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दफ़्तर में घुसकर महिला तहसीलदार पर पेट्रोल छिड़का, फिर आग लगाकर ज़िंदा जला दिया

इस सबके पीछे एक ज़मीन विवाद की वजह बताई जा रही है. जिसने आग लगाई, वो ख़ुद भी झुलसा.

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विजया रेड्डी तेलंगाना के अब्दुल्लापुर मंडल में रेवेन्यू अफसर (तहसीलदार) थीं. 4 नवंबर की दोपहर ऑफिस के उनके केबिन में घुसकर एक आदमी (तस्वीर में दाहिनी तरफ) ने उनके ऊपर हमला किया. आरोपी अपने साथ पेट्रोल लेकर आया था. उसने विजया के ऊपर पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी. विजया वहीं जलकर मर गईं. तस्वीर में बाईं ओर विजया हैं, अपने परिवार के साथ (फोटो: इंडिया टुडे)
विजया रेड्डी नाम था उनका. तेलंगाना के अब्दुल्लापुर मंडल की तहसीलदार थीं. मंडल रेवेन्यू ऑफिसर (MRO). 4 नवंबर को दोपहर तकरीबन डेढ़ बजे की बात है. विजया अपने दफ़्तर के केबिन में अकेली थीं. एक आदमी उनके केबिन में घुसा. वो अपने साथ पेट्रोल लेकर आया था. उसने विजया पर पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी. दफ़्तर में और भी लोग मौजूद थे. सबके सामने दिनदहाड़े विजया ज़िंदा जला दी गईं. दफ़्तर के उनके दो सहयोगियों ने उन्हें बचाने की कोशिश की. मगर नाकाम रहे. विजया वहीं जलकर मर गईं. आग बुझाने की कोशिश में वो भी झुलसकर जख़्मी हो गए. विजया के परिवार में उनके दो बच्चे हैं. एक 10 साल की बेटी और एक तीन साल का बेटा. न्यूज़मिनट के मुताबिक, 2018 में विजया को पूरे मंडल की बेस्ट रेवेन्यू अफसर का अवॉर्ड मिला था. जिस दफ़्तर में वो जलाकर मारी गईं, वो तकरीबन तीन साल पहले ही बना था. वो यहां की पहली रेवेन्यू अधिकारी थीं. जमीन विवाद के पीछे हुई हत्या? जिसने विजया को ज़िंदा जलाया, उसका नाम है सुरेश. वो रंगा रेड्डी ज़िले के गोवरेली गांव का रहने वाला है. ख़बरों के मुताबिक, पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने से पहले सुरेश कुछ देर तक विजया से कुछ बात कर रहा था. पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में ज़मीन विवाद का ऐंगल सामने आ रहा है. 'इंडिया टुडे' के मुताबिक, सात एकड़ ज़मीन को लेकर विवाद था. इसके मुताबिक, आरोपी सुरेश ने तहसीलदार विजया रेड्डी के पास कई बार अपील की थी. वो अपनी ज़मीन का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहता था. मगर विजया ने उसकी अपील ख़ारिज़ कर दी थी. इसी बात से नाराज़ था सुरेश. लोकल मीडिया रिपोर्ट्स में क्या चल रहा है? न्यूज़मिनट ने अपनी ख़बर में अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि विवाद की जड़ में जो ज़मीन है, उसके ऊपर तकरीबन 30 परिवार अपना दावा कर रहे हैं. इस ज़मीन विवाद में सुरेश और उसके भाई भी दावेदार हैं. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरेश अपने नाम पर ज़मीन का पट्टादार पासबुक जारी करवाना चाहता था. इसमें देर लग रही थी. ख़बरों में सुरेश के एक रिश्तेदार का बयान यूं चल रहा है-
अधिकारियों ने क्लियरेंस तो दे दिया, मगर सुरेश के नाम पर ज़मीन ट्रांसफर नहीं की. कह रहे थे कि इसके लिए डिजिटल क्लियरेंस चाहिए होगा.
