
कवि त्रिभुवन ने सुश्री शब्द की पैदाइश के बारे में फेसबुक पर बताया है कि कैसे सुमित्रानंदन पंत ने ये शब्द ईजाद किया. (फोटो : https://www.facebook.com/tribhuvun)
और इस कहानी को फेसबुक पर साझा किया है कवि त्रिभुवन ने. उसे आप यहां
क्लिक करके पढ़ सकते हैं. त्रिभुवन के मुताबिक-
''हिंदी के प्रसिद्ध लेखक हरिवंश राय बच्चन ने मुझे एक पत्र लिखा था. उस पत्र में उन्होंने लिखा था कि हिंदी की प्रसिद्ध पत्रिका पल्लव का संपादन कवि सुमित्रा नंदन पंत के जिम्मे था. उस दौर में कई युवतियों की कविताएं छपने के लिए आती थीं. उनके नाम के आगे न तो कुमारी लगा होता था और न ही श्रीमति. ऐसे में सुमित्रा नंदन पंत उलझन में पड़ जाते थे कि कवयित्री के नाम के आगे क्या लिखा जाए. उस जमाने में फोन बहुत कम थे और मोबाइल तो बिल्कुल भी नहीं था. ऐसे में लेखिका से पूछना संभव नहीं था कि उनके नाम के आगे क्या लिखा जाए. ऐसे में सुमित्रा नंदन पंत ने बीच का एक रास्ता निकाला. जिन कवयित्रियों की वैवाहिक स्थिति के बारे में सुमित्रा नंदन पंत को पता नहीं होता था, उन्होंने उनके नाम के आगे सुश्री लगाना शुरू कर दिया. अब ये शब्द विवाहित स्त्री के साथ भी लग सकता था और अविवाहित के साथ भी. हालांकि बाद में चीजें बदल गईं. अविवाहित के लिए कुमारी शब्द का इस्तेमाल होने लगा और विवाहित महिलाओं के लिए श्रीमती शब्द इस्तेमाल होने लगा.''नवभारत टाइम्स ऑनलाइन के संपादक रहे हैं नीरेंद्र नागर. वरिष्ठ पत्रकार हैं. वो आलिम देहलवी के नाम से फेसबुक पर एक पेज चलाते हैं. 18 जुलाई, 2018 को उन्होंने फेसबुक पर एक पोल क्रिएट किया था. इसमें उन्होंने पूछा था कि सुश्री शब्द किसके आगे लगाया जाता है, विवाहित या अविवाहित. जाहिर है, ज्यादातर लोगों का जवाब अविवाहित ही था. लेकिन ज्ञानमंडल शब्दकोश के हवाले से नीरेंद्र नागर ने बताया था कि सुश्री शब्द किसी भी स्त्री के आगे लगाया जा सकता है.

नागरी प्रचारिण सभा की ओर से प्रकाशित संक्षिप्त हिंदी शब्दसागर में भी सुश्री का अर्थ यही है. उनकी पूरी पोस्ट आप यहां
क्लिक करके पढ़ सकते हैं.

नीरेंद्र नागर के मुताबिक-
''सुश्री लिखने का प्रचलन अंग्रेज़ी शब्द Ms से प्रेरित है. अंग्रेज़ी में विवाहित स्त्रियों के लिए Mrs और अविवाहित स्त्री के लिए Miss लिखा जाता था. Ms का इस्तेमाल 17वीं शताब्दी में सभी स्त्रियों के लिए होता था और Mr का इस्तेमाल सभी पुरुषों के लिए होता था चाहे वह शादीशुदा हो या नहीं. बाद में स्थितियां बदल गईं और शब्द का इस्तेमाल बंद हो गया. लेकिन जब दुनिया में नारीवादी आंदोलन शुरू हुआ तो इस बात की मांग उठने लगी कि जब पुरुषों के लिए कोई ऐसा शब्द नहीं है जिससे उनकी वैवाहिक स्थिति पता चल सके, तो महिलाओं के लिए क्यों. इसके बाद प्रचलन में एक शब्द आया है Ms और इसका उच्चारण रखा गया मिज़, जिससे कि मिस के उच्चारण के साथ घालमेल न हो. और हिंदी में इसी शब्द का रूपांतरण सुश्री के रूप में हुआ.''

मायावती के समर्थक अब उनका पूरा नाम सुश्री बहन कुमारी मायावती जी लिखते हैं.
इससे साफ है कि सुश्री का इस्तेमाल किसी भी महिला के साथ किया जा सकता है. लेकिन हाल की स्थिति ये है कि अविवाहित महिला के लिए सुश्री और कुमारी शब्द का इस्तेमाल प्रचलन में है, जबकि विवाहित महिला के नाम के आगे श्रीमति लगाया जा रहा है. और बात बीएसपी मुखिया मायावती से शुरू हुई थी तो वहीं पर खत्म करते हैं. उनके समर्थक जब उनका पोस्टर लगाते हैं तो उनका पूरा नाम लिखते हैं सुश्री बहन कुमारी मायावती.