीं के दिन जिंदा घर वापस आ गया. जानते है पूरा मामला…
कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर सड़क दुर्घटना की तस्वीर वायरल हुई. घटना राजस्थान में सवाई माधोपुर के पास सुरवाल में हई थी. पोस्ट घायल व्यक्ति की पहचान के लिए की गई थी. पोस्ट के वायरल होते ही घायल व्यक्ति की असली पहचान भी सामने आई. घायल व्यक्ति का नाम सुरेन्द्र था जो कि मध्यप्रदेश के श्योपुर का रहवासी था. साथ ही जयपुर की किसी कपड़ा मिल में सुपरवाइजर के पद पर काम करता था.
अंतिम संस्कार हो चुका था, तेरहवीं के दिन घर के दरवाजे पर आकर खड़ा हो गया 'मरा हुआ' शख्स!
मध्यप्रदेश के श्योपुर में जिस आदमी को मरा समझ परिवार वालों ने उसका अंतिम संस्कार तक कर डाला, वो अपनी तेरहवीं के दिन घर वापस आ गया.

पता लगते ही श्योपुर जिले के लहचौड़ा गांव से दीनदयाल शर्मा अपने बेटे की तलाश में आए. डॉक्टरों ने बताया कि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. लिहाजा शव को गांव ले जाकर 28 मई के दिन उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. यहां तक तो बात ठीक थी. लेकिन तेरहवीं से पहले सुरेंद्र के भाई को सुरेन्द्र के फोन से मैसेज आया. बात भी हुई. भाई को लगा कोई मजाक कर रहा है इसलिए वीडियो कॉल करने को कहा.
जब सामने वाले व्यक्ति ने वीडियो कॉल किया तो सभी भौचक्के रह गए. वीडियो कॉल पर दिख रहा व्यक्ति सुरेन्द्र ही था. परिजनों को कुछ समझ नहीं आया. वे खुश भी थे लेकिन भरोसा नहीं कर पा रहे थे. इस कारण उन्होंने उसे तुरन्त घर आने को कहा. अगले दिन सुरेन्द्र घर भी आ गया. फिर क्या परिवार सहित पूरे गांव में खुशी की लहर उमड़ पड़ी. लेकिन सभी के मन में एक ही सवाल था कि आनन-फानन में उन्होंने किस व्यक्ति का अंतिम संस्कार कर डाला?.
कैसे हुई पहचान?आजतक की खबर के मुताबिक राजस्थान के सुरवाल की घटना के बाद, घायल व्यक्ति के जेब में 'कुशवाह ढाबा श्योपुर' के नाम का बिल मिला था. इसी आधार पर सुरवाल पुलिस ने अनुमान लगाया व्यक्ति मध्यप्रदेश के श्योपुर से आया होगा. पुलिस फोटो लेकर श्योपुर पहुंची जहां उन्होंने समाजसेवियों को फोटो दिखाई. वहीं से ये फोटो सोशल मीडिया तक पहुंची और उसकी पहचान तो हुई लेकिन गलत.
इस दौरान सुरेन्द्र कहां था?घटना सामने आने के बाद सुरेन्द्र ने बताया कि पिछले महीने ही वो छुट्टी मनाकर जयपुर वापस गया था. घर से वापस आने के बाद उसका फोन खराब हो गया जिससे करीब 2 महीने उसकी घरवालों से बात नहीं हो सकी. बहरहाल सुरेन्द्र के वापस आने से उसके घरवाले काफी खुश हैं. पुलिस परिजनों को बुलाकर इस घटना की दोबारा जांच कर रही है ताकि शव की असली पहचान की जा सके.
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