The Lallantop

'सीनियर वकील बहस नहीं करेंगे...', सुप्रीम कोर्ट के जज ने क्यों कही ये बात?

Supreme Court में एक मामले की सुनवाई के दौरान Justice Vikram Nath ने कहा, 'मैं अपनी अदालत का मुखिया हूं. मैं दूसरे कोर्ट को कंट्रोल नहीं कर सकता हूं.'

Advertisement
post-main-image
10 जून को जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की बेंच सुनवाई कर रही थी. (फ़ोटो - इंडिया टुडे)

इन दिनों सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की वेकेशन बेंच मामलों की सुनवाई कर रही है. ऐसे ही एक मामले की सुनवाई 10 जून को हुई. इसमें सुनवाई एक दौरान जज ने फिर कहा कि वेकेशन के समय में कोई सीनियर वकील बहस नहीं करेगा. जज ने सीनियर वकीलों को अपनी कोर्ट में बहस करने की मंजूरी देने से मना कर दिया. 10 जून को जस्टिस विक्रम नाथ (Justice Vikram Nath) की अध्यक्षता वाली बेंच एक मामले की सुनवाई कर रही थी. इसी दौरान उन्होंने ये बात कही.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

दरअसल, कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए. सिंघवी ने पैरवी के दौरान कोर्ट के सामने बहस की मंजूरी मांगी. इस पर जस्टिस विक्रम ने मंजूरी देने से मना कर दिया. उन्होंने कहा,

"पिछले साल भी हमने साफ कर दिया था कि वेकेशन पीरियड के दौरान कोई भी सीनियर वकील बहस नहीं करेगा. मेरी अदालत में सीनियर वकीलों को बहस की मंजूरी नहीं है. मैंने स्पष्ट कर दिया था कि वेकेशन के दौरान कोई भी सीनियर वकील बहस नहीं करेगा. मैं अपनी अदालत का मुखिया हूं. मैं दूसरे कोर्ट को कंट्रोल नहीं कर सकता हूं."

Advertisement

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक़, एक दूसरे मामले में भी दोनों पक्षों की तरफ़ से बहस करने सीनियर वकील पहुंचे थे. उस दौरान भी जस्टिस नाथ ने उनसे अपने सहयोगियों (जूनियर्स) को बहस करने देने के लिए कहा. जस्टिस विक्रम ने सीनियर वकीलों से कहा कि आप दोनों अपनी सीट ले लीजिए और अपने जूनियर्स को बहस करने दीजिए. बाद में जस्टिस विक्रम मजाक वाले अंदाज में भी नज़र आए. हल्के-फुल्के अंदाज में उन्होंने कहा कि वो (जूनियर वकील) सुनवाई के लिए अपने सीनियरों को भुगतान ना करें. जस्टिस विक्रम ने कहा,

“अपने सीनियरों को फीस मत देना. ठीक है. अगर आपने दिया है, तो उसे वापस ले लें.”

ये भी पढ़ें - रामदेव को सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बुरा सुनाया!

Advertisement
पहले भी हुई थी जूनियर्स को मौक़ा देने की बात

20 मई को भी सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में कोर्ट ने जूनियर्स को मौक़ा देने को लेकर बात की थी. कोर्ट में पीएस नरसिम्हा और संजय करोल की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी. इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि बार के युवा सदस्यों को छुट्टी के दौरान बहस करने का अवसर दिया जाए. तब सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी दृढ़ता से इसका समर्थन किया था. सिंघवी ने कहा था कि कोर्ट को इस पर एक समान नियम बनाना चाहिए.

वीडियो: अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से झटका, जमानत याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार

Advertisement