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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, अचानक दो सीनियर वकील एक-दूसरे को सड़कछाप और कलंक बताने लगे

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे सुनवाई के बीच एक-दूसरे पर पर्सनल अटैक करने लगे.

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सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (फाइल फोटो: आजतक)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बुधवार, 12 अक्टूबर को धोखाधड़ी के एक मामले में जमानत की अर्जी पर सुनवाई हो रही थी. सुनवाई के दौरान केस के दोनों वकीलों के बीच एक-दूसरे पर छींटा कशी शुरू हो गई. केस को लेकर जिरह नहीं बल्कि एक-दूसरे पर निजी हमले किए गए. ये कहा-सुनी दो सीनियर वकीलों के बीच हुई. वो सीनियर वकील हैं, सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता (Tushar Mehta) और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दुष्यंत दवे.

दरअसल धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई चल रही थी. कोर्ट रूम में जस्टिस हेमंत गुप्ता (Justice Hemant Gupta) और जस्टिस सुधांशु धूलिया (Justice Sudhanshu Dhulia) की बेंच बैठी थी. 

एक-दूसरे को ‘सड़कछाप’ और ‘कलंक’ तक कह दिया!

ज़मानत के मामले पर सुनवाई जारी थी. सुनवाई के दौरान बेंच ने वकीलों से पूछा कि वो इस मामले में स्थगन तो नहीं चाहते हैं. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दुष्यंत दवे पर तंज कसते हुए कहा दिया कि उनकी दलीलें सड़कछाप हैं. 

दुष्यंत दवे ने तुषार मेहता की इस बात पर आपत्ति जताई और कहा कि मेहता की न‍ियुक्‍त‍ि राजनीत‍िक है और वे उसी तरह काम करते हैं. उन्होंने तुषार मेहता को सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया के ऑफिस का कलंक तक कह दिया.

दोनों के बीच तल्खी बढ़ती देख बेंच को दखल देना पड़ा. जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि वे लोग कोर्ट रूम का पारा न चढ़ाएं. जजों के दखल के बाद दोनों वकील शांत हुए. मामला तो शांत हो गया, लेकिन बेंच ने फिर मामले की आगे की सुनवाई नहीं की. बेंच ने मामला बाद के लिए स्थगित कर दिया.

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