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अडानी ग्रुप ने एक साल में क्या-क्या किया, सबकी जांच करेगी SEBI, हिंडनबर्ग रिपोर्ट भी पढ़ेगी

हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के खिलाफ स्टॉक्स में हेराफेरी और अकाउंट में फ्रॉड करने के आरोप लगाए गए हैं.

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गौतम अडानी. (फोटो- इंडिया टुडे)

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के बाद से अडानी ग्रुप पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. अब इस मामले में सेबी (SEBI) ने एक्शन लेते हुए अडानी ग्रुप (SEBI to probe Adani Group) के पिछले एक साल में किए गए निवेशों और सौदों की जांच करने का फैसला लिया है. यही नहीं, SEBI हिंडनबर्ग (Hindenburg Report) की रिपोर्ट का भी अध्ययन करेगी.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, SEBI अडानी ग्रुप के विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की पहले से ही जांच कर रही है. इस जांच में SEBI अब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भी शामिल करेगी. रिपोर्ट्स के अनुसार SEBI तेजी से उन सभी लेनदेन की जांच कर रही है, जो अडानी ग्रुप ने लिस्टेड जगहों पर किए हैं.

हिंडनबर्ग रिपोर्ट में क्या है?

दरअसल फॉरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट (Hindenburg Report) तैयार की थी. रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के खिलाफ स्टॉक्स में हेराफेरी और अकाउंट में फ्रॉड करने के आरोप लगाए गए हैं. यही नहीं, रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर टैक्स हैवन के अनुचित इस्तेमाल और भारी-भरकम कर्ज (Adani Group Debt) को लेकर कई सवाल खड़े किए गए हैं.

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इधर, अडानी ग्रुप ने कहा कि ये रिपोर्ट दुर्भावना से भरी हुई है. रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताते हुए अडानी ग्रुप के लीगल हेड जतिन जलुंधवाला ने बताया,

“हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के खिलाफ हम कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए हम अमेरिकी और भारतीय कानूनों के तहत कार्रवाई करेंगे.”

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वहीं, अडानी ग्रुप द्वारा कानूनी कार्रवाई किए जाने की बात पर अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने कहा कि वो अपनी रिपोर्ट के पक्ष में पूरी तरह से खड़ी है. किसी भी कानूनी कार्रवाई का कोई भी आधार नहीं होगा. हिंडनबर्ग की ओर से ट्वीट कर कहा गया,

“अगर अडानी ग्रुप हमारे खिलाफ सच में कार्रवाई करना चाहता है, तो उसे अमेरिका में कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए. हम अमेरिका में ही काम करते हैं. हम कानूनी कार्रवाई के दौरान कई दस्तावेज की मांग भी करेंगे.”

हिंडनबर्ग की ओर से बताया गया कि उसकी तरफ से रिपोर्ट के अंत में 88 सवालों के जवाब मांगे गए थे. ये सवाल अडानी ग्रुप को निष्पक्ष होने का मौका देते हैं. लेकिन अभी तक अडानी ग्रुप की तरफ से किसी भी सवाल का जवाब नहीं आया है.  

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