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8 दिन के लिए गई थीं, 9 महीने फंसी रहीं... अब सुनीता विलियम्स को 'ओवरटाइम' के लिए कितना पैसा देगा NASA?

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर नासा के 8 दिन के मिशन पर अंतरिक्ष में गए थे. इस दौरान तकनीकी दिक्कतों की वजह से वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फंस गए. 9 महीने से उनकी वापसी संभव नहीं हो पाई. अब उनकी वापसी का रास्ता साफ हुआ है और 19 मार्च से पहले वे वापस आ सकते हैं.

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अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) के अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बुच विल्मोर (Butch Wilmore) के धरती पर वापस आने का रास्ता साफ हो गया है. 8 दिन के मिशन पर गए दोनों 9 महीने से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर फंसे हैं. अब उन्हें लेने के लिए नासा ने स्पेशल स्पेसक्राफ्ट भेजा है, जिस पर सवार होकर 19 मार्च तक सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पृथ्वी पर वापस आ सकते हैं. 17 मार्च को एलन मस्क (Elon Musk) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें सुनीता और बुच ने ट्रंप सरकार और मस्क को धन्यवाद कहा है.

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बता दें कि नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर नासा के 8 दिवसीय मिशन पर निकले थे. इस दौरान अप्रत्याशित तकनीकी समस्याओं के कारण 9 महीने से ज्यादा समय से वो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर फंसे हुए हैं. दोनों अब 19 मार्च से पहले स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर लौटने की तैयारी कर रहे हैं. 

ऐसे में सवाल उठता है कि ISS पर फंसने के कारण निर्धारित अवधि से ज्यादा मिशन को अपना समय देने पर दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को क्या नासा अतिरिक्त सैलरी देगा? और अगर देगा तो यह कितना होगा? हालांकि, नासा में काम कर चुके एक अन्य अंतरिक्षयात्री ने इस बात को ही खारिज कर दिया है कि वे दोनों स्पेस स्टेशन पर फंसे थे. उनका कहना है कि वे वहां पर फंसे नहीं थे बल्कि इस दौरान एक्टिव होकर नासा के लिए काम कर रहे थे. 

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नासा की अंतरिक्ष यात्री रहीं कैथरीन ग्रेस उर्फ कैडी कोलमैन अब रिटायर हो चुकी हैं. एक न्यूज एजेंसी को उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष यात्रियों को ओवरटाइम का कोई अलग से वेतन नहीं मिलता. जहां तक बात ISS पर 'फंसे' सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की है, तो दोनों ही संघीय कर्मचारी हैं. अंतरिक्ष में उनके समय को पृथ्वी पर किसी भी रेगुलर वर्किंग ट्रिप की ही तरह माना जाता है. इस दौरान वह अपनी रेगुलर सैलरी पाते रहते हैं. वहीं नासा ISS पर उनके भोजन और रहने का खर्च उठाता है.

मिशन की अवधि से ज्यादा समय ISS पर बिताने पर 'एक्स्ट्रा पे' के सवाल को लेकर कोलमैन ने बताया कि चूंकि वह वहां भी नासा के रेगुलर कर्मचारी की तरह काम कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें किसी भी तरह की अतिरिक्त सैलरी नहीं मिलती. हां, उन्हें आकस्मिक खर्चों के लिए एक छोटा सा डेली स्टाइपेंड मिलता है. इसे ही उनके लिए अतिरिक्त मुआवजा कहा जा सकता है, जो सैलरी के अलावा उन्हें नासा देता है. कथित तौर पर यह स्टाइपेंड हर दिन केवल 4 डॉलर यानी कि 347 रुपये होता है.

कोलमैन ने समझाया कि साल 2010-11 में वह 159 दिन के एक मिशन पर थीं. इस दौरान उन्हें कुल मिलाकर तकरीबन 636 डॉलर यानी कि 55 हजार रुपये एक्स्ट्रा सैलरी के तौर पर मिला. अगर इस कैलकुलेशन को ध्यान में रखें तो विलियम्स और विल्मोर अंतरिक्ष में 287 दिन से ज्यादा समय बिता चुके हैं. ऐसे में हर एक को अतिरिक्त मुआवजे के तौर पर केवल 1 हजार 148 डॉलर यानी लगभग 1 लाख रुपये मिलेंगे. कोलमैन ने यह भी साफ किया कि विलियम्स और विल्मोर के लिए नासा ने कहा है कि वे दोनों लोग तकनीकी रूप से फंसे नहीं हैं, क्योंकि वे आईएसएस पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.

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सुनीता विलियम्स को कितना मिलेगा वेतन
मुआवजे की बात छोड़ भी दें तो अब सवाल ये है कि सुनीता विलियम्स को आखिर सैलरी कितनी मिलती होगी? दरअसल, नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अमेरिका के जनरल शेड्यूल सिस्टम के जीएस-15 सैलरी ग्रेड में आते हैं. जीएस सिस्टम में संघीय कर्मचारियों के लिए हाइएस्ट लेवल है. जीएस-15 के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारियों को करीब 1.08 करोड़ रुपये - 1.41 करोड़ रुपये के बीच सालाना वेतन मिलता है. 

बता दें कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बीते साल 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर सवार होकर ISS के लिए 8 दिवसीय मिशन के लिए निकले थे. उनके स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी समस्या होने की वजह से इसे उनकी वापसी के लिए ठीक नहीं माना गया, जिससे उन्हें ISS पर तय समय से ज्यादा समय तक रहना पड़ा. अब उनकी वापसी तय हो गई है. विलियम्स और विल्मोर नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोरबुनोव के साथ स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल पर सवार होकर पृथ्वी पर वापस आने वाले हैं.

स्पेसएक्स क्रू-10 नासा के रेगुलर क्रू रोटेशन मिशन के तहत ISS पर पहुंचा है. ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होने के लगभग 29 घंटे बाद रविवार को 12:04 बजे ET पर ISS पर पहुंचा. यह अंतरिक्ष यान यूं तो नासा की रेगुलर रोटेशन उड़ान का हिस्सा है लेकिन यह तब दुनिया के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया, जब इसके जरिए 9 महीने से ISS में फंसे विलियम्स और विल्मोर की लंबे समय से प्रतीक्षित वापसी का रास्ता साफ कर दिया.

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