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शादी को एक साल नहीं हुआ, पत्नी ने 5 करोड़ की एलुमनी मांग ली, सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकारा

सुप्रीम कोर्ट ने एक तलाक विवाद की सुनवाई में पत्नी की 5 करोड़ रुपये की मांग पर नाराजगी जताई. कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर अगली बार फिर इतनी ऊंची मांग रखी गई तो बहुत कड़ा आदेश सुनाया जाएगा.

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पत्नी के 5 करोड़ एलीमनी मांगने पर कोर्ट नाराज (India Today)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तलाक के एक मामले में 5 करोड़ का गुजारा भत्ता मांगने वाली महिला को कड़ी फटकार लगाई है. शादी के सिर्फ एक साल बाद तलाक की मांग करने वाले कपल को कोर्ट ने मध्यस्थता केंद्र में जाकर समझौता करने के लिए कहा. जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि पत्नी ने पति से 5 करोड़ रुपये की मांग की है. अगर पत्नी की ऐसी ही अनुचित मांग रही तो वह ऐसा आदेश पारित करेंगे कि उसे बिल्कुल पसंद नहीं आएगा. कोर्ट ने महिला को सलाह दी कि वह उचित मांग रखे और मुकदमा खत्म करे.

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मामला तलाक का है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पारदीवाला सुनवाई कर रहे थे. इंडिया टुडे से जुड़ीं सृष्टि ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने देखा कि शादी को मुश्किल से एक ही साल हुआ है और पत्नी इसे खत्म करने के लिए 5 करोड़ रुपये मांग रही है. महिला की इस मांग पर कोर्ट ने चिंता जाहिर की और वकील के जरिए पति से कहा कि उसे (पत्नी को) ‘वापस बुलाकर आप गलती कर रहे’ हैं. कोर्ट ने पति से ये तक कहा कि पत्नी के ‘सपने बहुत बड़े’ हैं और उसे वो अपने पास नहीं रख पाएगा.

जस्टिस पारदीवाला यहीं नहीं रुके. 5 करोड़ रुपये की एलुमनी पर उन्होंने महिला को चेतावनी दी और कहा,

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बेहतर होगा कि मध्यस्थता केंद्र में वापस जाकर फिर से बात करें. अगली बार अगर आपने 5 करोड़ की बात कही तो हम ऐसा कठोर आदेश देंगे, जो उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं आएगा. 

जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि पत्नी वाजिब मांग रखेगी और ये मुकदमा खत्म करेगी.  

कोर्ट में दाखिल जानकारी के अनुसार, ऐमजॉन में इंजीनियर के तौर पर काम करने वाले पति ने कानूनी विवाद को खत्म करने के लिए अंतिम समझौते के तौर पर 35 से 40 लाख रुपये की पेशकश की है. हालांकि, पत्नी ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. 

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कोर्ट का क्या आदेश? 

जस्टिस पारदीवाला ने दोनों पक्षों को 5 अक्टूबर को सुबह साढ़े 11 बजे सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थता केंद्र में पेश होने को कहा है. मध्यस्थता रिपोर्ट जमा होने के बाद मामले पर फिर से सुनवाई होगी. हालांकि, सुनवाई के दौरान, पत्नी के वकील ने पीठ को बताया कि मध्यस्थता के पिछले सारे प्रयास विफल रहे हैं. इस पर अदालत ने विफलता के कारणों पर सवाल उठाया और पत्नी से समाधान के लिए ज्यादा व्यावहारिक होने की बात कही.

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