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UP पुलिस ने अब अतीक अहमद के वकील को गिरफ्तार किया, उमेश पाल की लोकेशन शेयर की थी

अतीक के वकील विजय मिश्रा पर गंभीर आरोप लगे हैं.

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अतीक अहमद के वकील को होटल से गिरफ्तार किया गया (साभार - आजतक)

माफिया अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा को यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक, विजय को लखनऊ के विभूतिखंड के एक फाइव स्टार होटल के पास से गिरफ्तार किया गया. विजय मिश्रा प्रयागराज के रहने वाले हैं. अतीक और उसके भाई अशरफ के केस की पैरवी कर रहे थे. पुलिस ने खान सौलत हनीफ के बयान और मोबाइल डिटेल्स के आधार पर विजय को गिरफ्तार किया गया है. विजय मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने उमेश पाल की लोकेशन शूटर्स को दी थी. इसके अलावा उन पर एक कारोबारी से तीन करोड़ रुपये रंगदारी मांगने का भी आरोप है.

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आजतक से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार 29 जुलाई की रात यूपी STF ने विजय को लखनऊ के हयात रेजेंसी के पास से गिरफ्तार किया. विजय इसी होटल में रुके हुए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक STF की टीम जब वहां पहुंची, विजय कुछ दोस्तों के साथ कोल्ड ड्रिंक पी रहे थे. गिरफ्तारी से पहले पुलिस की विजय और उनके दोस्तों से नोक-झोंक भी हुई.

ये पूरी कार्रवाई रात करीब 11 बजे की गई. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक विजय मिश्रा के जूनियर एडवोकेट हिमांशु कुमार ने बताया कि सभी पुलिस वाले सादी वर्दी में आए थे. रात करीब 11 बजे उन्हें अपने साथ ले गए हैं. कहां ले गए हैं, यह क्लीयर नहीं है. पुलिस ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है.

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रंगदारी का क्या आरोप है?

सूत्रों के मुताबिक, विजय मिश्रा लखनऊ के इस होटल में किसी महिला के साथ रुके थे. महिला के अतीक अहमद के परिवार से जुड़े होने का दावा किया जा रहा है. पुलिस उनकी पहचान करने की कोशिश में जुटी हुई है. विजय मिश्रा अतीक के परिवार की ओर से कई केस लड़ चुका है.

करीब दो महीने पहले एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. पुलिस का दावा है कि इसमें विजय मिश्रा एक प्लाईवुड कारोबारी को अतीक और अशरफ के नाम पर धमकी दे रहे थे. विजय ने इस व्यापारी से 3 करोड़ रुपये मांगे थे. इस मामले में पुलिस ने विजय मिश्रा के खिलाफ अतरसुइया थाने में FIR दर्ज की थी. विजय मिश्रा के खिलाफ रंगदारी मांगने का केस दर्ज हुआ था. व्यवसायी सईद अहमद ने ये शिकायत 23 मई को दर्ज कराई थी.

बताया जा रहा कि विजय अतीक के भाई अशरफ से उमेश पाल हत्याकांड के दौरान लगातार संपर्क में थे. जब अशरफ और अतीक जेल में थे, तब भी अशरफ से विजय का संपर्क बना रहा. कुछ रिपोर्ट्स का दावा है कि अतीक-अशरफ की हत्या के वक्त वो भी उसी अस्पताल के आसपास थे, जहां दोनों पर गोली चलाई गई थी.  

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उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी

उमेश पाल बहुजन समाज पार्टी (BSP) के विधायक रह चुके राजू पाल की हत्या मामले में मुख्य गवाह थे. विजय पर आरोप है कि उन्होंने 24 फरवरी को अतीक के बेटे असद अहमद को उमेश पाल के कोर्ट से निकलने की जानकारी दी थी. इसके बाद हमलावरों ने उमेश पाल पर गोली चलाई थी. उमेश पाल गाड़ी से निकलकर जब अपने घर की ओर भागे, तब बदमाशों ने उनको निशाना बनाकर बम भी फेंके थे. ये पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे पर कैद हुई थी.

इस हमले में गंभीर रूप से घायल उमेश पाल और उनके दो गनर को आसपास के लोगों ने इलाज के लिए रानी नेहरू अस्पताल पहुंचाया. इलाज के दौरान तीनों की मौत हो गई थी. उमेश की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद, अशरफ अहमद, शाइस्ता, असद के साथ ही शूटर अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर के खिलाफ केस दर्ज किया था. इनमें से अतीक और अशरफ समेत छह आरोपी मारे जा चुके हैं. शाइस्ता और गुड्डू मुस्लिम समेत तीन आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.

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