नशा त्रासदी ला सकता है. ला रहा है. दुनिया में एक ऐसा देश है, जहां नशे के लिए लोग कब्रों से गड़े मुर्दे उखाड़ रहे हैं. हालत ये है कि देश के राष्ट्रपति को आपातकाल की घोषणा करनी पड़ गई. बात हो रही है सियेरा लियॉन (Sierra Leone) की. अफ्रीका के पश्चिमी हिस्से (West Africa) का एक देश. गरीबी इतनी कि प्रति व्यक्ति आय 115 रुपये/प्रतिदिन है, और आयरनी इतनी कि दिन के औसतन 800 रुपए नशे में खर्च कर रहे हैं. यानी क़रीब तीन लाख रुपये सालाना. इसी के चलते 5 अप्रैल, 2024 को देश के राष्ट्रपति जूलियस माडा बायो ने आपातकाल की घोषणा कर दी. हालांकि, ख़बर इतनी ही होती तो खबर न होती.
कब्रें खोद कर मुर्दों की हड्डियों से नशा कर रहे लोग, इस देश में ये हो क्या रहा है?
इस नशे के चलते देश में इमरजेंसी लगानी पड़ गई. पिछले कुछ महीनों में हजारों लोगों की मौत हो गई. कब्रिस्तानों में सुरक्षा बढ़ा दी गई.
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असल में यहां के लोग कर रहे हैं ‘कुश’ नाम के ड्रग का नशा. नशा, जिसके लिए इंसान की हड्डियों की ज़रूरत पड़ती है. इसे स्टेप्स में समझ लेते हैं -
- क्या परेशानी है?
- नशा कैसे करते हैं?
- नशे से क्या होता है?

राष्ट्रपति जूलियस माडा बायो का कहना है कि ये नशा मौत के चंगुल से कम नहीं. कुछ रिपोर्ट्स का कहना है दिन में सिर्फ एक बार ये नशा करने से ही वो ऑल डे हाई रहते हैं. ये उनके लिए बेहद घातक है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ये नशा करने से पिछले कुछ महीनों में सैकड़ों युवाओं की मौत हो चुकी है. मरने वालों में ज्यादातर 18 से 25 साल के बीच के युवा हैं. कुश के ओवरडोज से शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं. रिपोर्ट की मानें तो अस्पतालों में भर्ती आधे से ज्यादा लोग कुश से जुड़ी समस्याओं के मरीज हैं.
सियेरा लियॉन के साइकेट्रिक अस्पताल द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की कही जाए, तो साल 2020 से 2023 के बीच कुश का नशा करने वालों की संख्या में चालीस गुनी बढ़ोत्तरी हुई है. बढ़ते मामलों के चलते वहां के कब्रिस्तानों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
‘कुश’ तो है मगर क्या?ब्रिटेन के मीडिया संगठन डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘कुश’ एक तरह का सिंथेटिक ड्रग है. सिंथेटिक ड्रग माने केमिकल के इस्तेमाल से बनाया गया ड्रग. फूंक कर इसका नशा किया जाता है. इसमें नशे के लिए गांजा, चरस और घातक केमिकल्स - जैसे कीड़े मारने वाली दवाइयों, मॉर्टीन वाला हिट - का इस्तेमाल किया जाता है. मगर इंसान यहां नहीं रुका. वे ते मुर्दों के शरीर से हड्डियां निकाल नशा करने लगा.
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पहले हड्डियों को पीसा जाता है. पीस कर पाउडर बनाते हैं और इसे कुश मिक्सचर में मिलाते हैं. फिर एक कागज में रोल कर के फूंक लेते हैं. इंसान की हड्डियों में मौजूद सल्फर कुश के नशे में कैटेलिस्ट का काम करता है. जलने पर हड्डियों में मौजूद सल्फर ऑक्सीजन के साथ रिऐक्ट करता है और सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) बनाता है. इससे भारी नशा होता है. इंसान 'स्टोन्ड' अवस्था में चला जाता है. माने हड्डियां नशे की पावर को दोगुना, तिगुना या शायद उससे भी ज्यादा बढ़ा देती हैं.
इस संकट को लेकर यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क में प्रोफेसर आयन हैमिलटन ने ‘न्यूजवीक’ को बताया,
अफ्रीका में इस्तेमाल होने वाला ड्रग कुश ट्रामाडोल (अफीम के पौधे से बना सिंथेटिक ड्रग), गांजा, फेनटानेल और कई बार फॉर्मेल्डिहाइड का भी इस्तेमाल करते हैं. ये ड्रग वहां (सियेरा लियॉन) के लोगों के बीच काफी पॉपुलर है. और आसानी से उपलब्ध हो जाता है.
फेंटानिल- इंटरनेट पर मौजूद जानकारी से पता चला कि इसका असर हेरोइन के नशे से 50 गुना ज्यादा और मार्फिन के नशे से 100 गुना ज्यादा होता है. साल 1959 में डॉक्टर पॉल जानेस्सन ने इसे बनाया था. हालांकि, तब इसे मेडिकल यूज के लिए ही बनाया गया था. लेकिन जैसा चाकू और इंटरनेट के बारे में कहा जाता है कि ‘अगर ये सही हाथों में पड़ा तो अच्छा, वर्ना…’ तो ऐसा ही ‘कुछ’ हुआ ‘कुश’ के केस में.
फॉर्मेल्डिहाइड - ये भी एक तरह का केमिकल है. इसका इस्तेमाल प्रिजरवेटिव के तौर पर किया जाता है. देखने में ट्रांसपेरेंट होता है. बहुत तेज बदबू आती है. नेचर में जहरीला होता है. प्लाई से लेकर खाने को प्रिजर्व करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.
क्या होता है इस नशे से?कुश का नशा खतरनाक है. न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, एक फेंटानिल, फॉर्मेल्डिहाइड और गांजे या चरस को इंसान की हड्डियों के साथ मिलाने पर हैलोसिनेशन महसूस होता है. इसमें इंसान बेसुध हो जाता है. एक तरह की काल्पनिक दुनिया में चला जाता है. या समझिए भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है.

सिएरा लियॉन के रहने वाले 25 साल के अबु बकर एक म्यूजिशियन है. कुछ समय पहले उन्होंने ये हड्डियों वाला कुश लेना शुरू किया था. इसे लेकर वो बताते हैं,
‘इस ड्रग के नशे ने मुझे जॉम्बी बना दिया है. अब मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाता हूं. न ही और किसी चीज पर.’
ये थी एक नए तरह के नशे से फैली त्रासदी जो बर्बादी लाई है. वैसे किसी भी तरह का नशा हानिकारक है, सेहत के लिए भी और समाज के लिए भी.
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