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धरती पर 'वेलकम' सुनीता विलियम्स... मेक्सिको की खाड़ी में उतरा स्पेसक्राफ्ट, खत्म हुआ 9 महीने का इंतजार

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने के इंतजार के बाद आखिरकार धरती पर वापस आ गए. बुधवार की सुबह भारतीय समय के अनुसार 3.27 बजे ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट उन्हें लेकर मैक्सिको की खाड़ी में उतरा.

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धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स

अंतरिक्ष में 9 महीने का लंबा समय बिताने के बाद नासा (NASA) के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बुच विल्मोर (Buch Vilmor) धरती पर लौट आए हैं. भारतीय समय के अनुसार सुबह 3 बजकर 27 मिनट पर स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट (Dragon Spacecraft) उन्हें लेकर मैक्सिको की खाड़ी में उतरा. इसके कुछ देर बाद ही मुस्कुराती हुई सुनीता विलियम्स स्पेसक्राफ्ट से बाहर निकलीं.

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एलन मस्क की स्पेसएक्स को क्रू-9 को वापस धरती पर लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. भारतीय समय के हिसाब से क्रू-9 को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से मंगलवार सुबह 10:35 बजे (IST) अनडॉक किया गया था. नासा ने स्पेसक्राफ्ट के स्पेस स्टेशन से अलग होते हुए एक वीडियो भी शेयर किया था. बुधवार की सुबह 2:41 बजे स्पेसक्राफ्ट ने डीऑर्बिट बर्न शुरू किया. यह ऐसा प्रॉसेस है, जिसमें स्पेसक्राफ्ट अपना इंजन चालू करता है. इससे यान को जिस दिशा में यात्रा करनी होती है, वह उस दिशा में घूम जाता है. साथ ही उसे अपनी स्पीड कम करने में भी मदद मिलती है.

डीऑर्बिट बर्न के 44 मिनट बाद यानी तड़के 3:27 बजे स्प्लैशडाउन के साथ सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की पृथ्वी पर वापसी हो गई. सुनीता और बुच विल्मोर 17 घंटे तक सफर में रहे. उनके अंतरिक्ष यान ने फ्लोरिडा के समुंदर में पैराशूट के जरिए स्प्लैशडाउन किया. बताया गया कि जैसे ही कैप्सूल मैक्सिको की खाड़ी में उतरा, डॉल्फिन्स ने उसे घेर लिया. थोड़ी देर बाद नासा की एक टीम ने हैच खोला और अंतरिक्ष यात्रियों को यान से बाहर निकलने में मदद की. कैप्सूल से बाहर आते समय सुनीता विलियम्स को मुस्कुराते और हाथ हिलाते देखा गया.

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वादा किया, वादा निभायाः वॉइट हाउस

अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी पर वॉइट हाउस ने एलन मस्क की सराहना की है. मंगलवार को एक्स पर पोस्ट करके कहा गया, 

वादा किया, वादा निभाया. राष्ट्रपति ट्रंप ने 9 महीने से स्पेस में फंसे अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने का वादा किया था. आज वे सुरक्षित अमेरिका की खाड़ी में उतर आए. एलन मस्क, स्पेसएक्स और नासा का धन्यवाद!

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स्पेस में कैसे फंस गई सुनीता?

बीते साल 5 जून को सुनिता विलियम्स और बुच विलमोर ने बोइंग स्टारलाइनर से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी थी. यह मिशन केवल 8 दिनों का होना था, स्पेसक्राफ्ट में खराबी आने की वजह से यह 9 महीने की एक लंबी चुनौतीपूर्ण यात्रा में बदल गया. दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने वाले बोइंग स्टारलाइनर के साथ तकनीकी समस्याएं शुरू हो गईं. ऐसे में स्पेसक्राफ्ट को वापस लौटने के लिए असुरक्षित घोषित कर दिया गया. बाद में सितंबर 2024 में बिना किसी को साथ लिए इसे वापस धरती पर आना पड़ा.

जब स्टारलाइनर से वापसी असंभव हो गई, तब नासा ने सुनीता और विल्मोर की वापसी के लिए स्पेसएक्स से मदद मांगी. सितंबर 2024 में स्पेसएक्स की Crew-9 टीम को केवल दो अंतरिक्ष यात्रियों के साथ स्पेस में भेजा गया. आमतौर पर 4 लोग भेजे जाते थे लेकिन ISS में पहले से फंसे सुनीता और विल्मोर के लिए जगह बनाने के लिए सिर्फ 2 लोगों को ही क्रू-9 में भेजा गया.

वापसी के बाद की चुनौतियां

9 महीने बाद सुनीता और बुच धरती पर वापस तो आ गए हैं. लेकिन उनकी चुनौतियां अभी खत्म नहीं होती हैं. लंबे समय तक स्पेस में रहने से हड्डियों और मांसपेशियों का पर बुरा प्रभाव पड़ता है. गुरुत्वाकर्षण की कमी से हड्डियों का घनत्व काफी कम हो जाता है. मेहनत न करने की वजह से मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं. इसके अलावा धरती के मुकाबले स्पेस में रेडिएशन का जोखिम ज्यादा है. पृथ्वी का वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र मनुष्यों को उच्च स्तर के रेडिएशन से बचा लेते हैं, लेकिन अंतरिक्ष में यह संभव नहीं है. वहीं गुरुत्वाकर्षण न होने की वजह से देखने की क्षमता में भी कमी आती है. 

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