"जब से बारहवीं कक्षा की छात्रा ने आत्महत्या की है, तब से स्कूल के छात्र मुझे संदेह की नजरों से देखते हैं, मैंने कोई गलती नहीं की है, और लेकिन जब छात्र ऐसे देखते हैं तो मुझे बहुत शर्म आती है. मुझे नहीं पता कि वे मेरे बारे में इस तरह क्यों बात कर रहे हैं...मैं सभी को बहुत मिस करूंगा."पूरा मामला क्या है? इंडिया टुडे से जुड़े अक्षय नाथ की एक रिपोर्ट के मुताबिक 19 नवंबर को तमिलनाडु के करूर में 12वीं कक्षा की एक छात्रा ने अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. लड़की की उम्र 17 साल थी. पुलिस को छात्रा के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमें उसने लिखा था,
"मैं करूर जिले में यौन उत्पीड़न के कारण मरने वाली आखिरी लड़की होनी चाहिए. मुझे यह कहने से डर लग रहा है कि मेरे इस फैसले का कारण कौन है. मैं लंबे समय तक जीना चाहती थी और दूसरों की मदद करना चाहती थी, लेकिन अब मुझे इतनी जल्दी इस दुनिया को छोड़ना होगा."पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पता लगा कि छात्रा ने आत्महत्या का कदम स्कूल से घर आने के तुरंत बाद उठाया था. इस वजह से पुलिस ने उसके स्कूल के छात्रों, टीचरों और कर्मचारियों से पूछताछ की. इस दौरान उसके टीचर सरवनन से भी पूछताछ की गई. हालांकि पुलिस को किसी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला. करूर पुलिस ने कहा भी है कि इस मामले में उन्हें सरवनन पर कोई संदेह नहीं था और न उनके खिलाफ कोई सबूत मिला. यानी साफ़ है कि छात्रों की शक की निगाहों से वे इतना ज्यादा परेशान हो गए थे कि उन्होंने जीवन खत्म करने का बड़ा कदम उठा लिया. सरवनन अपने पीछे पत्नी और दो बच्चे छोड़ गए हैं.
(ये स्टोरी हमारे यहां इंटर्नशिप कर रहीं आरुषि ने लिखी है)