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PM मोदी शिवाजी की जिस विशाल मूर्ति के अनावरण के लिए गए थे, वो गिर गई

मालवण स्थित राजकोट किले में बनी प्रतिमा 26 अगस्त के दिन दोपहर करीब एक बजे गिर गई. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के अवसर पर इसका अनावरण किया था.

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राजकोट किले में बनी इस प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के अवसर पर किया था. (फोटो- सोशल मीडिया)

पिछले साल महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा का अनावरण किया था. 35 फुट ऊंची ये प्रतिमा 26 अगस्त के दिन ढह गई (Statue of Shivaji Maharaj collapses). घटना के बाद विपक्षी दलों ने राज्य सरकार की आलोचना की और आरोप लगाए कि सरकार ने काम की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने जानकारी दी कि मालवण स्थित राजकोट किले में बनी प्रतिमा गिर गई. घटना 26 अगस्त की दोपहर करीब एक बजे की है. अधिकारी ने कहा कि पुलिस और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. नुकसान का आकलन किया जा रहा है.

अटकलें लगाई जा रही हैं कि तेज हवा के चलते मूर्ति गिरी है. लेकिन अधिकारी ने बताया कि एक्सपर्ट्स की टीम प्रतिमा के ढहने के वास्तविक कारणों का पता लगाएगी. इसके लिए जांच के आदेश दिए गए हैं. हालांकि उन्होंने संकेत तेज हवा का ही दिया. बोले कि जिले में पिछले दो-तीन दिनों में भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही थीं, इस वजह से भी प्रतिमा गिर सकती है.

राजकोट किले में बनी इस प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के अवसर पर किया था. पीएम मोदी किले में आयोजित समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे.

शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरें वायरल हुईं. इसके बाद मामले में राजनीति भी शुरू हो गई. एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने कहा,

"राज्य सरकार इसके लिए जिम्मेदार है, सरकार ने प्रतिमा की उचित देखभाल नहीं की. सरकार ने काम की गुणवत्ता पर बहुत कम ध्यान दिया. सरकार केवल एक कार्यक्रम आयोजित करने पर ध्यान लगाए रही. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रतिमा का अनावरण करने के लिए आमंत्रित किया गया था. ये महाराष्ट्र सरकार केवल नए टेंडर जारी करती है, कमीशन लेती है और उसी के हिसाब से कॉन्ट्रैक्ट्स दे देती है."

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार शिवसेना (यूबीटी) विधायक वैभव नाइक ने भी काम की गुणवत्ता के लिए राज्य सरकार की आलोचना करी. उन्होंने कहा,

"राज्य सरकार जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर सकती है. मूर्ति के निर्माण और स्थापना के लिए जिम्मेदार लोगों की गहन जांच होनी चाहिए."

मूर्ति को बदलने की मांग की गई थी

NCP (SP) सांसद सुप्रिया सुले ने मूर्ति गिरने के बाद X पर लिखा,

“ये प्रतिमा जल्दबाजी में बनाई गई थी. साथ ही ये मूर्ति आकारहीन थी और मूर्तिकला के अनुसार नहीं बनाई गई थी. इसलिए हमने इस प्रतिमा को बदलने की मांग की थी. लेकिन सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया. संभाजी राजे ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को पत्र भी भेजा था.”

संभाजी छत्रपति ने X पर पत्र की फोटो साझा करते हुए लिखा,

“प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन के लिए जल्दबाजी में बनाई गई मूर्ति गिर गई! हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मूर्ति को बदलने की मांग की थी. ये मूल रूप से आकारहीन थी और शिल्पकला के अनुसार नहीं थी और जल्दबाजी में बनाई गई थी. इस महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक एक साल के भीतर गिर जाने जैसी दुर्भाग्यपूर्ण बात नहीं है. ऐसी स्थिति में हम महाराजा के किलों की बात किस अधिकार से करेंगे!”

मूर्ति गिरने की घटना के बारे में महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने कहा,

"मुझे घटना के बारे में पूरी जानकारी नहीं है. पीडब्ल्यूडी मंत्री रविंद्र चव्हाण ने मामले की गहन जांच कराने की बात कही है."

केसरकर ने आगे कहा कि सरकार उसी स्थान पर एक नई प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है. ये भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अनावरण की गई ये प्रतिमा समुद्र पर किला बनाने में शिवाजी महाराज के दूरदर्शी प्रयासों को श्रद्धांजलि देती है.सरकार इस मामले को शीघ्र और प्रभावी ढंग से हल करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी. 

वीडियो: तारीख: कोल्हापुर के विशालगढ़ किले की कहानी, छत्रपति शिवाजी महाराज से क्या संबंध है?