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AIMIM से गठबंधन पर बोले राउत, 'औरंगजेब की कब्र पर सिर झुकाने वालों का नहीं लेंगे साथ'

महाराष्ट्र AIMIM अध्यक्ष के प्रस्ताव पर आया संजय राउत का बयान.

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संजय राउत ने AIMIM के साथ गठबंधन की अटकलों को सिरे से नकार दिया है. फोटो- PTI और आजतक

शिवसेना ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के साथ गठबंधन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. इसके साथ ही, पार्टी ने AIMIM पर बीजेपी का 'गुपचुप' तरीके से साथ देने का भी आरोप लगाया है. शिवसेना की ओर से ये बयान सांसद संजय राउत ने दिया. उन्होंने AIMIM सांसद इम्तियाज जलील के प्रस्ताव के ठुकराते हुए ये बातें कहीं. इससे पहले AIMIM नेता जलील ने कहा था कि उनकी पार्टी NCP-कांग्रेस के गठबंधन में शामिल होने के लिए तैयार है और वो बीजेपी की 'बी पार्टी' नहीं है.

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संजय राउत ने इसके जवाब में कहा कि महा विकास अघाड़ी (MVA) तीन पार्टियों का गठबंधन है, इसमें किसी चौथे पार्टनर के लिए जगह नहीं है. संजय राउत ने AIMIM के साथ गठबंधन के दावों को झुठलाते हुए कहा,

इम्तियाज जलील AIMIM के सांसद हैं. मैं उनसे मिलता रहता हूं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि हम उनके साथ कोई गठबंधन बना रहे हैं. हम AIMIM के साथ गठबंधन बनाने के बारे में कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.

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आजतक से जुड़े पंकज उपाध्याय की रिपोर्ट के मुताबिक, राउत ने यहां तक कह डाला कि AIMIM के साथ गठबंधन के बारे में सोचना भी 'बीमारी' के बराबर है. उन्होंने कहा कि 'हम ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन कैसे कर लें, जो औरंगजेब की कब्र पर सिर झुकाती है'. उन्होंने कहा कि शिवसेना छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों पर चलती है और भविष्य में भी इसका ही पालन करेगी. उन्होंने आगे भाजपा और AIMIM के गठबंधन का आरोप लगाते हुए कहा,
AIMIM और भाजपा के बीच एक सीक्रेट गठबंधन है. आप सबने ये यूपी चुनाव में देखा होगा. इसलिए, हम ऐसी पार्टी (जिनका भाजपा से सीक्रेट गठबंधन हो) से दूरी ही बनाकर रखेंगे.
इससे पहले AIMIM के सांसद इम्तियाज़ जलील ने एक बयान में कहा था कि उनकी पार्टी कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन के लिए तैयार है. उन्होंने कहा था,
AIMIM को हमेशा भाजपा की जीत के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है, ऐसा कहा जाता है कि हम बीजेपी की 'B' टीम हैं. इसलिए, हमने उन्हें (कांग्रेस) को अपने साथ गठबंधन करने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि, महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ हैं, इसलिए वो हमारे साथ गठबंधन के लिए कभी राजी नहीं होंगे.
 

आपको बता दें कि AIMIM की महाराष्ट्र यूनिट के प्रमुख जलील ने 17 मार्च को एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेश टोपे से मुलाकात के बाद ये बयान दिया था. जलील ने कहा 'उन्होंने यह प्रस्ताव दिया है ताकि साफ हो जाए कि कौन किसके साथ है'. उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले उनकी मां का निधन हुआ था, जिसके बाद राजेश टोपे ने उनसे मुलाकात की थी.

वहीं, इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा की भी नजर बनी हुई है. हालांकि, भाजपा का ये कहना है कि उन्हें ऐसे गठबंधनों से कोई फर्क नहीं पड़ता है. इस मामले पर समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा,

शिवसेना के AIMIM के साथ गठबंधन करने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है. लोग हमें पीएम मोदी और हमारे द्वारा किए जा रहे कार्यों के चलते वोट देते हैं. ये सभी पार्टियां एक जैसी हैं, ऐसे में अगर सभी एक साथ आ जाती हैं तो भी कुछ बड़ा अंतर नहीं ला पाएंगी.

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उन्होंने आगे यह भी कहा कि जब ये पार्टियां चुनाव हारती हैं तो EVM पर आरोप लगाती हैं या AIMIM को भाजपा की B टीम बताने लगती हैं. उन्होंने कहा कि हमें ऐसी बातों पर ध्यान देने की कोई जरूरत नहीं है.

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