न्यूज़मिनट ने सुरेश के एक रिश्तेदार दुर्गैया से बात की. उनका कहना है कि सुरेश इस ज़मीन विवाद में इन्वॉल्व नहीं था. गांव के बुजुर्ग मिलकर इस विवाद पर बातचीत कर रहे थे. सुरेश का परिवार सदमे में बताया जा रहा है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि सुरेश ने इतना हिंसक कदम कैसे उठाया. अपने बैग के अंदर पेट्रोल का केन लेकर आया था सुरेश? 'इंडिया टुडे' ने विजया के ड्राइवर से बात की. ड्राइवर का कहना है कि आरोपी सुरेश अपने साथ एक बैग लाया था. वो विजया के केबिन में घुसा और उसने विजया पर हमला किया. फिर उसने विजया के शरीर पर पेट्रोल फेंककर आग लगा दी. विजया के चीखने की आवाज़ सुनकर ड्राइवर वहां पहुंचा. उसने विजया के चैंबर का दरवाज़ा खोला. किसी धमाके की स्थिति में ये दरवाज़ा ऑटो लॉक हो जाता है. ड्राइवर का कहना है कि उन्होंने विजया को बचाने की कोशिश की, मगर बचा नहीं सके. जिसने आग लगाई, वो ख़ुद भी झुलसा इस वारदात में विजया तो मारी गईं. उन्हें बचाने की कोशिश में ऑफिस के दो स्टाफ भी जख़्मी हुई. उन्हें इलाज के लिए नज़दीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वारदात के दौरान आरोपी सुरेश भी झुलसा. कुछ जगहों पर रिपोर्ट ये है कि उसने विजया को आग लगाने के बाद ख़ुद के शरीर में भी आग लगा ली. उसका शरीर 50-60 फीसद झुलस गया है. पुलिस ने सुरेश को भी अस्पताल में एडमिट कराया गया है. पुलिस ने अभी हत्या और हत्या की कोशिश का केस दर्ज़ किया है. पुलिस कमिश्नर महेश एम भागवत का कहना है कि इस हत्या के केस को फास्ट ट्रैक पर चलाया जाएगा. आरोपी के लिए फांसी की सज़ा मांगेगी पुलिस. चश्मदीद क्या बता रहे हैं? चश्मदीदों के मुताबिक, जोर से चीखने-चिल्लाने की आवाज़ आई. ये सुनकर दफ़्तर के कर्मचारी तहसीलदार के चैंबर की तरफ भागे. वहां उन्होंने देखा, विजया के शरीर में आग लगी है. वो उसी हालत में चीखते हुए अपने केबिन में बाहर की तरफ भाग रही हैं. उन्हें बचाने की कोशिशें की गईं. मगर सब नाकाम रहे. लोग काफी डरे हुए हैं. नाराज़ हैं. रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने इस वारदात के विरोध में प्रदर्शन भी किया. वो विजया के लिए न्याय मांग रहे हैं. रेवेन्यू अधिकारियों के एक संगठन ने इस वारदात के विरोध में 5 नवंबर को पूरे तेलंगाना में विरोध प्रदर्शन की अपील भी की है. इनकी मांग है कि आरोपी को सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाए. तेलंगाना के शिक्षा मंत्री हैं पी साबित इंद्रा रेड्डी. वो भी वारदात वाली जगह पहुंचे. जो हुआ, उसकी निंदा की. कहा-
अगर कोई शिकायत है, तो लोगों को उस मामले से संबंधित अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए. उन तक अपनी बात पहुंचानी चाहिए. अधिकारी भी लोगों के लिए ही काम करते हैं. जनता के हित में अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. लोगों को इस तरह की नृशंसता नहीं दिखानी चाहिए. ये सही तरीका नहीं है.
एक सरकारी ऑफिस में दिनदहाड़े घुसकर एक आदमी ऐसी वारदात को अंजाम देता है. वो ऐसा कैसे कर पाता है? पेट्रोल लेकर अंदर कैसे आने दिया जाता है? वो इस तरह एक अधिकारी के शरीर में आग कैसे लगा पाता है? ये सारे सवाल प्रशासन और विभागीय लापरवाही का सैंपल हैं.
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