फिल्म के एक दृश्य में सुशांत सिंह राजपूत.
अ वेडनसडे,
स्पेशल 26 और
बेबी के बाद नीरज पांडे ने करियर की जो चौथी फिल्म डायरेक्ट की है वो है
एम. एस. धोनी : द अनटोल्ट स्टोरी. निश्चित तौर पर ये उनके करियर की सबसे अलग फिल्म है. पहली बायोपिक है. इसमें उनकी अपराध कथाएं, मिशन, थ्रिल, सस्पेंस और अनोखे 'हीरोज़' नहीं हैं जिनके भरोसे वे अब तक सफल रहे हैं. क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की इस कहानी में लीड रोल में सुशांत सिंह राजपूत हैं. चार महीने पहले फिल्म का पहला टीज़र नजर आया था इसमें रेलवे की नौकरी करते हुए युवा धोनी दिखा था. अब गुरुवार रात 9 बजे इसका पहला पूरा ट्रेलर सार्वजनिक किया गया है.
कहानी मोटे तौर पर एक बच्चे से लेकर भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन बनने के बाद तक की धोनी की यात्रा के बारे में है जो आसान नहीं रही है. दिखता है कि कैसे वह अपनी रेलवे की नौकरी और फुल टाइम क्रिकेटर बनने के बीच संघर्ष कर रहा है. कि वह पिता से कितना झिझकता है. कि सलेक्शन के स्तर पर उसे कितनी उपेक्षा का सामना करना पड़ता है. इस जर्नी में उसके कोच, दोस्त, परिवार के लोग, पिता, बहन, चयनकर्ता, कमेंटेटर नजर आते हैं. उन्हीं का सहारा लेकर सीन बुने जाते हैं जिससे केंद्रीय पात्र बहुत ज्यादा मौलिक लगता है और सीधा ध्यान उस पर न जाने से कहानी एक आम आदमी की भी लगती है. फिर जब क्रिकेट मैदान के सीन आते हैं, वहां सारा ध्यान धोनी के पात्र पर होता है क्योंकि उस समय उसे स्टार दिखाना होता है.

सुशांत के अलावा राजेश शर्मा, कुमुद मिश्रा, अनुपम खेर, बृजेंद्र काला और भूमिका चावला जैसे अदाकार इसमें नजर आते हैं. अनुपम धोनी के पिता के रोल में हैं जिसका पूरा ध्यान अपने बेटे को सरकारी नौकरी लगाकर सुरक्षित करने पर है, जबकि बेटे का पैशन खेल है. भूमिका चावला (तेरे नाम) धोनी की बहन के रोल में लगती हैं. राजेश शर्मा उस व्यक्ति के किरदार में हैं जो बच्चे धोनी को गोलकीपर के तौर पर देखता है और क्रिकेट खेलने की सलाह देता है. और उसके बाद इस बालक को पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा. ट्रेलर में सबसे हैरानी वाला हिस्सा वो है जहां दिखाया जाता है कि धोनी चयनकर्ताओं को कहता है कि तीन खिलाड़ियों को वनडे टीम में न रखा जाया. सुशांत का पात्र सलेक्टर्स की मीटिंग में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहता है:
ये तीनों (सचिन, सहवाग, गंभीर) आज ओडीआई टीम में फिट नहीं बैठते!
ये इशारा सचिन तेंडूलकर, विरेंदर सहवाग और गौतम गंभीर की ओर किया है. धोनी की असल में भी ऐसी आलोचनाएं हुई थीं. युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने भी आरोप लगाए थे कि धोनी ने उनके बेटे का करियर तबाह कर दिया. ट्रेलर में एक चयनकर्ता कहता है "जो धोनी को प्रमोट करता है, धोनी आज उसी को बाहर करना चाहता है." उसके बाद अन्य चयनकर्ता कहता है, "ये इन तीनों को निकालकर रुकने वाला नहीं है." जाहिर है उन वरिष्ठ खिलाड़ियों ने ही धोनी को शुरू में मौका दिया और सपोर्ट किया.
ट्रेलर ठीक है. फिल्ममेकिंग के लिहाज से इसमें कुछ उल्लेखनीय नहीं है. इतना है कि कहीं से बोरिंग या बुरा नहीं लगता. ये भी अनुमान है कि फिल्म ठीक होगी. फैंस को बहुत पसंद भी आ सकती है. ट्रेलर यहां देखें: https://www.youtube.com/watch?v=6L6XqWoS8tw