17 सौ करोड़ रुपए की लागत से बन रहा पुल उद्घाटन से पहले ही दो बार टूट गया. मुख्यमंत्री कह रहे पुल में दिक्कत थी तो गिरेगा ही. उपमुख्यमंत्री जब विपक्ष में थे तब कार्रवाई की बात कहते थे अब क्या कह रहे हैं? और तब सरकार के साथ रहा विपक्ष, माने भाजपा अब क्या कह रही है? मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा है और कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की मांग हो रही है. इस पूरे कोलाहल में मुख्य बात पर सबसे कम फोकस है. कि पुल की सुरक्षा में तैनात एक गार्ड का दो दिन बाद भी पता नहीं चल पाया है.