The Lallantop

नूपुर शर्मा को 'देश के लिए खतरा' बताने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने उन्हें बड़ी राहत दे दी

सुप्रीम कोर्ट की जिस बेंच ने नूपुर शर्मा को देश के लिए खतरा बताया था, उसी ने उन्हें ये राहत दी है.

post-main-image
बाएं- सुप्रीम कोर्ट, दाएं- नूपुर शर्मा (फोटो-आजतक)

पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वाली बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. मंगलवार 19 जुलाई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. नूपुर ने इस मांग के साथ सोमवार 18 जुलाई को शीर्ष अदालत में ये याचिका दायर की थी. इस बार भी इसकी सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने की. याद दिला दें कि पिछली बार इसी बेंच ने पैगंबर मोहम्मद पर दिए बयान को लेकर नूपुर शर्मा को खूब लताड़ लगाई थी.

दूसरी बार दायर की याचिका

पैगंबर टिप्पणी विवाद के चलते देश के कई राज्यों में नूपुर शर्मा के खिलाफ केस दर्ज हुए हैं. इनमें दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्य शामिल हैं. इन मामलों को क्लब करने और गिरफ्तारी से बचने के लिए नूपुर शर्मा इसी महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं. लेकिन कोर्ट ने ना सिर्फ उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया, बल्कि पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर उन्हें बेहद सख्त फटकार लगा दी. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पारदीवाला की बेंच ने ये तक कह दिया था कि इस टिप्पणी के बाद देश-दुनिया में मचे हंगामे के लिए अकेली नूपुर शर्मा जिम्मेदार हैं. कोर्ट ने उदयपुर में कन्हैया लाल नाम के टेलर की हत्या तक के लिए नूपुर शर्मा को जिम्मेदार ठहरा दिया था.

सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के तुरंत बाद नूपुर शर्मा ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी. तब उन्होंने पिछली मांगों को दोहराते हुए ये अपील भी की थी कि उनके खिलाफ की गई टिप्पणी वापस ली जाए. अब उन्हीं मांगों के साथ नूपुर सोमवार 17 जुलाई को फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं. कोर्ट उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हुआ और मंगलवार को बीजेपी की निलंबित नेता को बड़ी राहत दे दी.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने बाकायदा उन सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है जहां नूपुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. कहा है कि उसकी अगली सुनवाई तक नूपुर को गिरफ्तार ना किया जाए. बता दें कि अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को करेगी.

सुनवाई के दौरान बेंच ने नूपुर के खिलाफ सलमान चिश्ती के वायरल बयान और बाकी धमकियों को भी संज्ञान में लिया. कोर्ट ने कहा कि यूपी के एक व्यक्ति ने याचिकाकर्ता का सिर काटने की धमकी भी दी. ऐसे में उसने निर्देश दिया कि नूपुर के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए.

इससे पहले इसी पीठ ने कहा था कि नूपुर शर्मा खुद देश के लिए खतरा हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी के बाद कई लोग नूपुर शर्मा के बचाव में सामने आए थे. कई रिटायर्ड जजों, सेना के अधिकारियों और ब्यूरोक्रेट्स ने नूपुर का समर्थन करते हुए एक खुला बयान जारी किया था. इसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने लाइन क्रॉस की है. बयान में इन लोगों ने कहा,

हम चिंतित नागरिकों के रूप में यह मानते हैं कि किसी भी देश का लोकतंत्र तब तक बरकरार रहेगा जब तक कि सभी संस्थान संविधान के अनुसार अपने कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे. माननीय सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों की हालिया टिप्पणियों ने लक्ष्मण रेखा लांघ दी है.

इसके बाद नई याचिका में नूपुर ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की कड़ी आलोचना के बाद उनके खिलाफ मौत और बलात्कार की धमकियां और ज्यादा बढ़ गई हैं. आखिरकार उनकी बात को कोर्ट ने गंभीरता से लिया और उन्हें बड़ी राहत दी.

देखें वीडियो- नूपुर शर्मा के सिर इनाम रखने वाले सलमान चिश्ती को टांग ले गई पुलिस